बच्चे में बढ़ने लगी है जलन की भावना, ऐसे करें दूर
जलन और ईष्या के कारण बच्चे अपने भाई-बहन को ही अपना दुश्मन समझने लगते हैंI बच्चों के मन आने वाली इस तरह की भावना को दूर करना बेहद जरूरी है, वरना वे अकेलेपन का शिकार हो जाते हैंI
Jealousy in children:अक्सर बच्चों में दूसरे बच्चों के प्रति छोटी-छोटी बातों को लेकर मनमुटाव और जलन की भावना आ जाती है, जिसकी वजह से वे उनसे दूरी बनाने लगते हैंI अगर घर में कोई दूसरे बच्चों के बारे में बात भी करता है तो वे चिड़चिड़ा व्यवहार करने लगते हैं और अकेले रहने की कोशिश करते हैंI बच्चों में कभी-कभी ऐसी भावना केवल दूसरे बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि अपने भाई-बहन के लिए भी आने लगती हैI जलन और ईष्या के कारण वे अपने भाई-बहन को ही अपना दुश्मन समझने लगते हैंI बच्चों के मन आने वाली इस तरह की भावना को दूर करना बेहद जरूरी है, वरना वे अकेलेपन का शिकार हो जाते हैंI आइए जानते हैं कि आप बच्चों में दूरी और जलन की भावना को कैसे दूर कर सकती हैंI
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बच्चों की आपस में तुलना करने से बचें

कई बार बच्चों के बीच दूरी और जलन की भावना उनकी आपस में तुलना के कारण ही पैदा होती हैI उन्हें ऐसा लगने लगता है कि आप उन्हें दूसरे बच्चों से कमजोर समझती हैं, आपको उनकी अच्छी चीजें कभी दिखाई नहीं देती हैंI वे कितना भी अच्छा कर लें, आप कभी उनकी तारीफ नहीं करेंगीI बच्चे के मन से ऐसे विचार को दूर करने के लिए आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप बच्चे के सामने दूसरे बच्चे की बढ़-चढ़ तारीफ ना करें और ना ही अपने बच्चे को अपने शब्दों के माध्यम से निराश करने की कोशिश करेंI
बच्चे को ज्यादा अटेंशन देने से बचें

कई बार ऐसा भी होता है कि जब माता-पिता बच्चे को बहुत ज्यादा अटेंशन देने लगते हैं या फिर दूसरों के सामने उनकी बहुत ज्यादा तारीफ करते हैं तो उनके मन में घमंड की भावना आ जाती है और वे खुद को बाकि सभी बच्चों से ज्यादा तेज समझने लगते हैं और उनसे दूरी बनाने लगते हैं, इसलिए बच्चे को ज्यादा अटेंशन देने से बचेंI
रंग-रूप को लेकर कभी तुलना ना करें

अक्सर ऐसा होता है कि पेरेंट्स अनजाने में ही बच्चे की रंग-रूप की तुलना कर देते हैंI ऐसा करने से बच्चे को ऐसा लगता है कि वह बाकी बच्चों की तरह अच्छा नहीं दिखता है, इसलिए आपने उसे ऐसा कहा हैI ऐसे में जब वह दूसरे बच्चों से मिलता है तो इस बात को लेकर वह मानसिक रूप से इतना परेशान रहता है कि उनसे बिना बात के झगड़ा करता हैI
बच्चे से ज्यादा उम्मीद ना रखें

कई बार पेरेंट्स अपने बच्चों से उनकी क्षमता से ज्यादा उम्मीद रखने लगते हैंI वे चाहते हैं कि उनका बच्चा हर एक्टिविटीज में फर्स्ट आए और इसी वजह से वे बच्चे को मोटिवेट करने के लिए दूसरे बच्चों की सफलता के बारे में बताते रहते हैंI आपके ऐसा करने से बच्चा बहुत ज्यादा प्रेशर महसूस करने लगता है और जब वह आपकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता है, तो खुद को कमजोर महसूस करने लगता है और बाकि बच्चों की सफलता से चिड़ना शुरू कर देता हैI इसलिए बच्चे के ऊपर जरूरत से ज्यादा प्रेशर बनाने से बचेंI
