Overview:मॉनसून में ‘ब्रेन हैक’ कर रहा है एक कीड़ा, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय
बरसात के मौसम में टेपवर्म नामक कीड़ा दूषित खाने या अधपके मांस से शरीर में प्रवेश कर सकता है और ब्रेन तक पहुंचकर खतरनाक संक्रमण फैला सकता है। इससे सिरदर्द, मिर्गी, उलझन जैसे लक्षण हो सकते हैं। समय पर इलाज जरूरी है। साफ पानी, साफ खाना और हाइजीन बनाए रखना ही इससे बचाव का सबसे असरदार तरीका है।
Monsoon Brain Infection: बरसात का मौसम जहां तेज गर्मी से सुकून देता है, वहीं कई बीमारियों को भी दावत देता है। इस मौसम में सिर्फ सर्दी-जुकाम या डेंगू-चिकनगुनिया ही नहीं, बल्कि एक और खतरनाक खतरा भी छुपा है—एक ऐसा कीड़ा जो हमारे ब्रेन तक पहुंच सकता है और जानलेवा संक्रमण फैला सकता है। यह कीड़ा शरीर में Unhygienic food, अधपके मांस या दूषित पानी से प्रवेश करता है।
इस संक्रमण को मेडिकल भाषा में न्यूरोसिस्टिकोसोसिस (Neurocysticercosis) कहा जाता है, जो टेपवर्म नामक कीड़े के कारण होता है। बरसात में गंदगी और पानी के ठहराव से ये कीटाणु तेजी से फैलते हैं, और छोटी सी लापरवाही बड़ी बीमारी में बदल सकती है।
तेज सिरदर्द, मिर्गी के दौरे, उलझन या बार-बार उल्टी जैसे लक्षणों को हल्के में न लें। बारिश के मौसम में साफ खाना, शुद्ध पानी और हाइजीन बनाए रखना ही आपकी सबसे बड़ी सुरक्षा है। आइए जानते हैं इस कीड़े से जुड़ी जरूरी जानकारी और बचाव के आसान तरीके।
कौन है यह ब्रेन पर अटैक करने वाला कीड़ा?

यह कीड़ा टेपवर्म कहलाता है और आमतौर पर गंदे या अधपके खाने से शरीर में पहुंचता है। बरसात में खुले खाने, अधपके मांस या गंदे हाथों से यह संक्रमण और तेज़ी से फैल सकता है। शरीर में जाते ही यह कीड़ा खून के ज़रिए ब्रेन तक पहुंच सकता है और वहां सूजन या इंफेक्शन पैदा कर सकता है। यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है अगर समय रहते इलाज न किया जाए। खासकर जिन जगहों पर पानी भरा रहता है या सफाई नहीं होती, वहां इसका खतरा ज़्यादा होता है।
इस संक्रमण के लक्षण क्या हो सकते हैं?

शुरुआत में टेपवर्म का संक्रमण सामान्य लग सकता है, लेकिन समय के साथ इसके लक्षण तेज़ होते जाते हैं। मरीज को सिर में लगातार दर्द, उल्टी आना, चक्कर या मिर्गी जैसे दौरे महसूस हो सकते हैं। कुछ मामलों में Mental Illusion, बोलने में दिक्कत या देखने में धुंधलापन भी होता है। यह लक्षण ब्रेन में कीड़े के पहुंचने और सूजन का संकेत हो सकते हैं। अगर बरसात के दौरान कोई भी ऐसा लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर जांच और इलाज से गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है।
बरसात में कैसे फैलता है यह संक्रमण?
बरसात के दिनों में गंदा पानी, खुले में बिकता खाना और साफ-सफाई की कमी इस संक्रमण को फैलाने में मदद करते हैं। खुले बाजारों में बिकने वाली सब्जियां, फल या स्ट्रीट फूड पर टेपवर्म के अंडे चिपक सकते हैं। अधपका मांस, खासकर सूअर का, इसका मुख्य स्रोत माना जाता है। बरसात में बहते गंदे पानी या नालियों के पास रहने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। खाना बनाने से पहले सब्जियों को अच्छे से धोना, पानी को उबालकर पीना और हाथों की सफाई बेहद जरूरी है।
कैसे बचें इस जानलेवा ब्रेन कीड़े से?
इस संक्रमण से बचाव के लिए खान-पान और हाइजीन का खास ध्यान रखें। हमेशा उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएं। खाने से पहले और खाना बनाते समय हाथ धोना जरूरी है। फल और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर ही इस्तेमाल करें। मांस को पूरी तरह पकाकर ही खाएं, खासकर बरसात में। स्ट्रीट फूड, गंदे हाथों से बना खाना या खुले में बिक रही चीज़ों से बचना ही सबसे अच्छा उपाय है। बच्चों को गंदे पानी या कीचड़ में खेलने से रोकें और घर के आसपास सफाई बनाए रखें।
समय रहते इलाज है जरूरी, न करें लापरवाही
अगर किसी को लगातार सिरदर्द, मिर्गी के दौरे, उल्टी या मानसिक भ्रम जैसे लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। डॉक्टर CT स्कैन या MRI से ब्रेन में कीड़े की मौजूदगी की जांच करते हैं। इसका इलाज ऐंटी-पैरासाइटिक और सूजन कम करने वाली दवाओं से संभव है। सही समय पर इलाज न मिले तो ब्रेन पर स्थायी असर भी हो सकता है। इसलिए बरसात के मौसम में सेहत को लेकर सतर्क रहें और कोई भी लक्षण नज़रअंदाज़ न करें।
