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हाय मै शर्म से लाल हुई

बात उस समय की है जब मेरी नई-नई शादी हुई थी। नया माहौल, नए लोग, तो घबराना तो स्वाभाविक ही था। मेरे पति एक फैक्ट्री में काम करते हैं, जहां शिफ्ट में काम होता है। एक बार उनकी शिफ्ट सुबह की थी। वो जल्दी-जल्दी तैयार होकर निकलने ही वाले थे कि इन्होंने मुझसे कहा कि कुछ मुंह में लगाने के लिए ले आओ। मैं कुछ और समझ कर एक क्रीम ले गई, मुंह में लगाने के लिए। क्रीम देख कर पहले तो ये गुस्सा हुए, फिर खुद ही हंस पड़े और बोले अरे पागल मैं क्रीम की बजाय कुछ खाने के लिए बिस्किट वगैरह मांग रहा हूं। यह सुनकर मैं भी हंस पड़ी और जल्दी से बिस्किट-पानी उन्हें ला कर दिया, फिर टिफिन देकर उन्हें बाय किया।

आज शादी के छह साल हो गए हैं, लेकिन जब भी यह वाकया याद आता है तो मैं मुस्कुराए बिना नहीं रह पाती हूं।

रूचि शाह
कोरबा (छत्तीसगढ़)

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