What is Palmistry Science: हस्तरेखा शास्त्र को ज्योतिष शास्त्र से संबंधित माना जाता है। ज्योतिष की इस विधि या विद्या को सीखना बहुत ही आसान है। इसके लिए आपको हथेली की बनावट, हथेली के निशान और रेखाओं का अध्ययन करना चाहिए। हथेली में उभरी आकृतियों को पर्वत कहा जाता है। इसलिए आपको सर्वप्रथम अंगूठे की बनावट, अंगुलियों और हाथ की रेखाओं को ध्यान से देखना चाहिए। किसी भी व्यक्ति का हाथ देखने के लिए सबसे पहले आपको हथेली को देखना चाहिए। हथेली की कोमलता और कठोरता पर ध्यान देना चाहिए। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, आप जितने ध्यान से हाथ की रेखाओं को देखेंगे आपका अनुमान भविष्य को लेकर उतना ही सटीक बैठता जाएगा। हाथ में बनी रेखाओं से किसी भी व्यक्ति के भविष्य में घटित होने वाली घटनाओं का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। आइए जानते हैं पंडित इंद्रमणि घनस्याल से हाथ की रेखाओं को किस प्रकार देखा जाता है।
हथेली की आकृति और रेखाएं

हिन्दू धर्म में कई ऐसी ज्योतिष विद्याएं है, जिनके प्रयोग से किसी भी व्यक्ति के जीवन में होने वाली घटनाओं का अनुमान लगाया जा सकता है। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार जीवन रेखा या लाइफ लाइन तर्जनी और अंगूठे के मध्य से निकलकर कलाई तक जाती है। मस्तिष्क रेखा तर्जनी अंगुली के नीचे से होती हुई हाथ के किनारे की तरफ बढ़ती जाती है। हाथ में ह्रदय रेखा हथेली के ऊपरी हिस्से में अंगुलियों से नीचे की तरफ शुरू होती है तथा तर्जनी अंगुली की तरफ बढ़ती है। मणिबंध जो हथेली में नीचे का स्थान होता है वहां से निकलने वाली रेखा भाग्य रेखा कहलाती है, जो मध्यमा अंगुली तक जाती है। इसके अलावा विधा रेखा की शुरुआत मध्यमा और अनामिका अंगुली के बीच से होती है और विवाह रेखा सबसे छोटी अंगुली के निचले हिस्से में स्थित होती है।
हथेली पर बनने वाले पर्वतों के बारे में जानें

हस्तरेखा शास्त्र में अंगूठे के नीचे बना पर्वत शुक्र पर्वत होता है। अनामिका अंगुली के निचले हिस्से में बनने वाले पर्वत को सूर्य पर्वत कहते है। गुरु पर्वत तर्जनी अंगुली के नीचे के हिस्से को कहा जाता है। शनि पर्वत मध्यमा अंगुली के नीचे स्थित होता है। कनिष्ठा अगुंली के नीचे वाले पर्वत को बुद्ध पर्वत कहा जाता है।
पर्वतों से हथेली की रेखाओं को समझना

जिन लोगों की हथेली की रेखाएं एकदम गहरी व स्पष्ट दिखाई देती हैं तो ऐसे लोग भाग्यशाली माने जाते हैं। ऐसी रेखाएं जिनकी लम्बाई सीधी और सरल होती है ऐसे व्यक्तियों को जीवन में जल्दी सफलता प्राप्त होती हैं। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति जिनकी हथेलियों में रेखायें हल्की व बीच में से कटी हुई होती है तो यह अशुभ प्रभाव डालती है। जबकि स्पष्ट और गहरी रेखाएं सौभाग्य को दर्शाने वाली होती है। हस्तरेखा शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हथेली में स्थित पर्वतों का उभार जितना अधिक होता है। उतना ही यह आपके लिए शुभ माना जाता है। इस तरह हाथ पर बनने वाली रेखाओं और निशान के माध्यम से आप अपने या किसी और के बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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