जहां दुनियाभर के वैज्ञानिक ऐसी किट बनाने में लगे हुए हैं, जो कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का तुरंत पता लगा सके वहीं भारत ने कोरोना वायरस का पता लगाने की किट अब तैयार कर ली है। इस किट के बाजार में आने के बाद उम्मीद लगाई जा रही है कि भारत में अब कोरोना वायरस को और तेजी से काबू में किया जा सकेगा।
फरवरी में काम शुरू किया था
वायरॉलजिस्ट मीनल ने पुणे के एक डायग्नोस्टिक फर्म माइलैब डिस्कवरी सॉल्युशंस के प्रॉजेक्ट पर फरवरी में काम शुरू किया था।इस प्रॉजेक्ट पर जब मीनल काम कर रही थीं वह प्रेग्नेंट थीं। उन्होंने कहा कि यह जरूरी था, इसलिए मैंने इसे चुनौती के रूप में लिया। मुझे अपने देश की सेवा करनी है। इस पर मेरी टीम के सभी 10 सदस्यों ने कठिन परिश्रम किया है।
प्रोजेक्ट पूरा होते ही दिया बच्ची को जन्म
मीनल बताया कि कि यह काफी जटिल समस्या थी, कम समय में ये किट तैयार की जानी थी. यह काफी जटिल समस्या थी . 18 मार्च को टेस्टिंग किट की परख के लिए इसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) को सौंपा। उसी शाम को यानी अस्पताल जाने से पहले, उन्होंने इस किट के प्रस्ताव को भारत के फ़ूड एंड ड्रग्स कंट्रोल अथॉरिटी(सीडीएससीओ) के पास व्यवसायिक मंजूरी के लिए भेजा और अगले दिन मैंने बेटी को जन्म दिया।
ढ़ाई घंटे में संक्रमण की जांच हो सकती है
मीनल के मुताबिक, हमारी किट कोरोनावायरस संक्रमण की जांच ढाई घंटे में कर लेती है, जबकि विदेशी किट में 6 से 7 घंटे का वक्त लगता है। यह किट काफी कम समय में तैयार हुई। आमतौर पर ऐसी किट को तैयार करने में तीन से चार महीने का वक्त लगता है। लेकिन, मौजूदा हालात में हमारे पास वक्त कम था। ऐसे में हमारी टीम ने इसे चुनौती के तौर पर लिया और 6 हफ्ते में इसे तैयार कर दिया। लैब के डायरेक्टर डॉ. वानखेड़े भी मीनल के जज्बे की तारीफ करते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे पास बेहद कम समय था। हमारी साख का सवाल था। लेकिन, पहली बार में ही सबकुछ ठीक रहा क्योंकि टीम का नेतृत्व मीनल कर रही थीं।
विदेशी किट से सस्ता
मीनल कहती है कि हर माइलैब किट से 100 सैंपल टेस्ट किए जा सकते हैं और जांच का खर्च 1,200 रुपये आता है। यह रकम विदेशी किट के खर्चे (4,500 रुपये) के मुकाबले करीब एक चौथाई है।
150 टेस्ट किट की सप्लाई हुई
केंद्र सरकार से ब्रिक्री के लिए मंजूरी मिलते ही मायलैब ने टेस्टिंग किट की सप्लाई शुरू कर दी। फर्म के मेडिकल मामलों के निदेशक डॉ. गौतम वानखेड़े ने बताया कि अभी पुणे, मुंबई, दिल्ली, गोवा और बेंगलुरु में 150 टेस्ट किट की सप्लाई की गई है। टीम अब ज्यादा से ज्यादा किट तैयार करने में जुट गई है। सोमवार तक बड़ी संख्या में इसकी सप्लाई की जाएगी।
एक हफ्ते में 1 लाख किट तैयार हो जाएगी
मायलैब डिस्कवरी एक मॉलिक्यूलर डायगनॉस्टिक कंपनी है। यहां एचआईवी, हेपिटाइटिस-बी, सी सहित कई अन्य बीमारियों के लिए भी टेस्टिंग किट तैयार की जाती है। कंपनी ने दावा किया है कि वह एक सप्ताह के अंदर एक लाख कोरोनावायरस टेस्ट किट की सप्लाई कर देगी। ज़रूरत पड़ने पर दो लाख टेस्टिंग किट भी तैयार कर सकती है।
आईसीएमआर ने काम को सराहा
कोविड-19 टेस्टिंग किट को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को परखने के लिए भेजने से पहले मीनल और उनकी टीम ने अलग-अलग मापदंडों पर इसे कई बार जांचा, ताकि नतीजे सटीक निकलें। मीनल ने बताया कि अगर आपको किसी सैंपल के 10 टेस्ट करने हों तो सभी नतीजे एक जैसे होने चाहिए। कई बार जांच के बाद हमने यह परफेक्शन हासिल किया। आईसीएमआर ने कहा कि मायलैब भारत की इकलौती कंपनी है, जिसकी टेस्टिंग किट के नतीजे 100 फीसदी सही हैं।
