Rajesh Fan Following
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Summary : राजेश खन्ना का यह किस्सा पुणे का है

राजेश खन्ना पुणे में थे और ऐसा जाम लगा कि उन्हें मुंबई पहुंचने में घंटों लग गए। वे शुबह शूट पर आने वाले थे और रात को पहुंचे।

Rajesh Khanna Fan Emotional Story: राजेश खन्ना की शोहरत ऐसी थी जैसी भारत ने पहले कभी नहीं देखी थी। उनकी लोकप्रियता के किस्से आज भी लोगों को हैरान कर देते हैं। हाल ही में बाल कलाकार रह चुके सत्यजीत पुरी ने अपने अनुभव साझा किए, जब उन्होंने राजेश खन्ना के साथ उनके करियर के चरम दौर में काम किया था। फ्राइडे टॉकीज पॉड-कास्ट में बातचीत के दौरान पुरी ने बताया कि वे एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे, जिसका निर्देशन शक्ति सामंथा कर रहे थे। शक्ति वही फिल्ममेकर थे जिन्होंने कटी पतंग, आराधना और अमर प्रेम जैसी फिल्मों से राजेश खन्ना को सुपरस्टार बनाया था। ‘कोई राजेश खन्ना जैसी शोहरत नहीं देखेगा’

पुरी ने बताया कि राजेश खन्ना की लोकप्रियता इतनी अधिक थी कि कभी-कभी फिल्म सेट पर भी अजीब स्थितियां पैदा हो जाती थीं। उन्होंने कहा, “हम पुणे में शूटिंग कर रहे थे। उनकी कॉल टाइम 2 बजे की थी, लेकिन वो बहुत देर से पहुंचे। शक्ति सामंथा नाराज हो गए। जब वो आखिरकार रात 8 बजे पहुंचे, तो शक्ति सर ने गुस्से में कहा – ‘क्या काका, तू बहुत बड़ा स्टार बन गया है क्या?’”

लेकिन राजेश खन्ना के देर होने की वजह बेहद हैरान करने वाली थी। पुरी ने बताया, “राजेश खन्ना ने उन्हें बीच में रोका और कहा, ‘ड्राइवर से पूछो क्या हुआ।’ उन्होंने बताया कि वो दोपहर 12:30 बजे पुणे पहुंचे थे, लेकिन किसी तरह लोगों को उनके आने की खबर लग गई। दोपहर 12:30 से शाम 7:30 तक पूरा शहर जाम था। वो हिल भी नहीं सके। अंत में पैरा-मिलिट्री फोर्स को बुलाना पड़ा ताकि वो सुरक्षित बाहर निकल सकें। उन्होंने निर्देशक से कहा, ‘मैं तो खुशकिस्मत हूं कि अब इस वक्त पहुंच गया, नहीं तो 11 बजे से पहले तो पहुंच ही नहीं पाता।’”

Rajesh with wife Dimple
Rajesh with wife Dimple

पुरी ने कहा कि राजेश खन्ना जैसी शोहरत किसी और ने नहीं देखी और न कभी देखेगा। “मैंने अपनी आंखों से देखा है कि महिलाएं उनकी कार के टायर पकड़कर रोती थीं। उनकी कार निकलने के बाद जो धूल उड़ती थी, महिलाएं उसे अपने सिर पर सिंदूर की तरह लगाती थीं।” इतनी बड़ी शख्सियत होने के बावजूद राजेश खन्ना बेहद विनम्र और दयालु थे। पुरी ने बताया कि जब उन्होंने पहली बार उनके साथ सीन शूट किया, तो वह बहुत नर्वस थे और अपना पहला डायलॉग ही भूल गए। वे बताते हैं, “राजेश खन्ना को समझ में आ गया था कि मैं घबरा गया हूं। उन्होंने शूटिंग रुकवा दी, क्रू से कहा कि मेरे आसपास दीवारों पर डायलॉग लिख दो और फिर बोले, ‘बेटा, मुझे भी डायलॉग याद नहीं रहते।’”

राजेश खन्ना भारतीय सिनेमा के पहले सुपरस्टार माने जाते हैं — अभिनेता, निर्माता और बाद में राजनीतिज्ञ भी। अपनी अद्वितीय स्क्रीन प्रेज़ेंस और आकर्षण से उन्होंने हिंदी फिल्मों के इतिहास में ऐसी ऊंचाई हासिल की जो फिर कभी किसी ने नहीं पाई। 2013 में उन्हें मरणोपरांत पद्म भूषण, देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया।

ढाई दशक से पत्रकारिता में हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया और जागरण में कई वर्षों तक काम किया। हर हफ्ते 'पहले दिन पहले शो' का अगर कोई रिकॉर्ड होता तो शायद इनके नाम होता। 2001 से अभी तक यह क्रम जारी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए फिल्म समीक्षा...