Jakhu Mandir: हिंदू धर्म में हनुमान जी को सर्वोच्च भक्त और उच्च भगवान माना गया हैं। जुड़े ग्रंथों के अनुसार देखा जाए तो भगवान श्री राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी आज भी इस धरती पर रहते हैं। माना जाता हैं की भगवान हनुमान कलयुग के खत्म होने तक धरती पर ही रहेंगे। पुराणों में कहा गया है कि भगवान श्री राम और माता सीता ने हनुमान जी को कलयुग में धर्म के नाश और धर्म के प्रसार के लिए अमरत्व का वरदान दिया था।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान हनुमान अपने प्रभु श्री राम की आज्ञा से आज भी धरती पर रहते हैं। भगवान हनुमान महाज्ञानी और पराक्रमी है। सतयुग में धरती पर जहां भी हनुमान जी ने विचरण किया था वहां आज भी उनके पद के निशान पाए जाते हैं। आज हम आपकों इस लेख के द्वारा उस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर आज भी भगवान हनुमान के पैरों के निशान मौजूद हैं, तो चलिए जानते हैं –
किस मंदिर में हैं भगवान हनुमान के पद चिन्ह

शिमला के जाखू मंदिर में आज भी हनुमान जी के पैरों के निशान मौजूद हैं। ऐसा माना जाता है की राम रावण युद्ध के दौरान जब लक्ष्मण जी के मूर्छित हो जाने पर पर भगवान हनुमान उनके लिए संजीवनी बूटी लेने हिमालय की और आकाश मार्ग से गए थे। तब उन्होंने एक तपस्या कर रहे यक्ष ऋषि को देखा, हनुमान जी विश्राम करने और संजीवनी बूटी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए जाखू पर्वत के जिस स्थान पर उतरे वहां आज भी उनके पद चिन्हों के निशान पाए जाते हैं।
हनुमान जी के पैरों के निशान छप जाने के की वजह से शिमला में इस मंदिर का निर्माण किया गया। इस मंदिर की खासियत यह है, कि यहां पर हनुमान जी की मूर्ति 108 फीट ऊंची स्थापित है। इस मूर्ति को देश की ऊंची मूर्तियां में गिना जाता है। इस मूर्ति को शिमला के ज्यादातर हिस्सों से देखा जा सकता है। इस मंदिर में देश-विदेश से भक्त दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर के चारों ओर का वातावरण हरा भरा है। इस मंदिर की यह मान्यताएं है कि जो भक्त सच्चे मन से यहां आते हैं उन्हें हनुमान जी खाली हाथ नहीं भेजते हैं यानी उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।
