यूनियन मिनिस्ट्री आॅफ हैल्थ एंड फैमिली वेलफेयर ने बाॅम्बे हाईकाॅर्ट को सैनिट्री पैड को एक एसेनशियल आइटम घोषित करने के फैसले पर कहा है कि ,”यह निर्णय केवल एक उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही लिया जा सकता है। इस के लिए करंट मार्किट परिदृश्य व डिमांड और सप्लाई के बीच के गैप को भी ध्यान में रखा जाएगा।
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केंद्र सरकार ने हाईकाॅर्ट में एक पेटिशन के जवाब में सैनिट्री पैड को एक एसेनशियल कोमोडिटी घोषित करने की याचिका दायर की है। जिस से कोरोना महामारी के दौरान गरीब परिवार की महिलाओं को अन्य आवश्यक वस्तुओं के साथ साथ सैनिट्री पैड भी उपलब्ध कराए जा सकें। यह पेटिशन दो लाॅ स्टूडैंट्स निकिता गौर व वैष्णवी घोलावे ने फाइल की है, कि केंद्र व राज्य सरकार महिलाओं के मैनस्ट्रूअल हाइजीन पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है।
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केंद्र सरकार ने अपनी पेटिशन में कहा कि मिनिस्ट्री आॅफ कंज्यूमर अफेयर्स के तहत एक उचित परामर्श प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही इस फैसले को लिया जा सकता है। कोविड-19 महामारी के दौरान प्रजनन, मातृ, नवजात, शिशु व किशोर स्वास्थय सेवाओं के प्रावधान के लिए गाइडेंस नोट जारी किया गया है।
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यह गाइडेंस नोट महिलाओं, बच्चों व किशोरों की स्वास्थय सुविधा वितरण के लिए जारी किया गया है। इस में कहा गया है कि केंद्र सरकार महिलाओं व लडकियों के मासिक धर्म की स्वच्छता को और अधिक इम्प्रूव करने की कोशिश कर रही है और यह प्रयास सरकार 2011 से कर रही है।
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केंद्र सरकार ने कहा है कि चूंकि पब्लिक स्वास्थ्य व अस्पताल राज्य सरकार का विषय है। तो इन की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार को ही लेनी चाहिए। हालांकि नेशनल हेल्थ मिशन के चलते राज्य सरकारों को उन की हेल्थ सुविधाओं को मजबूत बनाने के लिए वित्तीय मदद के साथ साथ दवाइयाँ व अन्य प्रकार की सुविधाएं भी दी गई है।
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2015-16 से सैनिट्री पैड की सुविधा नेशनल हेल्थ मिशन के तहत स्टेट प्रोग्राम इम्पलीमैंटेशन प्रोग्राम द्वारा दी जा रही है। इस पेटिशन की सुनवाई चीफ जस्टिस दिपांकर दत्ता के द्वारा की जाएगी। कोविड-19 के दौरान बहुत ज्यादा मात्रा में मजदूर प्रवासी महिलाएं, बच्चे व गरीब लोग संघर्ष कर रहे हैं।
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सरकार इन लोगों के लिए खाने व अन्य आवश्यक सामग्री का प्रबंध तो कर रही है लेकिन महिलाओं व लडकियों के मासिक धर्म की स्वच्छता का ध्यान रखना बिलकुल भूल गई है। सरकार को महिलाओं को सैनिट्री पैड एक एसेनशियल आइटम मान कर उपलब्ध कराने चाहिए।
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