Sanjay Dutt took a dig at new actors
Sanjay Dutt took a dig at new actors

Overview: संजय दत्त का तंज: 'नए एक्टर्स में बहुत अहंकार है'

संजय दत्त ने नए एक्टर्स पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आज के कलाकार एक फ़िल्म हिट होते ही अहंकारी हो जाते हैं और अपनी जड़ों को भूल जाते हैं। संजय दत्त ने उन्हें 40 साल तक इंडस्ट्री में टिके रहने का चैलेंज दिया है। ह भी कहा कि नए एक्टर्स में विनम्रता की कमी है और वे अपने से बड़ों का सम्मान नहीं करते। उन्होंने कहा कि उनका दौर ऐसा नहीं था, जब कलाकार एक-दूसरे का सम्मान करते थे और मिलकर काम करते थे।

Sanjay Dutt Challenges New Actors: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता संजय दत्त ने हाल ही में नए एक्टर्स की मानसिकता पर खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कि आज के युवा कलाकार एक फ़िल्म हिट होते ही खुद को सुपरस्टार समझने लगते हैं और अपनी जड़ों को भूल जाते हैं। संजय दत्त ने इन एक्टर्स को 40 साल तक इंडस्ट्री में टिके रहने का चैलेंज भी दिया है।

‘नए एक्टर्स 40 साल टिककर दिखाएं’

संजय दत्त ने एक इंटरव्यू में कहा कि आजकल के एक्टर्स बहुत जल्दी मशहूर हो जाते हैं और सफलता उनके सिर चढ़ जाती है। उन्होंने कहा, “आज के एक्टर्स एक-दो फ़िल्में करते हैं और एक फ़िल्म हिट होते ही पागल हो जाते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “उन्हें क्या लगता है? 40 साल तक टिककर दिखाओ।”

संजय दत्त ने कहा कि वह आज भी ज़मीन से जुड़े हुए हैं। उन्होंने अपनी सादगी के बारे में बताते हुए कहा, “मैं आज भी अपने दोस्तों के साथ उसी तरह रहता हूं, उनसे मिलता हूं। मैं एयरपोर्ट पर जींस और टी-शर्ट पहनता हूं, तो क्या हुआ?” उन्होंने यह भी कहा कि उनके साथ रहने वाले लोग उनके परिवार की तरह हैं और वह सभी को सम्मान देते हैं।

‘आजकल के एक्टर्स में बहुत अहंकार है’

संजय दत्त ने नए एक्टर्स में बढ़ते अहंकार पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आज के युवा कलाकार सिर्फ ब्रांड्स और फ़ोटोशूट पर ध्यान देते हैं। उन्होंने कहा, “आज के एक्टर्स में बहुत अहंकार है। वे ब्रांडेड कपड़े पहनते हैं और ब्रांड्स के लिए काम करते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, लेकिन मुझे लगता है कि आज के एक्टर्स में यह कमी है। कोई सीनियर को देखकर खड़ा भी नहीं होता।” संजय दत्त ने कहा कि उन्हें लगता है कि यह सब नए जमाने की सोच है, लेकिन सम्मान एक ऐसी चीज़ है जो कभी पुरानी नहीं होती।

‘हम में इनसिक्योरिटी नहीं थी’

Sanjay Dutt Challenges New Actors
Sanjay Dutt and Suniel Shetty

संजय दत्त ने अपने समय के बारे में बात करते हुए कहा कि जब वह अपने दौर के बड़े एक्टर्स जैसे दिलीप कुमार, संजीव कुमार और शम्मी कपूर के साथ काम करते थे, तब उनमें कोई असुरक्षा नहीं थी। उन्होंने कहा कि वे एक-दूसरे की मदद करते थे और उनका एक ही मकसद होता था कि फिल्म अच्छी बने, न कि कौन सी लाइन कौन बोलेगा। संजय दत्त ने कहा कि आज के युवा कलाकार खुद को बहुत अलग और असुरक्षित महसूस करते हैं, और यह सोच उनके करियर को नुकसान पहुंचा सकती है।

सुनील शेट्टी ने भी किया समर्थन

संजय दत्त की बात का सुनील शेट्टी ने भी समर्थन किया। सुनील ने अपने शुरुआती करियर का एक किस्सा सुनाया। उन्होंने बताया कि उनकी पहली फिल्म ‘बलवान’ हिट होने के बाद भी लोगों ने उन्हें ‘वुडन एक्टर’ कहा और यह सलाह दी कि उन्हें वापस उडुपी जाकर अपने रेस्टोरेंट में काम करना चाहिए। सुनील ने कहा कि उन्हें इस बात का बुरा लगा, लेकिन उन्होंने खुद को सुधारने पर ध्यान दिया और अपने दोस्तों जैसे संजय दत्त से सीखा, जिनमें कोई अहंकार नहीं था।

द ग्रेट इंडियन कपिल शो’ में दिया बयान

संजय दत्त ने यह बयान ‘द ग्रेट इंडियन कपिल शो’ के हालिया एपिसोड में दिया, जहां वह अपने दोस्त सुनील शेट्टी के साथ मेहमान बनकर आए थे। शो के दौरान, जब कपिल शर्मा ने उनसे पूछा कि अब मल्टी-स्टारर फिल्में क्यों नहीं बनतीं, तो संजय दत्त और सुनील शेट्टी दोनों ने कहा कि इसकी सबसे बड़ी वजह नए एक्टर्स में ‘इनसिक्योरिटी’ है।

पुराने दौर का काम करने का तरीका

संजय दत्त और सुनील शेट्टी जैसे कलाकारों के दौर में, काम के प्रति एक अलग तरह की लगन थी। तब कलाकार सिर्फ ब्रांड्स या सोशल मीडिया पर ध्यान नहीं देते थे। उनका पूरा ध्यान अपने शिल्प को बेहतर बनाने पर होता था। संजय दत्त ने बताया कि वे सेट पर घंटों तक अपने सीन पर काम करते थे, और हर शॉट के बाद सीखते थे। आज के कलाकारों में यह समर्पण कम दिखता है, क्योंकि वे फ़ोटोशूट और इवेंट्स में व्यस्त रहते हैं।

सोशल मीडिया का प्रभाव

संजय दत्त ने सीधे तौर पर सोशल मीडिया का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बयान में इसका इशारा साफ था। उन्होंने कहा कि आज के कलाकार ‘ब्रांडेड’ कपड़ों पर ध्यान देते हैं। आज का दौर सोशल मीडिया का है, जहाँ ‘ब्रांड’ और ‘लुक’ बहुत मायने रखते हैं। यह नए कलाकारों को अपनी कला से ज़्यादा अपनी इमेज पर ध्यान देने के लिए मजबूर करता है। पुराने दौर में ऐसा कोई दबाव नहीं था, जिससे कलाकार अपनी सादगी बनाए रख पाते थे।

संजय दत्त का खुद का संघर्ष

संजय दत्त का करियर कभी सीधा नहीं रहा। उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, जिनमें असफल फ़िल्में, कानूनी मुश्किलें और व्यक्तिगत समस्याएं शामिल हैं। इन अनुभवों ने ही उन्हें ज़मीन से जोड़े रखा। जब वे आज के युवा कलाकारों को घमंड नहीं करने की सलाह देते हैं, तो यह सलाह उनके खुद के जीवन के संघर्षों पर आधारित होती है, जिसने उन्हें विनम्र बनाया। यही वजह है कि उनकी बात में इतना वजन है।

यह जानकारी दिखाती है कि संजय दत्त का बयान सिर्फ गुस्से में नहीं था, बल्कि उनके और सुनील शेट्टी जैसे अनुभवी कलाकारों के करियर के अनुभवों पर आधारित था।

मैं रिचा मिश्रा तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट...