घर में सुंदर पौधों की सजावट से आप घर के अंदर भी हरियाली का समावेश कर सकते हैं। सावन के झूले, ठंडी बयार, रिमझिम बारिश, चाय की चुस्की और पकौड़े, ऐसे में परिवार और प्रियजनों का साथ कौन सी गृहणी नहीं चाहेगी? कितना अच्छा हो यदि हम अपने रोजमर्रा के जीवन में ऐसी हरियाली का महत्व मानें और घर को रंग-बिरंगे महकते फूल-पौधों से सजाकर इस बरसात के मौसम का मजा दो गुना कर लें। यूं तो हम सभी जानते हैं कि पेड़-पौधे हमारे वातावरण को साफ करते हैं, सरल शब्दों में समझें तो ये हमारे लिए वही काम करते हैं जो हमारे फेफड़े शरीर में यानि अशुद्ध हवा लेकर शुद्ध हवा देना। देखने में ये जितने खूबसूरत लगते हैं, घर का तापमान उतना ही ठंडा रखते हैं, ऑक्सीजन देते हैं साथ ही पौधे मैगनेट यानि चुंबक की तरह घर में आसपास उड़ती धूल व गर्द भी अपने ऊपर ले लेते हैं।

 

इनडोर पौधे लगाएं –

घर की सुंदरता में चार-चांद लगाते इनडोर पौधों का रखरखाव भी बेहद आसान होता है।

-कुछ पौधे जैसे- मॉनेस्ट्रिया, पॉस, रबड़प्लांट, मनीप्लांट आदि वास्तव में किसी भी जगह का इंटीरियर मिनटों में बदल कर कमरे को नई ताजगी व नया लुक दे सकते हैं। एक खूबसूरत प्लांटर में लगा आकर्षक पौधा सारे कमरे का स्टाइल व लेआउट डिजाइन बदल कर उसी जगह की शोभा को चारगुना कर सकता है। वहीं सोफा, मेज-कुर्सी, एक बड़ा सा पाम का पौधा रखते ही खिले-खिले व ताजा से दिखने लगते हैं। 

-इनडोर प्लांट चुनते समय ध्यान रखें कि कमरे का साईज कितना बड़ा है, पौधा उसके अनुसार ही लें, हमेशा यह पहले प्लान कर लें कि पौधा बढ़ेगा तो किस ऊंचाई तक उसका जाना उचित रहेगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

-कहीं ऐसा न हो कि चारों ओर फैल जाने की वजह से कमरे के फर्नीचर या चलने-फिरने में रुकावट पैदा हो। साथ ही जैसी कमरे की रंग परियोजना हो वैसी ही कलर स्कीम पौधों के लिए भी चुनें। मसलन क्रोटन की कई किस्में जिनके पत्ते गाढ़े हरे व लाल से लेकर गोल्ड सुनहरी शेड के होते हैं, उन कमरों के लिए अच्छे रहेंगे जहां कमरे में सोफा- कुर्सी आदि गहरे चॉकलेट ब्राउन या फिर हरे रंग के हों। जहां पीला या हल्का आसमानी रंग के सोफे हों वहां विशेष रूप से मेल खाते फलों वाले पौधे को सजाना बेहतर रहेगा।

 

-हल्के रंगों में यदि कमरा सजाएं तो पौधे भी हल्के रंग के ही चुनें, इससे कमरे में ताजगी व नजाकत बनी रहेगी। इनडोर प्लांट्स चुनते समय हमेशा कमरे का साईज और फर्नीचर का स्टाइल भी ध्यान रखें।

 

-यदि घर छोटा हो तो बालकनी या फिर खिड़कियों में स्टैंड पर छोटे गमले लगा सकते हैं और इन्हें समय-समय पर ड्राईंग रूम में घर के भीतर भी ला सकते हैं।

-लटकती झूलती टोकरियों में छोटे-छोटे नगीनों से जगमगाते महकते फूल आपकी बालकनी में चार-चांद लगा देंगे।

 

 

-रसोई घर की खिड़की पर आप स्टैंड से गमले फिक्स करवा कर धनिया, पुदीना, तुलसी, हरी मिर्च, करेले आदि आराम से उगा सकती हैं।

-हरियाली के साथ-साथ हर बार ताजे हर्ब का प्रयोग कर पाएंगी आप, विशेष अवसरों पर आप इन छोटेछोटे गमलों को खाने की मेज पर भी सजा सकती हैं।

-घर के बाथरूम का तापमान कुछ पौधों के लिए बहुत अनुकूल होता है, जैसे- फर्न और बेबी टियर्स, इन्हें छोटे-छोटे कप में सजा कर बाथरूम भी आकर्षक बना सकती हैं। 

-बरसात के मौसम में कुछ पौधे मात्र कटिंग द्वारा लग सकते हैं। यदि आप अतिरिक्त खर्च न करना चाहें तो घर में बेकार पड़ी चीजों जैसे- कड़ाही, पुराने इडली कुकर, दूध लाने के डोल, केक बनाने के टिन, लोहे की बालटियां, लकड़ी के डिब्बे, हैंडल, टूटे पतीले, बांस की टोकरियों को आप गमलों के तौर पर प्रयोग कर सकती हैं। इन्हें एक्रेलिक रंगों से पेंट कर आप अपनी कलात्मक रुचि भी दिखा सकती हैं।

 

 

 

 

 

 

बेकार पानी को पौधों को सींचने के काम में लें –

  • चाय की पत्ती, अंडे के छिलके, सूप का पानी, सब्जी, दाल धोने के बाद का बचा पानी सब आपके इनडोर बगीचे के काम आएंगे।
  • कपड़े धोने के बाद साबुन धुला पानी तो इनके लिए विशेष तौर पर टॉनिक का काम करता है,क्योंकि सर्फ का कास्टिक सोडा फरटिलाइजर की तरह एक्ट करता है।
  • साथ ही फल-सब्जियों के छिलके भी खाद बनाने के काम आ सकते हैं।

 

कैसे पौधे चुने-

 

-यदि आप अभी शुरुआत ही कर रही हैं तो आरंभ में ऐसे पौधे ही चुनें, जिन्हें अधिक देखभाल की जरूरत न पड़े, ऐसे कुछ पौधे हैं- पाम, चाइना पाम, फाईकस डिफेनबेचिया, एस्परागस, फर्न मानेस्ट्रिया, सेंचुरी प्लांट, मनीप्लांट, स्पाइडर प्लांट, अंब्रेला, ग्रास इत्यादि।

-हमेशा एक ही तरह के प्लांट के दो अरेंजमेंट रखें ताकि एक को आप हर बार जब घर के भीतर सजाएं तो दूसरे को सूरज की रोशनी व ताजी हवा मिलती रहे और हर तीन-चार दिन पर उन्हें अदल-बदल कर दें।

 

 

वास्तु के अनुसार पेड़-पौधे लगाएं-

इस प्रकार साल भर आपको स्वस्थ, सजीली हरियाली मिलती रहेगी और आपके घर-आंगन में भी बसंत-बहार छाई रहेगी। वास्तु के अनुसार कुछ पेड़-पौधे विशेष रूप से शुभ माने गए हैं, साथ ही इनके लिए दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं।

-जैसे- तुलसी में विष्णु प्रिया लक्ष्मी का वास माना गया है और यह औषधि भी है, इसलिए हर हिन्दू घर में तुलसी का विशेष महत्व व स्थान रहता है।

-अनार के पौधे को सुबह सूर्योदय समय अघ्र्य देने से लक्ष्मी प्रसन्न होती है। अनार के पेड़ में लक्ष्मी का वास माना गया है, इसलिए इसे घर से बाहर कभी न लगाएं। अनार हमेशा घर के दक्षिणपूर्व में लगाएं, ईशान में पीला कनेर या गुड़हल लगाएं।

-दक्षिण-पश्चिम में आम आंवला कटहल लगाने से आर्थिक हानि की संभावना बढ़ जाती है। बेल का पेड़ उत्तर-पश्चिम दिशा के लिए अनुकूल है। जामुन दक्षिण-पश्चिम में लगाएं।

-इसी प्रकार कुछ विशेष पेड़-पौधे घर में लगाना सर्वथा वर्जित माना गया है, जैसे- खजूर, बेर या सुपारी आदि।

-इसी तरह सब कांटेदार झाडिय़ां और कैक्टस आदि कभी घर के भीतर न लगाएं। साथ ही नींबू का पेड़ कभी भी मुख्य द्वार पर न लगाएं। मधुमालती, पलाश, लाल कनेर, लाल चम्पा, मीठा नीम आदि घर को महकाते हैं, पर केतकी और चम्पा घर में न लगाएं। 

 

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