Hindi Motivational Story: चीन के दार्शनिक कन्फयूसियस की कीर्ति चारों ओर फैली थी। लोग उनसे मिलने दूर-दूर से आते थे। एक दिन एक राजा ने उनसे पूछा कि क्या कोई ऐसा व्यक्ति भी है, जो महान हो लेकिन कोई उसे जानता ना हो? कन्फयूशियस मुस्कराए और बोले, ‘दुनिया ऐसे असाधारण लोगों से भरी पड़ी है। सुनकर राजा को घोर आश्चर्य हुआ। कन्फयूसियस ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘चलिए आपको ऐसे ही व्यक्ति से मिलवाते हैं।
कन्फयूसियस राजा को लेकर एक गाँव की ओर चल पड़े। काफ़ी दूर चलने के बाद एक बूढ़ा नज़र आया, जो एक पेड़ के नीचे घड़े में पानी भर कर बैठा था। गर्मी से लगातार चलने से थक चुके इन दोनों लोगों ने बूढ़े से पानी माँगकर पिया। गर्मी से राहत मिली तो दोनों की जान में जान आई। राजा ने बूढ़े को देने के लिए पैसे निकाले तो उसने पैसे लेने से इंकार कर दिया। बोला, ‘हे राजा! मैं कोई दुकानदार नहीं हूँ। मैं तो लोगों की प्यास बुझाने की एक छोटी-सी कोशिश कर रहा हूँ, जो मैं इस उम्र में कर सकता हूँ। घर मे अकेले बैठकर भी क्या करना, इसलिए यहाँ घड़े में पानी और चने लेकर बैठा हूँ। इसमें मुझे असीम शांति मिलती है।
कन्फयूसियस राजा से बोले, ‘आप समझ ही गए होंगे कि मैं क्या कहना चाहता हूँ।
ये कहानी ‘नए दौर की प्रेरक कहानियाँ’ किताब से ली गई है, इसकी और कहानी पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं – Naye Dore ki Prerak Kahaniyan(नए दौर की प्रेरक कहानियाँ)
