‘‘मेरी पत्नी गर्भवती होने के बाद से सेक्स में काफी रुचि लेने लगी है क्या यह सामान्य है? मैं शिकायत नहीं कर रहा क्या ऐसा करना सुरक्षित रहेगा?”
दरअसल हार्मोनों की वजह से आपकी पत्नी के शरीर के अंग सूज गए हैं व उनमें रक्त प्रवाह बढ़ गया है। इसलिए वह कामेच्छा महसूस करती है। ऐसा भी हो सकता था कि उसकी सेक्स में बिल्कुल रुचि न रहती। यदि डॉक्टर ने हरी झंडी दिखा रखी है तो इसमें कोई हर्ज नहीं है। जब भी उसका मूड हो तो आप भी तैयार हो जाएँ। हाँ, इस समय पुराने ढर्रे पर चलने की बजाए उसकी पसंद नापसंद का खास ध्यान रखें। इन महीनों में उसकी कामेच्छा में कई तरह के बदलाव आएँगे और आपको उसके मूड के हिसाब से चलना होगा।
सेक्स के बारे में जरूरी बातें
- हो सकता है कि आपको संभोग का अवसर न मिले तो आनंद पाने के कुछ वैकल्पिक उपाय खोजें जैसे-हस्तमैथुन, मुखमैथुन या फिर दोतरफा मालिश वगैरह।
- ऐसी पोजीशन चुनें जो उनके लिए आरामदायक हो जिसमें उसके पेट पर कम से कम दबाव पड़े। आप दोनों स्पूने मुद्रा में भी लेट सकते हैं ताकि पेट का उभार बीच में न आए।
- उसकी हिदायतों पर ध्यान दें। उसके शरीर में किसी भी जगह तकलीफ या दर्द हो सकता है। उनसे पूछ कर ही आगे बढ़ें।
- माना आप इसे पहले कर चुके हैं लेकिन अब आपको इसे प्रेगनेंसी स्टाइल से करना होगा। काफी कुछ बदल रहा है, उसी हिसाब से अपना स्टाइल बदलें। दूसरी ओर से मूड बनने का इंतजार करें। गर्भवती महिला का मूड बनते बिगड़ते देर नहीं लगती।
- वार्म-अप करना जरूरी है। आपको फोरप्ले से अपने साथी को सेक्स के लिए तैयार करना होगा।
‘‘मेरी पत्नी काफी सेक्सी थी लेकिन गर्भावस्था का समाचार पाने के बाद से तो उसने सेक्स में रुचि लेना ही छोड़ दिया है।”
इन दिनों सामान्य रूप से सेक्स संबंध जीने वाले पति-पत्नी के संबंधों में भी बदलाव आ जाता है। क्योंकि कई शारीरिक व मानसिक कारण, सेक्स की इच्छा, आनंद व प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं। हो सकता है कि पत्नी का भरा-भरा, बदला हुआ रूप आपका मूड बना देता हो या आपको अपने शिशु की होने वाली माँ पर ज्यादा लाड आने लगे लेकिन जिस तरह आपकी यह इच्छा स्वाभाविक है, उसी तरह आपके साथी की सेक्स में रुचि घटना भी स्वभाविक है। इन दिनों इसकी पीठ व टांगों में दर्द हो सकता है। उसकी ऊर्जा का स्तर घटा हुआ हो सकता है या उसे अपने पेट के उभार से चिढ़ हो सकती है। या वह माँ/प्रेमिका के रोल में संतुलन नहीं बना पा रही हो।
यदि वह मूड में न हो तो इसे व्यक्तिगतरूप से न लें। उसका मूड बनने का इंतजार करें। उसकी ‘न’ को सुनने के बाद भी मुसकुराएँ व उसे एहसास दिलाएँ कि आप अब भी उसे पहले की तरह ही चाहते हैं। याद रखें कि इस समय उसका दिमाग काफी उलझा हुआ है वह आपकी सेक्स इच्छा को ज्यादा अहमियत नहीं दे पाएगी।
हो सकता है कि दूसरी तिमाही में उसकी यह इच्छा स्वभाविक रूप से लौट आए लेकिन आने वाले महीनों में किसी भी तरह के बदलाव आ सकते हैं। आपको शारीरिक संबंध बनाए बिना भी एक-दूसरे के बीच प्यार का रिश्ता बनाए रखना है। उसे एहसास दिलाना है कि आप दोनों का नाता केवल तन का ही नहीं, मन का भी है।
रोमांस व आपसी बातचीत और आलिंगन को न भूलें। उसे इस समय इन्हीं की सबसे ज्यादा जरूरत है। उसे यह कहना न भूलें कि गर्भवती होने के बावजूद वह कितनी सेक्सी और सुंदर दिखती है। यह सुनकर उसे अच्छा लगेगा।
‘‘हालांकि डॉक्टर ने कह दिया है कि गर्भावस्था के दौरान सेक्स करना सुरक्षित रहेगा लेकिन मुझे डर है कि ऐसा करने से मेरी पत्नी या शिशु को चोट न पहुँचे।”
कई भावी पिताओं को अक्सर इसी डर का सामना करना पड़ता है इसमें हैरानी की कोई बात नहीं है। अपनी पत्नी व शिशु की सुरक्षा को प्राथमिकता देना स्वभाविक ही है।
लेकिन यहाँ डरने की बजाय डॉक्टर की बात पर ध्यान दें। यदि उन्होंने आपको डिलीवरी तक सेक्स करने की हरी झंडी दे दी है तो डर कैसा। शिशु अपने गर्भाशय वाले घर में पूरी तरह सुरक्षित व सीलबंद है तथा आपकी पहुँच से काफी दूर है वह आपकी गतिविधियों से पूरी तरह अनजान है और न ही उसे इस प्रक्रिया से कोई चोट पहुँच सकती है। आपकी पत्नी को चरमसुख के बाद जो हल्का संकुचन होगा, वह इतना तेज नहीं होगा कि किसी सामान्य गर्भावस्था में समय से पहले प्रसव हो जाए। हालांकि अध्ययनों से पता चला है कि इस वाली गर्भावस्था में जो महिलाएँ सेक्स में सक्रिय रहती हैं, उनका प्रसव काल समय से पहले नहीं होता। इस तरह आपकी पत्नी को कोई चोट नहीं पहुँचेगी बल्कि उसकी शारीरिक व भावनात्मक जरूरतें पूरी होंगी। उसे आपसे अपनेपन का एहसास होगा, इस समय उसे इसी की सबसे अधिक आवश्यकता है। हालांकि आपको इस प्रक्रिया में थोड़ी सावधानी बरतनी होगी, इसके अलावा और कोई डर की बात नहीं है। यदि अब भी इस बारे में चिंतित हैं तो अपनी पत्नी को पूरी ईमानदारी के साथ खुलकर अपनी भावनाएँ बता दें।
