Janmashtami 2023 Puja: भाद्रपद महीने में जन्माष्टमी के रूप में भगवान श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जन्माष्टमी के पर्व के दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में मध्य रात्रि को हुआ था। इसलिए जन्माष्टमी की पूजा भी मध्यरात्रि में ही की जाती है। इस साल जन्माष्टमी का पर्व 6 सितंबर 2023, बुधवार के दिन मनाया जायेगा। जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल की पूजा करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने से भगवान श्रीकृष्ण बहुत प्रसन्न होते हैं और पूरे परिवार पर कान्हा जी की कृपा बरसती है। तो चलिए जानते हैं जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल का श्रृंगार कैसे करना चाहिए और लड्डू गोपाल की पूजा करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
ऐसे करें लड्डू गोपाल का श्रृंगार

पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को गंगाजल से स्नान करवाकर पीले, हरे या लाल रंग के वस्त्र पहनाने चाहिए। इसके अलावा हम लड्डू गोपाल को मोरपंख और फूलों से बने हुए वस्त्र भी पहना सकते हैं। इसके बाद लड्डू गोपाल को मुकुट पहनाना चाहिए और मुकुट के ऊपर एक मोरपंख अवश्य लगाना चाहिए। लड्डू गोपाल के हाथों में एक छोटी बांसुरी रखनी चाहिए क्योंकि बांसुरी के बिना लड्डू गोपाल का सुंदर से सुंदर श्रृंगार भी अधूरा माना जाता है। लड्डू गोपाल के हाथों में बाजूबंद, सोने या चांदी से बने हुए छोटे कड़े, और उनके कानों में मोती से बने हुए कुंडल जरूर पहनाना चाहिए। लड्डू गोपाल के गले में वैजयंती माला जरूर पहनाएं। यह माला भगवान श्रीकृष्ण को बहुत अधिक प्रिय है।
ऐसे करें लड्डू गोपाल की पूजा

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मध्य रात्रि को लड्डू गोपाल का श्रृंगार करके और चंदन का टीका लगाकर उन्हें झूले वाले पालने में विराजमान करना चाहिए। इसके बाद लड्डू गोपाल की आरती करनी चाहिए। नए बरतन में लड्डू गोपाल को मिश्री – माखन, पंचमेवा और पंचामृत का भोग लगाना चाहिए। लड्डू गोपाल के भोग में तुलसी का उपयोग जरूर करना चाहिए। बिना तुलसी के लड्डू गोपाल की पूजा का शुभ फल प्राप्त नहीं होता। लड्डू गोपाल की पूजा करते समय गाय की मूर्ति की पूजा भी करनी चाहिए। पूजा के बाद प्रसाद को सभी में बांट देना चाहिए। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत के दिन अनाज ग्रहण करना वर्जित माना गया है। व्रत करने वाले साधक को मध्य रात्रि में लड्डू गोपाल की पूजा करने के बाद ही भोजन करना चाहिए और प्रसाद में फल, मिश्री माखन और धनिए से बनी हुई पंजीरी का ही सेवन करना चाहिए। इस तरह से लड्डू गोपाल की पूजा करने से व्यक्ति के घर में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है।
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