Budh grah
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Overview: बच्चों को बोलने या पढ़ने में परेशानी के लिए जिम्मेदार है बुध ग्रह

अगर आपका बच्चा बोलने या पढ़ने में कमजोर है, तो इसका कारण कुंडली में कमजोर बुध या चंद्रमा हो सकते हैं। ये ग्रह शिक्षा, वाणी और आत्मविश्वास को प्रभावित करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुछ सरल उपाय करके इन ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।

Budh Grah: अक्सर माता-पिता चिंता में रहते हैं जब उनका बच्चा बोलने में हिचकिचाता है, हकलाता है या पढ़ाई में कमजोर रहता है। कई बार बच्चे को पूरी सुविधाएं देने के बाद भी वह शिक्षा में मन नहीं लगा पाता। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इसका गहरा संबंध ग्रहों की स्थिति से होता है। खासतौर पर चंद्रमा और बुध ग्रह का व्यक्ति की एकाग्रता, बुद्धि और बोलने की क्षमता पर सीधा असर पड़ता है।

अगर ये ग्रह जन्म कुंडली में अशुभ या कमजोर स्थिति में हों, तो इसका प्रभाव शिक्षा, करियर और मानसिक विकास पर नकारात्मक रूप से दिख सकता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि बुध और चंद्रमा की स्थिति कमजोर होने पर बच्चे पर क्या असर डालती है और इसे दूर करने के उपाय क्या हैं।

बुध ग्रह का प्रभाव : वाणी और बुद्धि से जुड़ा ग्रह

बुध ग्रह व्यक्ति की बुद्धि, स्मरण शक्ति और वाणी का कारक माना जाता है। जब कुंडली में बुध छठे, आठवें या बारहवें भाव में होता है और उस पर बृहस्पति की दृष्टि पड़ती है, तो शिक्षा और करियर में कठिनाइयां आती हैं।

  • ऐसे लोग अपनी बात दूसरों के सामने स्पष्ट रूप से नहीं रख पाते।
  • बोलने में हकलाहट, तुतलाहट या आत्मविश्वास की कमी हो सकती है।
  • गणित और तर्कशक्ति से जुड़े विषयों में परेशानी आती है।
  • स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है, जिससे पढ़ाई और करियर में बाधाएं आती हैं।
  • अगर बुध पाप ग्रहों के साथ बैठा हो या कमजोर हो, तो व्यक्ति को व्यापार में हानि, त्वचा रोग, बाल झड़ने जैसी शारीरिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।

चंद्रमा का प्रभाव : मन और एकाग्रता का ग्रह

चंद्रमा को मन और मानसिक स्थिति का प्रतीक माना जाता है। जब कुंडली में चंद्रमा दोषग्रस्त या कमजोर होता है, तो व्यक्ति का मन भटकता है और शिक्षा में ध्यान नहीं लग पाता।

  • शिक्षा के क्षेत्र में लगातार संघर्ष करना पड़ता है।
  • अगर चंद्रमा पर बृहस्पति की दृष्टि हो, तो नकारात्मक प्रभाव कुछ हद तक कम हो जाता है।
  • कमजोर चंद्रमा भावनात्मक अस्थिरता और आत्मविश्वास की कमी भी लाता है।

कमजोर बुध के कारण होने वाली समस्याएं

यदि जन्म कुंडली में बुध कमजोर हो, तो कई तरह की समस्याएं सामने आ सकती हैं:

  • बोलने में दिक्कतें : हकलाना, तुतलाना या शब्दों का सही उच्चारण न कर पाना।
  • शिक्षा में बाधाएं : गणित और तर्कशक्ति की कमी।
  • करियर में असफलता : मेहनत करने के बावजूद अच्छे परिणाम न मिलना।
  • बिजनेस में नुकसान : गलत निर्णय या आत्मविश्वास की कमी के कारण।
  • शारीरिक परेशानी : त्वचा संबंधी रोग और बालों का झड़ना।

उपाय : इनसे दूर होगा अशुभ प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र में कुछ सरल उपाय बताए गए हैं, जिनसे बुध और चंद्रमा के अशुभ प्रभाव कम किए जा सकते हैं।

  • सुबह उठकर तुलसी के पत्ते खाएं और “ऊँ ऐं सरस्वतयै नमः” मंत्र का जप करें।
  • बुधवार के दिन भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करें।
  • एकाग्रता बढ़ाने के लिए पन्ना रत्न पहनें (ज्योतिषी की सलाह लेकर)।
  • सूर्य देव को जल अर्पित करें और हरी सब्जियों का सेवन करें।
  • रोज सुबह गायत्री मंत्र का जाप करें।
  • हरे रंग के कपड़े पहनें और स्नान के बाद माथे पर पीला चंदन लगाएं।

मैं आयुषी जैन हूं, एक अनुभवी कंटेंट राइटर, जिसने बीते 6 वर्षों में मीडिया इंडस्ट्री के हर पहलू को करीब से जाना और लिखा है। मैंने एम.ए. इन एडवर्टाइजिंग और पब्लिक रिलेशन्स में मास्टर्स किया है, और तभी से मेरी कलम ने वेब स्टोरीज़, ब्रांड...