विभा शाम की चाय का कप लेकर टीवी के सामने दिनभर की ख़बरों से अपडेट होने के लिए बैठी थी मगर अपसेट हो गई. “मासूम के साथ कुकर्म… नाबालिग की बलात्कार के बाद हत्या… 6 साल की बच्ची के साथ दरिंदगी… रिश्तेदार ही निकला दुष्कर्मी…” उफ़्फ़! चाहे न्यूज़ चैनल हो या अखबार. हर तरफ यही ख़बरें देखने-सुनने और पढ़ने को मिल रही हैं. बच्चे कहीं भी सुरक्षित नहीं है. क्या लड़के और क्या लड़कियां, ये सिरफिरे मानसिक रोगी किसी को भी अपना शिकार बना लेते हैं.” विभा का मूड खराब हो गया तो उसने टीवी ही बंद कर दिया.
आठ साल के विहान की मां विभा बैंक में कार्यरत एक सिंगल मदर है. जब विहान सिर्फ साल भर का था, तभी विभा का अपने पति से तलाक हो गया था. दिल्ली में थी तो उसे लक्ष्मी जैसी सुघड़ आया मिली हुई थी, जो विहान के साथ-साथ उसके घर का भी ख़याल रखती थी, मगर जब लखनऊ ट्रांसफर के ऑर्डर आए तो वह विहान को लेकर बहुत परेशान हो गई थी. जो दुराचार दुनिया-भर में बच्चों के साथ हो रहा है, वह कभी विहान के साथ भी हो सकता है. मुझे विहान को “गुडटच- बैडटच” के बारे में समझाना पड़ेगा. उसे आत्मरक्षा के कुछ आसान से तरीके सिखाने पड़ेंगे. उसे बताना पड़ेगा कि कैसे इस तरह की अनचाही परिस्थितियों से सकुशल निकला जाये.” विभा के दिमाग में इस तरह के विचार अक्सर आते रहते थे, मगर आज टीवी पर न्यूज़ सुन कर तो उसने विहान से बात करने का निश्चय ही कर लिया था.
विभा ने उससे पूछा- “विहान! अगर कोई अनजान व्यक्ति तुम्हें टॉफ़ी-चॉकलेट दे तो तुम क्या करोगे?”
“अगर मेरी मनपसंद “डेयरी मिल्क सिल्क” हुई तो खा लूंगा.” विहान ने बड़ी ही मासूमियत से कहा.
“नहीं बेटा! तुम देखते हो ना, फिल्मों में कैसे लोग नशीला खाना खिलाकर बेहोश कर देते हैं और फिर उन्हें लूट लेते हैं किडनैप कर लेते हैं. कभी-कभी तो मार भी डालते हैं, इसलिए कभी भी किसी अनजान व्यक्ति से कुछ भी लेकर नहीं खाना.. ठीक है?” विभा ने विहान को समझाते हुए कहा.
“ओके माँ!”
“ठीक है!”
“विहान! आज हम “गुडटच-बैडटच” के बारे में बात करेंगे.” दूसरे दिन सोने से पहले विभा ने विहान से कहा.
“वो क्या होता है माँ?”
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“देखो! जब कोई तुम्हें तुम्हारी मर्जी के खिलाफ़ जबरदस्ती प्यार करने की कोशिश करे तो उसे बैडटच कहते हैं. हमें अपने शरीर को किसी को भी बैडटच नहीं करने देना चाहिए. समझे?” कुछ ही दिनों में विभा ने विहान को बहुत सी बातें याद करवा दी, जैसे कभी स्कूल की छुट्टी जल्दी हो जाए तो स्कूल के फोन से मां को फोन करना है और वहीँ स्कूल में बैठ कर मां का इंतज़ार करना है. अकेले या किसी अनजान के साथ नहीं जाना है. कहीं भी टॉयलेट के लिए अकेले नहीं जाना है. कोई अनजान व्यक्ति कितना भी लालच दे या डराये-धमकाये, उसकी बातों में नहीं आना है. किसी भी लावारिस या संदिग्ध वस्तु को हाथ नहीं लगाना है आदि-आदि. इसके साथ ही विभा ने उसे नजदीकी पुलिस स्टेशन और चाइल्ड हेल्पलाइन के नंबर भी याद करवा दिए. सबसे जरूरी बात जो विभा ने उसे जोर देकर समझाई, वह ये कि कभी भी अपराधी पर शारीरिक रूप से हावी होने की कोशिश नहीं करना, क्योंकि वह निश्चित रूप से तुमसे ताकतवर होगा और उसके पास हथियार भी हो सकता है.
“और हां! अगर कोई तुम्हारे प्राइवेट पार्ट को छूने की कोशिश करे तो चिल्लाना है. समझे?” विभा ने उसे समझाते हुए कहा.
“प्राइवेट पार्ट्स कौन से होते हैं मां?” विहान ने मासूमियत से पूछा तो विभा को किसी पत्रिका में पढ़ा हुआ याद आया.
“स्वीमिंग पूल में नहाते समय हम अपने शरीर के जो हिस्से ढक कर रखते हैं, उन्हें प्राइवेट पार्ट्स कहते हैं.” विभा ने उसकी जिज्ञासा शांत की.
“और हां! मां से कभी भी कोई बात छिपाना नहीं.” विभा ने उसे समझाया. विभा संतुष्ट थी कि विहान अपनी हर अच्छी-बुरी बात उसके साथ शेयर करता है और वह भी उसके मन में सिर उठाते प्रश्नों के बहुत ही सहजता से जवाब देती है. इस बात को दो-तीन दिन बीत गए. एक दिन अचानक विभा ने महसूस किया कि विहान पढ़ते-पढ़ते अचानक शून्य में देखने लगता है. वह किसी गहरी सोच में डूब जाता है.
“क्या हुआ विहान? कोई परेशानी है क्या?” विभा ने पूछा.
“मां! बस वाले अंकल लड़कियों को बैडटच करते हैं.” सुनते ही विभा सकते में आ गई.
“मगर तुम्हें कैसे पता, तुम कहां बस में जाते हो?”
“जब आप मुझे स्कूल छोड़ के जाती हो, तब मैं वहीं खड़ा होकर अपने दोस्तों का इंतज़ार करता हूं. तब मैंने देखा कि वो एक लड़की को बैडटच कर रहे थे.”
दूसरे दिन विभा ने स्कूल की प्रिंसीपल से बात की. प्रिंसीपल ने पहले सीसी टीवी कैमरे के फुटेज देखे और दूसरे दिन खुद अपनी आंखों से देखा कि बस कंडक्टर बच्चियों को बस से उतारते समय उन्हें अश्लील तरीके से छू रहा है. उन्होंने बस से आने वाली सभी लड़कियों को अपने चैम्बर में बुलवाकर उन्हें समझाया, “आज का समय डरने का नहीं, बल्कि गलत बातों के खिलाफ़ आवाज उठाने का है, वरना ये डर आपको हमेशा के लिए दब्बू बना सकता है.”
स्कूल प्रशासन ने बस कंडक्टर को तुरंत प्रभाव से हटा दिया तथा भविष्य में होने वाली किसी भी नई भर्ती में सभी के लिए पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया. साथ ही स्कूल में बच्चों को “गुडटच-बैडटच” के बारे में जानकारी देने के लिए विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें विभा को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया. विभा खुश थी कि उसके इस प्रयास से कई बच्चे दुराचार के काले साये से बचेंगे.
