Sanitary Pads Effects: सेनेटरी पैड दुनिया की आधी आबादी में करोड़ों महिलाओं के जीवन का अहम् हिस्सा है। जिसे वह हर महीने मासिक धर्म चक्र के 5 दिनों में हाइजीन बनाए रखने और कई तरह की बीमारियों से बचने के लिए इस्तेमाल करती हैं। अन्य मेन्सट्रुअल हाइजीन प्रोडक्ट्स की तुलना में सेनेटरी पैड पीरियड के दौरान उपयोग करने में आसान, बेहद कारगर और सुरक्षित माने जाते हैं। हमारे देश खासकर शहरों में पिछले कुछ दशकों में हाइजीन के प्रति जागरूकता बढ़ने की वजह से इनके इस्तेमाल करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है।
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के हिसाब से 15 से 24 साल की 64 प्रतिशत महिलाएं मासिक धर्म चक्र में इन्हें अपनाती हैं। जिनमें शहरी इलाकों में हर 4 में से 3 किशोर युवतियां हैं और वो अपने जीवनकाल में तकरीबन 17 हजार सेनेटरी पैड इस्तेमाल करती है। लेकिन बड़े पैमाने पर उपयोग किए जाने वाले सेनेटरी पैड के संदर्भ में हाल ही में स्टडी ने इस तथ्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह स्टडी स्वीडिश एनजीओ-इंटरनेशनल पोल्यूटेंट एलिमिनेशन नेटवर्क ने भारतीय एनजीओ -टाॅक्सिक्स लिंक के साथ मिलकर की। स्टडी में भारतीय बाजार में बेचे जा रहे 10 ब्रांडों के सेनेटरी पैड को शामिल किया गया है।
वैज्ञानिकों की माने तो महिलाओं की स्किन के बनिस्बत वजाइना एरिया की स्किन ज्यादा सेंसेटिव होती है जिसकी वजह से इस एरिया में सेनेटरी पैड में इस्तेमाल किए जाने वाले कैमिकल का ज्यादा असर होता है। महिला को स्किन में जलन और एलर्जी की शिकायत हो सकती है। ये कैमिकल वजाइना की म्यूकस मेम्ब्रेन झिल्ली (जो बहुत सेंसेटिव स्किन होती है) के माध्यम से अवशोषित हो जाते है। शरीर के भीतर पहुंचकर कैंसर सेल्स बनाने में सक्षम होते हैं। भविष्य में इन कैमिकल से महिलाओं को कैंसर (सर्वाइकल केंसर, ओवरी केेंसर) होने का ही खतरा नहीं रहता, वे मातृत्व सुख से भी वंचित या इंफर्टिलिटी का शिकार भी हो सकती हैं।
इन कैमिकल का होता है इस्तेमाल–

ड्राई फील सेनिटरी नैपकिन कैमिकल से भरे होते हैं जो ब्लड को जेल के रूप् में परिवर्तित करते है और हम इसे सूखा महसूस कराते हैं। एक्सपर्ट्स का दावा है कि चयनित सेनेटरी पैड में ये कैमिकल पाए गए जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं-
1)कार्सिनोजेन, रिप्रोडक्टिव टाॅक्सिन, एंडोक्राइन डिसरप्टर्स, एलरजींस जैसे जहरीले कैमिकल। 2)थाइलेट्स और वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (वाॅलेटाइल आर्गेनिक कंपाउंड) तत्व भी मिले।
3)पैड की सोखने की क्षमता को बढ़ाने के लिए सेल्यूलोज का इस्तेमाल किया जाता है।
4)पैड को अल्ट्रा वाइट बनाने के लिए डायऑक्सीजन से ब्लीच किया जाता है।
5)खुशबू को बढ़ाने के लिए डियोड्रेंड भी इस्तेमाल किया जाता है।
जगरूकता है जरूरी
हालांकि ऐसी रिपोर्ट महिलाओं का मनोबल गिराती है, उनमें चिंता बढ़ाने वाली या कहें डराने वाली है। लेकिन यह भी सच है कि उन्हें मेन्सट्रुअल हाइजीन की अनदेखी करने या सेनेटरी पैड का इस्तेमाल बंद नहीं कर देना चाहिए। वास्तव में इस तरह की स्टडी का उद्देश्य महिलाओं को हाइजीनिक और कैमिकल रहित पैड का इस्तेमाल करना है जिसके लिए सरकार ही नहीं, महिलाओं में भी जागरूकता की जरूरत है।
अपनाएं विकल्प
महिलाएं सिंथेटिक सेनेटरी नेपकिन के बजाय आर्गेनिक पैड इस्तेमाल कर सकती हैं, जो बाजार में लगभग सभी ब्रांडों के पास उपलब्ध हैं। आर्गेनिक पैड काॅटन, जूट और बांस से बनते हैं। काॅटन पैड भी बेहतरीन विकल्प है। ध्यान रखें कि इन्हें भी 4-5 घंटे के अंतराल में बदल लें। इन्हें इस्तेमाल करने के बाद अच्छी तरह धोकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि पीरियड का फ्लो कम हो तो पीरियड-पैंटी या पैेेंटी-लाइनर का उपयोग भी कर सकती हैं।
इन दिनों महिलाएं मेन्स्ट्रुअल कप और टैम्पून का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। गम रबर से बने मेन्स्ट्रुअल कप आसानी से उपलब्ध और लंबे समय तक चलने वाले (तकरीबन 8-10 साल) हैं। बस महिलाओं को थोड़ा-सा हाइजीन का ध्यान रखना पड़ता है।
रहें सजग
हालांकि इस स्टडी से महिलाओं को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि अभी इस पर अभी रिसर्च के प्रमाणिक परिणाम नहीं हैं। डिस्पोजेबल सेनेटरी नैपकिन का उपयोग अगर सावधानी से किया जाए, तो इनका इस्तेमाल करना सेहत के लिए उतना नुकसानदायक नही है। महिलाएं अगर विंग्स वाले सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें 3-4 घंटे में बराबर बदलती रहें – तो ये ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाते। फिर भी महिलाओं को जागरूक होने की आवश्यकता है कि वो जो प्रोडक्ट इस्तेमाल कर रही हैं, वो कैमिकल-फ्री है या नहीं, उसके इस्तेमाल करने से कितना खतरा है। सेनेटरी पैड खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
- यह चैक करें कि वो कैमिकल-फ्री हो या उसमें कम से कम कैमिकल हो। इसे पैड के पैकेट के पीछे लिखी सामग्री में पढ़ सकती हैं।
- यह भी ध्यान रखें कि वो प्लास्टिक से बने सिंथेटिक होने के बजाय आर्गेनिक हो जिससे वो बाॅयोडिग्रेडेबल यानी पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाने वाला हो।
- विज्ञापन को देख कर भूलकर भी खुशबूदार सेनेटरी पैड न खरीदें। क्योंकि कई कंपनियां दावा करती हैं कि इनके इस्तेमाल से आप दिन भर महकती रहेंगी। लेकिन कुछ देर की खुशबू आपकी सेहत के लिए भारी हो सकती है क्योंकि खुशबूदार कैमिकल वजाइना एरिया की स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है।
(डाॅ भारती कालरा, स्त्री रोग विशेषज्ञ, भारती अस्पताल, करनाल और डाॅ उमंग मित्तल, चीफ सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, मेरठ कैंसर अस्पताल, मेरठ)