Zubeen Garg's last film to be released on October 31
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Overview: जुबीन गर्ग की मौत: मैनेजर के घर SIT का छापा,

गायकों जुबीन गर्ग की मौत के मामले में असम पुलिस ने जांच तेज कर दी है। SIT ने गायक के मैनेजर और इवेंट आयोजक के घर पर छापा मारा है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि अगर जनता को SIT की जांच से संतुष्टि नहीं मिलती है, तो वह CBI जांच की सिफारिश करेंगे।

SIT Raids Zubeen Garg Event Manager House: असम के मशहूर गायक जुबीन गर्ग की सिंगापुर में हुई मौत के मामले ने एक बड़ा मोड़ ले लिया है। इस मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) ने गायक के इवेंट मैनेजर और आयोजक के घर पर छापा मारा है। वहीं, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने साफ कर दिया है कि अगर लोगों को SIT की जांच से संतुष्टि नहीं मिलती है, तो वे सीबीआई (CBI) जांच की सिफारिश करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

जुबीन गर्ग की सिंगापुर में मौत हो गई थी, जिसके बाद से ही उनकी मौत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। लोगों का मानना है कि यह एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक साजिश है। इसके बाद, असम में जगह-जगह जुबीन गर्ग के इवेंट मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल के आयोजक श्यामकनु महंत के खिलाफ 50 से अधिक FIR दर्ज की गईं।

SIT का गठन और कार्रवाई

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जनता की मांग को देखते हुए असम पुलिस को इस मामले की जांच के लिए एक 9 सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने का निर्देश दिया। SIT ने तुरंत कार्रवाई शुरू करते हुए सिद्धार्थ शर्मा और श्यामकनु महंत के घरों पर छापा मारा। यह छापेमारी सबूत इकट्ठा करने और मामले की तह तक पहुंचने के उद्देश्य से की गई है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट

जुबीन गर्ग का पोस्टमार्टम सिंगापुर में हुआ था, लेकिन जनता की मांग पर उनके पार्थिव शरीर का दूसरा पोस्टमार्टम गुवाहाटी में भी किया गया। विसरा (viscera) के सैंपल दिल्ली की केंद्रीय फॉरेंसिक लैब में भेजे गए हैं, ताकि मौत की असली वजह का पता चल सके।

SIT Raids Zubeen Garg's Event Manager's House
SIT Raids Zubeen Garg’s Event Manager’s House

मुख्यमंत्री का बयान

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि SIT को पूरी पेशेवर ईमानदारी के साथ जांच करने की पूरी आजादी दी गई है। उन्होंने यह भी कहा, “अगर असम के लोगों को SIT की जांच से संतुष्टि नहीं मिलती है, तो हम इस मामले को सीबीआई को सौंपने की सिफारिश करने में जरा भी संकोच नहीं करेंगे।” इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने श्यामकनु महंत और उनसे जुड़ी किसी भी संस्था को असम में कोई भी कार्यक्रम आयोजित करने से ब्लैकलिस्ट कर दिया हैl और केंद्र सरकार से भी उन्हें किसी भी तरह की आर्थिक सहायता न देने का अनुरोध किया है। इस घटनाक्रम से यह साफ है कि जुबीन गर्ग की मौत का मामला अब एक बड़ा कानूनी और राजनीतिक मुद्दा बन गया है, और जनता के दबाव के कारण सरकार इस पर कड़ी कार्रवाई कर रही है।

सिंगापुर में हुई घटना का विवरण

जुबीन गर्ग की मौत सिंगापुर के ‘नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल’ में प्रस्तुति देने के लिए जाने के दौरान हुई थी।19 सितंबर को जुबीन स्कूबा डाइविंग के दौरान पानी में बेहोश हो गए। आयोजकों ने बताया कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई थी और तुरंत सीपीआर (CPR) देकर सिंगापुर जनरल अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, डॉक्टरों ने उन्हें बचा नहीं सके।सिंगापुर से जारी किए गए डेथ सर्टिफिकेट में मौत का कारण डूबना बताया गया है। हालांकि, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं है।

परिवार और फैंस का संदेह

सिंगापुर में हुई मौत के बाद से ही जुबीन गर्ग के परिवार और फैंस को कई बातों पर संदेह हो रहा हैl जनता की भारी मांग के बाद, उनके पार्थिव शरीर को असम लाने के बाद गुवाहाटी में दोबारा पोस्टमार्टम किया गया। विसरा (viscera) के सैंपल दिल्ली की केंद्रीय फॉरेंसिक लैब में भेजे गए हैं ताकि मौत की असली वजह का पता लगाया जा सके।

SIT Raids Zubeen Garg's Event Manager's House
Zubeen Garg

वायरल वीडियो

उनकी मौत से ठीक पहले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें जुबीन पानी में उतरने के लिए अनिच्छुक दिख रहे हैं, जबकि उनके साथी उन्हें ऐसा करने के लिए कह रहे हैं। फैंस का मानना है कि उन्हें जबरदस्ती पानी में उतारा गया, जबकि उन्हें पहले से ही सीजर डिसऑर्डर (दौरे की बीमारी) था। इस वायरल वीडियो ने इस मामले में साजिश के संदेह को और गहरा कर दिया है।

पत्नी का बयान

जुबीन की पत्नी गरिमा गर्ग ने स्कूबा डाइविंग के दौरान दुर्घटना के दावों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि उनके पति पानी में तैराकी के लिए गए थे और उन्हें वहीं दौरा पड़ गया था। उन्होंने यह भी कहा कि जुबीन के साथ उस समय 7-8 लोग थे।

राजनीतिक पहलू

इस मामले ने एक बड़ा राजनीतिक रूप ले लिया है।विपक्षी दलों, जैसे असम जातीय परिषद (AJP) के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया, ने इस मामले की सीबीआई जांच और हाईकोर्ट के जज की निगरानी में जांच की मांग की है। उनका तर्क है कि विदेशी धरती पर हुई मौत की जांच के लिए सीबीआई ही उपयुक्त एजेंसी है।

सरकार का रुख

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जनता की भावनाओं को देखते हुए एसआईटी का गठन किया है और साफ कर दिया है कि अगर जरूरत पड़ी तो सीबीआई जांच की सिफारिश करने में कोई संकोच नहीं करेंगे।

मैं रिचा मिश्रा तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट...