उबर कैब्स का नाम सुनते ही हमारे मस्तिष्क में महिला असुरक्षा का भाव सबसे पहले आ जाता है लेकिन आज हम इससे जुड़ी कुछ ऐसी महिलाओं के बारे में बता रहे है जो वाकई काबिले तारीफ है। असंभव को संभव करने वाली नारी की शक्ति का एक सटीक उदाहरण है ये महिलाएं जो उबर कैब्स में ड्राइवर हैं। आज हरप्रीत और सिंधू उस क्षेत्र में काम कर रही है जहा एक समय ऐसा भी था जब महिलाओं के होने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता था। 

 

 

हरप्रीत –

हरप्रीत कौर मुंबई में 10 साल थीं। उसके बाद उनकी शादी हो गयी तब वो दुबई की एक कंपनी में वह की स्टाफ मेंबर्स को लाने और छोड़ने का काम करती थी। कौर मध्य प्रदेश की है और उबर कैब्स में काम करने से पहले वह एक कपड़े की दुकान में काम करती थी। 

 

देखिये इस वीडियो में उनकी कहानी उन्हीं की जुबानी –

 

 

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सिंधु गोख्शे –

सिंधु का कहना है कि हर महिला में आत्मविशवास होना बहुत जरूरी है तभी वो घर और बाहर दोनों जगह संतुलन रख सकती हैं। उबर कैब्स में ड्राइवर का काम करके मैं जो भी पैसे कमाती हूं उससे मेरे बच्चों की पढ़ाई के लिए काफी सहयोग मिला है। 

 

 

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हरप्रीत और सिंधु गोख्शे के अलावा शबाना और ज़रीना की कहानी भी दिलचस्प है। 

 

 

 

 

शबाना –

 

शबाना एक साल से उबर कैब्स के लिए ड्राइवर का काम कर रही है। उन्होंने अपने माता-पिता को बिना बताये ड्राइविंग की ट्रेनिंग ली थी। जब उनके माता-पिता को पता चला की वह उबर कैब्स के लिए ड्राइवर की नौकरी करना चाहती हैं तो उनके पेरेंट्स हैरान हो गए थे। आखिरकार शाबाना ने उन्हें मना लिया और उन्हें बताया कि अगर कभी कोई परेशानी आती है तो उसके लिए उन्होंने मार्शल आर्ट भी सीख लिया है। शबाना कहती हैं कि एक महिला और पुरुष दोनों बराबर है और महिला किसी भी क्षेत्र में काम कर सकती है। 

 

ज़रीना –

 

ज़रीना ने बहुत सारी महिलाओं की मदद की। कार खरीद कर ड्राइविंग सीखने से लेकर उबर और वीरा कैब्स में नौकरी दिलवाने तक। 

 

 

 

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