फल या फलों का रस, किसका करें सेवन: Fruits vs Fruits Juice
Fruits vs Fruits Juice

Fruits vs Fruits Juice: अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए हर किसी को फलों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। जब लोग मौसमी फलों का सेवन करते हैं तो उनके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं। हालांकि, फलों को लेकर हर किसी की पसंद अलग-अलग होती है। मसलन, किसी को सेब पसंद है तो कोई आम बड़े चाव से खाता है, किसी को खरबूजा भाता है तो कोई तरबूज का दीवाना है। इतना ही नहीं, इन फलों को खाने का तरीका भी सभी का अलग होता है। किसी को यूं ही फल खाना अच्छा लगता है तो कोई फलों का जूस पीना पसंद करता है।

अक्सर इस बात को लेकर बहस होती है कि व्यक्ति को फल खाना चाहिए या फिर उसका रस लेना चाहिए। यूं तो यह हर किसी की व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है, लेकिन फिर भी फल और फलों का रस लेने में काफी अंतर है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको फल और फलों के रस के बीच में अंतर बता रहे हैं। साथ ही यह जानने का प्रयास भी करेंगे कि आपके लिए किसका सेवन करना अधिक लाभदायक है-

न्यूट्रिशनल कंटेंट

अमूमन लोगों को लगता है कि फलों के रस को फल से ही निकाला जाता है, इसलिए उन दोनों का न्यूट्रिशनल कंटेंट लगभग एकसमान होता है। जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। ताजे फल में आम तौर पर फलों के जूस की तुलना में अधिक फाइबर और विटामिन होते हैं। दरअसल, जब फलों का रस निकाला जाता है, तो फाइबर की मात्रा अक्सर कम हो जाती है या पूरी तरह से निकल जाती है। वहीं, इसमें शुगर कंटेंट ऐसे ही बना रहता है। तो ऐसे में जूस लेते समय आप काफी चीजों से वंचित हो जाते हैं।

शुगर कंटेंट

Fruits vs Fruits Juice
Fruits vs Fruits Juice- sugar content

फल में भी शुगर पाई जाती है, हालांकि यह नेचुरल शुगर होती है। लेकिन फलों के रस में फल की तुलना में अधिक चीनी हो सकती है। जब फलों का रस निकाला जाता है, तो उसकी नेचुरल शुगर कंसन्ट्रेटेड हो जाती है। आसान शब्दों में कहा जाए तो फलों का रस लेने से आपकेा फल खाने की तुलना में अधिक चीनी मिलती है। शुगरी फ्रूट जूस का अत्यधिक सेवन कैलोरी सेवन में वृद्धि के साथ-साथ दांतों में सड़न और वजन बढ़ने जैसी संभावित स्वास्थ्य समस्याओं में योगदान कर सकता है। इतना ही नहीं, इससे आपका ब्लड शुगर लेवल भी प्रभावित होता है।

फाइबर कंटेंट

अपनी डाइट में व्यक्ति को फाइबर का भी पर्याप्त ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यह बाउल मूवमेंट को रेग्युलर करने में मददगार है। फलों में फाइबर कंटेंट पर्याप्त मात्रा में होता है। लेकिन जब आप फल खाने की जगह उसका रस पीते हैं तो आप पूरी तरह से उस फाइबर कंटेंट से वंचित हो जाते है। दरअसल, फलों का रस निकालने की प्रक्रिया के दौरान उसका गूदा अलग कर दिया जाता है, जिसके कारण फल का सारा फाइबर यूं ही वेस्ट हो जाता है। फाइबर के बिना, फलों के रस में मौजूद चीनी शरीर द्वारा अधिक तेजी से अवशोषित की जा सकती है।

पोर्शन कंट्रोल

भले ही फलों में कैलोरी कंटेंट काफी कम होता है, लेकिन फिर भी इन्हें खाते समय पोर्शन कंट्रोल करना बेहद आवश्यक होता है। इस लिहाज से अगर देखा जाए तो फल खाना अधिक बेहतर माना जाता है। इससे आपको तृप्ति का अहसास भी होता है। दरअसल, चबाने की क्रिया और फल में मौजूद फाइबर आपको फुलर होने का अहसास करवाता है, जिससे आप सीमित मात्रा में फल खाते हैं। वहीं, एक गिलास फलों के रस में कई फलों का रस होता है, जिससे आपके लिए पोर्शन कंट्रोल करना काफी मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, रस में फाइबर कंटेंट ना होने के कारण आपको वह तृप्ति का अहसास नहीं होता है, जो वास्तव में होना चाहिए। 

सुविधाजनक

अगर सुविधा को देखा जाए तो फलों का रस लेना अधिक सुविधाजनक विकल्प माना जाता है। जब आप बाहर हो या फिर आपको ताजे फल नहीं मिलते हैं तो आप फलों का रस ले सकते हैं। एक फल की तुलना में इसे अपने साथ ले ले जाना और पीना अधिक आसान होता है। फलों के रस को छीलने या काटने की जरूरत नहीं होती है।

कैलोरी कंटेंट

जब भी हम कुछ खाते-पीते हैं तो ये सुनिश्चित करना बेहद जरूरी होता है कि आपका कैलोरी कंटेंट ओवर ना हो जाए। फलों के रस में फल की तुलना में अधिक कैलोरी होती है। जूस निकालने के दौरान फाइबर हटाने से प्रति सर्विंग में शर्करा और कैलोरी की मात्रा अधिक हो जाती है। नतीजतन, अधिक मात्रा में फलों के रस का सेवन करने से आपको वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है या फिर आपके लिए अपने वजन को मेंटेन करना अधिक मुश्किल हो सकता है।

किसका करें सेवन

फल और फलों का रस दोनों का सेवन करना सेहत के लिए अच्छा होता है। लेकिन अगर इन दोनों की तुलना की जाए तो यकीनन फल का सेवन करना कहीं अधिक बेहतर माना जाता है। फलों के सेवन से आपको वे सभी पोषक तत्व आसानी से मिल पाते हैं, जो वास्तव में मिलने चाहिए। वहीं, फलों के रस में फाइबर कंटेंट आदि नहीं होता है और इसमें शुगर और कैलोरी अपेक्षाकृत अधिक होती है। हमेशा कोशिश करें कि आप फलों के रस के स्थान पर फल ही खाएं। लेकिन अगर आप फलों के रस का सेवन कर रहे हैं, तो मार्केट में मिलने वाले पैकेज्ड या फिर जूस की दुकान से उसे ना पीएं। हमेशा कोशिश करें कि आप उसे फ्रेश घर पर ही निकालें और तुरंत उसका सेवन करें।