1.    किसान विकास पत्र (केवीपी)
ये भारत सरकार द्वारा जारी की गई लघु बचत योजना हैं, इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इन सर्टिफिकेट्स में लगाई रक़म एक निश्चित अविध के बाद दोगुना होकर मिलती हैं

क्या हैं विशेषताएं?
    इस योजना के तहत आप एक हजार, पांच हजार, 10 हजार और 50 हजार रूपए के सर्टिफिकेट खरीद सकते हैं,

   अपने बजट के अनुसार कितने भी सर्टिफिकेट्स, जैसेंः- 20 हजार, 80 हजार रूपए के खरीद सकते हैं, इन पर कोई प्रतिबंध नहीं हैं,

    केवीपी खरीदते समय अगर चेक से भुगतान करते हैं तो चेक इश्यू करने की तारीख से ही सर्टिफिकेट खरीदने की प्रांरभिक तिथि मानी जाएगी, न कि जिस तारीख को डाकघर के अकांउट में पैसा आया हैं, उस   तारीख सें,

    इन्हें एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के नाम पर , एक शाखा से दूसरी शाखा में आसानी से ट्रांसफर कर सकते हैं,

    इनमंे जमा की गई रक़म नौ वर्ष  चार महीनों मे दोगुनी होती हैं,

    ढाई साल के बाद आप कभी भी इन्हें  विडॅªा कर सकते हैं,

    इन सर्टिफिकेट को आप खुद, पत्नी, नाबालिक बच्चों या सयुक्त व्यक्तियों के नाम पर ले सकते हैं,

2.    वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम)
ये डाकघर द्वारा वरिष्ठ नागरिकांे के लिए जारी की गई बचत योजना हैं, 55-60 साल की उम्र का कोई भी व्यक्ति, जिसने सेवानिवृत्ति/स्वैच्छिक, सेवानिवृत्ति ली है, उसे अपनी सेवानिवृत्ति से एक महीने पहले यह खाता खोल लेना चाहिए

क्या हैं विशेषताएं?

    55-60 साल का ही नहीं, उससे अधिक उम्र का व्यक्ति भी डाकघर में खाता खोल सकता हैं

    कोई भी वरिष्ठ नागरिक एक से अधिक खाते खोल सकता हैं और अपने बजट के अनुसार संचालित कर सकता हैं

    इस बचत योजना की अवधि पंाच साल की हैं और इसमें नामांकन  व ट्रांसफर  की सुविधा भी हैं

    इस खाते में अधिक से अधिक, 24 लाख रूपए तक जमा करा सकते हैं,

    वरिष्ठ नागरिक केवल अपनी पत्नी या पति के साथ ही संयुक्त खाता खोल सकते हैं, बच्चो के साथ नहीं,

    एक लाख रूपए से अधिक का भुगतान करने के लिए वरिष्ठ नागरिकों को चेक का इस्तेमाल करना होता है औरएक लाख से कम राशि होने पर नकद राशि जमा कर सकते हैं,

    कोई भी वरिष्ठ नागरिक कितने ही खाते खोल सकता हैं, लेकिन उनका टोटल 15 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए,

    इस योजना में निवेश की गई राशि पर आयकर की धारा 70सी के तहत लाभ मिलता हैं,

    इस योजना में तिमाही ब्याजदर दी जाती हैं,

3.    सुकन्या समृद्धि योजना
इस योजना का लाभ किसी भी डाकघर या सरकारी बैंक से उठाया जा सकता हैं, इस योजना के अंतर्गत साल से कम उम्र की लड़की के अभिभावक ये खाता खोल सकते है,

क्या हैं विशेषताएं ?

    इस योजना केे तहत कम से कम 250 रूपए और अधिक से अधिक डेढ़ लाख रूपए सालाना जमा कर सकते हैं,

    इस योजना के दौरान 14 साल तक तय की गई राशि  जमा करनी होती हैं,

    खाता खोलने की तारीख से 21 साल तक ही यह योजना वैध होती हैं,

    लड़की के 17 साल पूरे होने के बाद अभिभावक 50 प्रतिशत जमा राशि निकाल सकते हैं,

    इसमें भी अन्य बचत योजनाओं की तरह तिमाही ब्याजदर संशोधित करके दी जाती है,

    आयकर की धारा 70सी के तहत यह योजना भी टैक्स फ्री हैं,

4.    राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी)
भारत सरकार द्वारा जारी की गई इस योजना का लाभ किसी भी डाकघर से उठाया जा सकता हैं, इस योजना का लाभ टैक्स में भी मिलता हैं, इसलिए इसमें निवेश करके टैक्स में छूट ले सकते हैं, लेकिन ये छूट केवल डेढ़ लाख रूपए तक ही मिलती है,

क्या हैं विशेषतांए?

    केवल भारतीय नागरकि ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, कोई एनआरआई नहीं,

    एनएससी को दूसरेे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर व नामांकन किया जा सकता हैं

    खो जाने पर डुप्लीकेट एनएससी बनाई जा सकती है,

    आवश्यकता पड़ने पर इस पर लोन भी मिलता हैं,

    मैच्योर होने पर यदि एनएससी की रक़म निकाली नहीं जाती हैं, तो बैंक एफडी की तरह अपने आप रिन्यू होने की बजाय इस पर सेविंग अकांउट की तरह ब्याज मिलता है,

    एनएससी पर प्रत्येक छह माह में कंपाउंड इंटेªस्ट मिलता हैं और वह इंट्रेस्ट उसी में रिइन्वेस्ट हो जाता हैं,

    अपने बजट के अनुसार सौ रूपए से  लेकर अधिकतम कितना भी निवेश कर सकते हैं,

    इसे मैच्योंरिटी की अवधि से पहले विड्राॅ नहीं किया जा सकता हैं,

5.    पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकांउट (पीपीएफ)
सरकार ने पीपीएफ को करमुक्त रखा हैं, इतना ही नहीं, इस अकाउंट मंे जमा रक़म में सेक्शन 70सी के तहत कर में छूट दी गइ्र्र है, इसमें सालाना न्यूनतम 500 रूपए से लेकर अधिकतम डेढ़ लाख रूपए तक जमा कर सकते हैं

क्या हैं विशेषताए?

    पीपीएफ अकाउंट कोई भी व्यक्ति, जैसे-किसान, बिजनेसमैन, रिक्शेवाला, सर्विसमैन खोल सकता हैं, इस खाते को खुलवाने की कोई आयु सीमा नहीं हैं,

    एक व्यक्ति अपने नाम से केवल एक ही पीपीएफ अकांउट खोल सकता हैं, उससे ज्यादा नहीं,

    अगर आपने अपना पीपीएफ अकाउंट खोला हैं, तो आप उसे 15 साल तक जारी रख सकते है,

    इसमें महीने में दो बार राशि जमा कर सकते हैं, लेकिन साल में केवल 12 ट्रांजैक्शन ही कर सकते हैं,

    बेहतर होगा कि पीपीएफ अकांउट में पांच तारीख से लेकर महीने की आखिरी तारीख के बीच रक़म डिपाॅज़िट करें, क्योंकि इन दिनों जो भी मिनिमम बैंलेंस आपके अकांउट में होता हैं, उस पर ब्याज मिलता हैं,

    यदि पूरे साल में एक बार भी पीपीएफ अकाउंट में पैसा जमा नहीं करते हैं, तो आपका अकांउट सस्पेंड कर दिया जाता हैं, हालांकि बाद मंे कुछ पिछला बकाया जमा करके उसे दोबारा जारी कर सकते हैं,

    बच्चे के नाम पर दो गार्जियन अलग-अलग पीपीएफ अकाउंट नहीं खोल सकते हैं,

6.    पोस्ट आॅफिस मंथली इन्कम स्कीम
पोस्ट आॅफिस की यह स्कीम सेवानिवृत्ति, वरिष्ठ नागरिकों और उन लोगों के लिए बहुत  फायदेमंद हैं, जिनकी रेग्युलर इन्कम नहीं होता, ये लोग अपनी एकमुश्त रक़म को पोस्ट आॅफिस में जमा कर उस पर हर महीने ब्याज पा सकते हैं,

क्या हैं, विशेषताए ?

    इसके तहत एक व्यक्ति पर्सनली और जाॅइंट दोनों तरह के खाते खोल सकता है,

    10 साल से कम उम्र के बच्चों के खाते खोले जा सकते हैं और 10 साल के बाद बच्चा अपना खाता स्ंवय संचालित कर सकता हैं,

    इस स्कीम की मैच्योरिटी डेट पांच साल की होती हैं, लेकिन दो-तीन साल के बाद रक़म निकालने पर कुछ राशि काटकर मिलती हैं,

    इसमें ट्रांसफर और नामांकन की सुविधा है।

    सिंगल की जाॅइंट अकाउंट में और जाॅइंट अकाउंट को सिंगल अकाउंट में कभी भी बदला जा सकता है।

7.    पोस्ट आॅफिस आरडी अकाउंट
इस योजना में छोटी-छोटी बचत से बड़ी रकम जोड़ना, अच्छी ब्याज दर और सुरक्षा की गारंटी होने के कारण अधिकतर लोग डाकघर की इस योजना का लाभ उठाते है।

क्या है विशेषताएं ?

    डाकघर की यह आरडी स्कीम सिर्फ पांच साल के लिए होती है, इससे कम अवधि की नहीं.

    इसमें प्रतिमाह कम से कम 10 रूपए का निवेश करना जरूरी है, लेकिन अधिकतम कितना भी जमा कर सकते है।

    इस खाते में तिमाही ब्याज मिलता है।

    इस आरडी आकाउंट में जमा राशि पर कोई टैक्स बेनीफिट नहीं मिलता।

    आपने यदि एक से 15 तारीख के बीच में खाता खुलवाया है तो आपको अगले माह की किश्त भी 1-15 के बीच में जमा करनी होती, यदि 16 से 30/31 तारीख के बीच में खाता खोला है, तो अगले माह भी समयावधि में राशि जमा करनी होती है।

    अगर निर्धारित अंतिम तिथि तक किश्त जमा नहीं करते है, लेट किश्त के साथ एक फीसदी प्रतिमाह की दर से जुर्माना जमा करना होता है।

    यदि खाते में लगातार चार किश्त जमा नहीं की है, तो पोस्ट आॅफिस अपने आप खाता बंद कर देता है।

    आरडी अकाउंट बंद हो गया है, तो अगले दो महीनों में आवेदन देकर खाता रिस्टार्ट कर सकते है।

8.    पोस्ट आॅफिस सेविंग अकाउंट
यह केन्द्र सरकार की स्कीम है, जो अच्छे ब्याज के साथ-साथ निवेश की सुरक्षा की गारंटी देती है।

क्या है विशेषताएं ?

    इस अकाउंट को केवल 20 रूपए में खोला जा सकता है, लेकिन अगर चेकबुक चाहिए, तो 500 रूपए से अकाउंट खोलना होगा।

    सारा लेन-देन नकद करना चाहते है, तो खाते में 50 रूपए न्यूनतम बैलेंस होना चाहिए, अगर चेक के द्वारा करना चाहते हैं, तो मिनिमम बैलेंस 1500 रूपए तक होना चाहिए।

    एक पोस्ट आॅफिस में एक व्यक्ति केवल एक सिंगल या जाॅइंट अकाउंट ही खोल सकता है।

    खाता खोलने के बाद उसे चालू रखने के लिए तीन साल में कम से कम एक बार ट्रांजेक्शन करना जरूरी है।

    खाता चाहे सिंगल हो या जाॅइंट, दोनों में चार फीसदी की दर से वार्षिक ब्याज मिलता है।

    बच्चों के  नाम पर भी पोस्ट आॅफिस सेविंग अकाउंट खोल सकते है।

9.    पोस्ट आॅफिस टाईम डिपोजिट अकाउंट (टीडी)
डाकघर की यह स्कीम दरअसल बैंक के फिक्स्ड डिपोजिट अकाउंट की तरह ही होती है, जिसमें एक से पांच साल तक टर्म डिपोजिट किया जाता है।

क्या है विशेषताएं ?

    इस स्कीम के तहत केवल व्यक्तिगत खाता खोला जा सकता है।

    बच्चों के नाम पर भी ये टर्म डिपोजिट स्कीम ले सकते है।

    इसके तहत न्यूनतम 200 रूपए से लेकर अपने बजट के अनुसार टर्म डिपोज़िट कर सकते है।

    इस योजना में चार पीरियड आॅप्शन होते है- एक साल, दो साल, तीन साल और पांच साल, अपनी योजना के अनुसार इनका लाभ उठाया जा सकता है।

    जितने लंबे समय के लिए टर्म डिपाॅजिट लेंगे, उतना अधिक ब्याज मिलता है।

    पांच साल वाले टर्म डिपोज़िट पर आयकर की धारा 70सी के तहत छूट मिलती है।

    मैच्योर होने पर टर्म डिपोजिट अकाउंट को रिन्यू करा सकते है, लेकिन रिन्यू कराते समय उस समय नई ब्याज दर के अनुसार ब्याज मिलता है।

    टर्म डिपोज़िट आरंभ होने के छह महीने तक पैसा नहीं निकाल सकते है, अगर छह महीने और एक साल के बीच में पैसा निकालते है, तो सेविंग अकाउंट की ब्याज दर के अनुसार ब्याज मिलता है, टर्म डिपाॅजिट के अनुसार नहीं।

    इस टर्म डिपाॅजिट के आधार पर लोन भी ले सकते है।

अलर्ट:- डाकघर की विभिन्न योजनाओं में मिलने वाले ब्याज की सही दर जानने के लिए अपने नजदीकी पोस्ट आॅफिस में जाएं, क्योंकि कुछ योजनाओं में ब्याज दर की गणना तिमाही और अर्धवार्षिक के आधार पर की जाती है, इसलिए यहां पर दी गई ब्याज दर अनुमानित है।