भागदौड़ भरी जिन्दगी में बिमारी होना आम बात है। बिमारी तभी हमें घेरती है जब हम अपने खान-पान में लापरवाही बरतते हैं। कभी कभी ये लापरवाही इस कदर बढ़ जाती है कि हमें हाई ब्लडप्रेशर जैसी समस्या हो सकती है। हाई ब्लडप्रेशर के चलते दिल से सम्बंधित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। अगर समय रहते हमने इस बिमारी पर काबू नहीं पाया तो मौत का कारण भी बन सकती है। ब्लडप्रेशर न तो हाई सही होता है और न ही लो। इसे कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। इसके लिए आज हम आपको आयुर्वेद से जुड़ी कुछ ऐसी चीज़ों के सेवन के बारे बताएंगे। जिसके इस्तेमाल से आपका ब्लडप्रेशर काबू में रहेगा।
ब्लडप्रेशर को सरल और हिंदी भाषा में उच्च रक्तचाप भी कहते हैं। जिससे दिल सम्बंधित बिमारियों के बढ़ने का खतरा बना रहता है। इस बिमारी से लगभग आज के युवा भी सबसे ज्यादा प्रभावित है। ऐसा गलत खान-पान और खराब दिनचर्या से होता है। आज हम आपको उन 10 जड़ी बूटियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपकी रसोई में आसानी से मिल जाएंगी और शोधकर्ताओं ने भी इन जड़ी बूटियों को कारगर माना है।
1. तुलसी (Basil)– तुलसी को हमारे देश में पूजते हैं। तुलसी कई रोगों से लड़ने में हमारी मदद करती है। डॉक्टर्स भी तुलसी के सेवन की सलाह देते हैं। तुलसी में उपस्थित एंटीऑक्सिडेंट को बिमारियों का दुश्मन माना जाता है। जो सबसे ज्यादा ब्लडप्रेशर के खिलाफ लड़ने में मदद करता है। शोधकर्ताओं की मानें तो तुलसी के अर्क से रक्त वाहिकाओं को आराम करने और रक्त को पतला करने में मदद मिलती है।, जिससे रक्त का दबाव कम होता है।
2. हरा धनिया (Parsley)- हमारे देश में कुछ भी पकता है तो वो पकवान धनिया के बिना अधूरा माना जाता है। स्वाद के साथ-साथ धनिया न सिर्फ खाने की को आकर्षक और खूबसूरत बनाता है बल्कि ब्लडप्रेशर को कंट्रोल रखने में भी मदद करती है। हरा धनिया में विभिन्न प्रकार के यौगिक होते हैं, जैसे कि विटामिन सी और आहार कैरोटीनॉयड, जो रक्तचाप को कम कर सकता है। इसमें उपस्थित कैरोटीनॉयड एंटीऑक्सिडेंट रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग का खतरा कम करता है।
3. अजवाइन के बीज (Celery seeds)- अजवाइन के बीज एक बहुमुखी मसाला है जो विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर होता है। अजवाइन की महक से ही दिल खुश हो जाता है। और दिल की ख़ुशी हमारे लिए बेहद जरूरी होती है। डॉक्टर्स भी कहते हैं कि अजवाइन के बीज हाई ब्लडप्रेशर को कम करने में मदद कर सकते हैं। अजवाइन के बीज में प्राकृतिक कैल्शियम होते हैं। जो पूरे शरीर के लिए बेहद प्रभावशाली होते हैं।
4. अनारिया राइनोफॉइला (Uncaria rhynchophylla)- अतरंगी से जड़ी बूटी के नाम वाली इस बेल को हमारे देश में भी पाया जाता है। इसकी जड़ी बूटी किसी बिल्ली के पंजे जैसी ही दिखती है। और इसी खास वजह के चलते इस जड़ी बूटी को पहचाना भी जा सकता है। ये जड़ी बूटी ब्लडप्रेशर को नियंत्रित रखने में किसी रामबाण से कम नहीं है। न सिर्फ ब्लडप्रेशर बल्कि कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता इस जड़ी बूटी में भरपूर होती है। इसमें कई यौगिक तत्व होते हैं, जैसे कि हिरसुटीन और राइनोफिलीन। अगर आपको ये कहीं न मिल रही हो तो आप इसे ऑनलाइन आर्डर करके अपने घर में भी मंगवा सकते हैं।
5. ब्राह्मी (Bacopa monnieri)– ब्राह्मी दुनिया में आयुर्वेद के प्रसिद्ध उपहारों में से एक है। इससे बेहतर ऐसी कोई जड़ी बूटी नहीं है जो स्वाभाविक रूप से बुद्धिमत्ता को बेहतर बना सके। आमतौर पर ये बुद्धि और स्मृति में सुधार के अपने लाभ के लिए जाना जाता है। इसमें एंटी-एजिंग, एंटीडायबिटिक और एंटीऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में होता है। इसमें सबसे बड़ी खासियत ये होती है कि इसका सेवन आपके ब्लडप्रेश को कंट्रोल करता है। और ये वाकई प्रभावशाली जड़ी बूटी है। ब्राह्मी को आप किसी स्टोर या ऑनलाइन से खरीद सकते हैं। यह पाउडर और कैप्सूल में उपलब्ध है।
6. लहसुन (Garlic)– लहसून के बिना खाने का स्वाद ही अधूरा है। कई खूबियां समेटे इस छोटे से लहसून में रोक प्रतिरोधक क्षमता भरपूर होती है। लहसुन कई यौगिकों गुणों से भरा होता है। जो आपके दिल को फायदा पहुंचाता है। लहसून के फायदों के बारे में किसे नहीं पता होगा। न सिर्फ खराब कैलेस्ट्रोल को शरीर से हटाता है बल्कि, खून को भी साफ़ और पतला बनाए रखने में मदद करता है। अगर आप सुबह बासी मुंह लहसून का सेवन करते हैं तो आपकी आधी दवाइयां ऐसे ही बंद हो सकती हैं।
7. थाइम हर्ब (Thyme)– रोगों से लड़ने की खूबियां समेटे थाइम हर्ब का इतेमाल पुराने समय से किया आता जा रहा है। खाना बनाने के साथ-साथ इसका तेल भी बेहद प्रभावी माना जाता है। स्वास्थ्य लाभ की बात करें तो थाइम हर्ब दिल की बीमारियों को सुधाने के साथ-साथ, तनाव को कम करने और सांस लेने की तकलीफ को कम करते हैं। और जब हमें तनाव और दिल सम्बंधी बिमारियों से आराम मिलेगा तो हमारा ब्लडप्रेशर खुद-ब-खुद नियंत्रित रहेगा। थाइम में अच्छी मात्रा में आयरन एंव कई आवश्यक तत्व पाए जाते हैं। पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह ठीक तरीके से हो इसके लिए अच्छी मात्रा में ऑक्सीजन को बढ़ाता है।
8. दालचीनी (Cinnamon)– दालचीनी एक सुगंधित मसाला है जो पेड़ों की भीतरी छाल से आता है जो कि सिनामोमम जींस से होता है। लोगों ने उच्च रक्तचाप सहित दिल की स्थिति का इलाज करने के लिए पारंपरिक चिकित्सा में सदियों से इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है। दालचीनी रक्त वाहिकाओं को पतला करने में मदद कर सकता है। जिससे ब्लड प्रेशर जैसी समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। ये मसला किचन में आसानी से मिल जाता है। अपने खाने में दालचीनी का इस्तेमाल कर खुद को निरोगी रख सकते हैं।
9. अदरक (Ginger)– अदरक एक ऐसा मसाला है ये अपने कड़क स्वभाव और तेज खुशबू के रूप में जाना जाता है। अगर अदरक को हम हेल्थ का डॉक्टर कहें तो ये बिल्किल भी गलत न होगा। अदरक अविश्वसनीय रूप से बहुमुखी है और वैकल्पिक चिकित्सा में एक प्रधान है। लोगों ने हृदय स्वास्थ्य के कई पहलुओं को सुधारने के लिए सदियों से इसका इस्तेमाल किया है, जिसमें संचलन, कोलेस्ट्रॉल का स्तर और रक्तचाप भी शामिल हैं। अदरक को स्वादिष्ट भोजन के साथ अपने रोज के आहार में शामिल करना आसान है।
10. इलायची (Cardamom)– छोटी सी दिखने वाली इलायची के गुण वाकई बड़े हैं। इलायची का मतलब ही मोहक खुशबू के साथ एक रिफ्रेसिंग स्वाद देना है। इलायची का इस्तेमाल हर घर में होता है। लोग इलायची का इस्तेमाल मसाले के तौर के साथ-साथ चाय में भी करते हैं। लेकिन शायद आप इसके औषधीय फायदे से अनजान रहते हैं। दिल के परेशानियों के साथ ब्लडप्रेशर यानी रक्तचाप को भी नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाती है। शरीर में ज्यादातर बीमारियों को जन्म ब्लडप्रेशर ही देता है। अगर आप रोज दो से तीन इलायची का सेवन करते हैं तो आपका ब्लडप्रेशर नियंत्रित रहेगा।
हाई ब्लडप्रेशर दिल की बीमारियों को जन्म देता हैं, इसे समय रहते कंट्रोल नहीं किया गया तो ये जानलेवा भी हो सकता है। ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने के लिए अगर आप दवाइयों का सेवन करते हैं तो आप हमारे द्वारा बताते गये जड़ी बूटियों का सेवन भी साथ में कर सकते हैं। ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने के लिए आप अच्छा आहार लें, नियमित नींद लें और व्यायाम अपने दिनचर्या में शामिल करें। यहां सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली बात ये है की बिना डॉक्टर की सलाह लिए अपनी दवाइयां कभी भी बंद न करें।
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