क्या आप संगीत के अलावा भी किसी साधना या ध्यान विधि से जुड़े हैं?
हां, 10 साल की आयु से ही योगा मेरे जीवन का एक महत्त्वपूर्ण भाग रहा है और वो सब क्रियाएं करता हूं जो आज बाबा रामदेव सिखाते हैं। प्राणायाम से लेकर जलनिति, रबर नेति, कुंजल, शंख प्रक्षालन आदि जितने भी योग आसन हैं, सब बचपन से करता रहा हूं। शायद यही कारण है कि मेरी आवाज 63 वर्ष की आयु में भी वैसी है, जैसी 20 वर्ष की आयु में थी।
इतने भजनों में से आपका प्रिय भजन कौन-सा है?
मेरे सबसे निकट जो भजन रहा- ‘ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन है।’
आपका कोई ऐसा भजन जिसे किसी दूसरे गायक ने गाकर उसके साथ इंसाफ किया हो?
मैंने सोनू निगम की आवाज में कई बार सुना है ‘ऐसी लागी लगन’ और ‘रंग दे चुनरिया’ मुझे लगता है सोनू निगम ने बहुत अच्छे ढंग से इसे गाया है। अभी भी जब मुझे सोनू मिलते हैं, तो मुझे सुना देते हैं।
हिन्दी फिल्मों का ऐसा कोई गाना जिसे आप, गुनगुनाना पसंद करते हों?
हिन्दी फिल्मों के गानों को मैं बहुत सीरियसली गाता हूं और बहुत मन से सुनता हूं। इसी बीच मुझे बहुत अच्छा गाना लगा वो था बेबी डॉल में सोने दी। इसे कनिका ने गाया भी अच्छा है और इसकी धुन बहुत कैची है। कनिका मुझे मिली थी तो मैंने उसे कहा था, तुम्हें इसके लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिलेगा, तो उसको विश्वास नहीं हो रहा था, पर उसको मिला।

अगर आप आज इस क्षेत्र में नहीं होते तो क्या कर रहे होते?
मैं एक क्रिकेट प्लेयर होता, क्योंकि मैं क्रिकेट बहुत अच्छा खेलता था।
ऐसा कोई खास मंत्र, जिसे आप उपाय या जाप के रूप में जपते हों?
एक ही मंत्र है और वह मंत्र है अनुशासन का। अनुशासन अपने रियाज में, अपने खान-पान में, अपने चाल-चलन में, लोगों से मिलने में और पंगक्चुएलिटी में, अगर यह सभी रखी जाएं तो मुझे नहीं लगता कि इंसान फेल हो सकता है।
आपने कई पीढ़ियों को देखा है, उनमें आप क्या फर्क देखते हैं?
हमने तीन पीढ़ियों में भजन को सुना है। इसका मतलब है यह चौथी पीढ़ी में भी जाएगा। आज भी ऐसी लागी लगन, अचुतम केशवम् बच्चे-बच्चे गाते हैं। स्कूल की प्रार्थना में ‘हमको मन की शक्ति देना…..आदि, बच्चों की प्रार्थनाओं में है, ये कहीं जा नहीं सकते।
आज का आपका पसंदीदा भजन गायक कौन है?
बहुत अच्छे-अच्छे सिंगर आज हैं, जैसे दिल्ली में एक विधि शर्मा हैं। बहुत अच्छा गाती हैं, सुनकर मन खुश हो जाता है। इसी तरह शरद गुप्ता हैं, हैदराबाद में, पूजा चतुर्वेदी हैं रायपुर में, पूरे संसार में हमारे गायक मौजूद हैं, जिनको हम प्रोत्साहित करते हैं कि गाइए, लोगों को खुश करिए।
आपके जीवन का टर्निंग पाइंट, जो आपके जीवन में एक आध्यात्मिक और व्यावसायिक बदलाव लाया?
टर्निंग पॉइंट तब आया जब मैं दस वर्ष का था। मैं अपने पिताजी के साथ हनुमान मंदिर गया था, वो क्लासिकल भजन गा रहे थे और मैं उनके पीछे बैठा था। जितनी देर वो गाते रहे उतनी देर मैं रोता रहा। उन्होंने मुझसे पूछा, तुम रो रहे थे, गा क्यों नहीं रहे थे! मैंने कहा मुझे लगा हनुमान जी मेरे साथ बैठे हैं। तो मैं उन्हें ही देखता रहा। मुझे उस वक्त हनुमान जी ने दर्शन दे दिए थे। तब से मैं भजन में शामिल हो गया कि आज तक भजन ही गा रहा हूं।
टीवी पर बच्चों के बढ़ते रिएलिटी शोज के बारे में आपकी क्या राय है?
ये एक अच्छी बात है कि बच्चों को टीवी के रिएलिटी शो के माध्यम से अपनी प्रतिभा दिखने का मौका मिल रहा है, क्योंकि एक जमाना था जब बच्चों को म्यूजिक या खेल में जाने नहीं दिया जाता था, लेकिन अब पैरेन्ट्स खुद बच्चों की रुचि को बढ़ावा दे रहे हैं। लेकिन आजकल रिएलिटी शो से लाइमलाइट में आने वाले बच्चों में रियाज की कमी होती है इसलिए वो लंबे समय तक टिक नहीं पाते हैं। अरिजीत सिंह और सोनू निगम की आवाज जैसी गहराई के लिए रियाज करना जरूरी है।
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