साइना नेहवाल वह नाम है जिसने सिर्फ 20 साल की उम्र में विश्वभर में अपने नाम की चर्चा करवा दी। 17 मार्च 1990 को हरियाणा के एक छोटे से गांव हिसार में जन्मीं सायना ने 8 साल की ही उम्र में बैडमिंटन रैकेट थाम लिया था। उनके मामा-पिता दोनों बैडमिंटन खिलाड़ी थे। पिता हरवीर ने बेटी की रुचि को देखते हुए उसे पूरा सहयोग और प्रोत्साहन दिया। छोटी सी साइना ने शुरूआती प्रशिक्षण हैदराबाद के लाल बहादुर स्टेडियम में कोच नानी प्रसाद से प्राप्त किया। 8 साल की साइना को ट्रेनिंग के लिए 50 किलोमीटर का रास्ता तय करना होता था, जो हर बच्चे के लिए संभव नहीं है पर साइना ने पूरी लगन से अपनी ट्रेनिंग पूरी की।
मेहनत के साथ किस्मत की धनी साइना को अंतरराष्ट्रीय सफलता के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा। जब वे 14 साल की थी तब वर्ष 2003 में इंडिया स्टेलाइट टूनामेंट में हिस्सा लिया और अंतिम 16 में जगह बनाई। 2004 में साइना ने नेशनल चैम्पियनशिप जीत ली थी और वर्ष 2005 में फिर इस खिताब को अपने नाम किया। साइना ने दिखा दिया था कि आने वाला समय उनका ही होगा और यह सच भी हुआ। अगले साल 2006 और 2007 में उन्होंने नेशनल सीनियर चैम्पियनशिप भी जीती।
वर्ष 2008 में उन्होंने योनेक्स चाईनीज़ ताईपे ओपेन का खिताब जीता। साइना को 2008 में मोस्ट प्रॉमिसिंग प्लेयर का खिताब भी मिला। फिर उन्होंने 2009 में इंडोनेशिया ओपन जीतते हुए सुपर सीरीज़ बैडमिंटन प्रतियोगिता का खिताब अपने नाम किया, यह उपलब्धि उनसे पहले किसी अन्य भारतीय महिला को हासिल नहीं हुई थी। दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया।
वर्ष 2015 में नई दिल्ली को योनेक्स सनराइज इंडिया ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में विश्व चैम्पियन जापान की युई हाशिमोतो को हराने के साथ ही साइना दुनिया की शीर्ष वरीय खिलाड़ी बन गई। अप्रैल 2015 में उन्हें आधिकारिक रूप से विश्व रैंकिंग में पहला स्थान मिला और इस मुकाम तक पहुंचने वाली वे प्रथम भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं।

अच्छा खाएं, फिट और स्वस्थ रहे
साइना अपनी फिटनेस का राज बताते हुए कहती हैं कि अपने शरीर और उसकी जरूरतों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह हमें भगवान की सबसे अच्छी देन है। यदि हम अपने शरीर को सशक्त बनाते हैं तो यह भी सभी कामों में आपका साथ देगा। इसलिए अच्छा खाएं, फिट और स्वस्थ रहें।
जरूरी है नाश्ता
अक्सर महिलाएं नाश्ते को अनदेखा कर देती हैं पर साइना ऐसा बिल्कुल भी नहीं करतीं। वो कहती हैं कि कोई माने या ना माने अपने हाथ में ही है अच्छे दिन की शुरूआत। अच्छे दिन की शुरूआत चमत्कार कर सकती हैं। नाश्ते की शक्ति में बहुत विश्वास रखती हैं, क्योंकि नाश्ता दिन की शुरूआत से लेकर अंत तक ऊर्जा बनाए रखता है। मैं हमेशा नियमित अंतराल पर छोटे-छोटे भागों में खाना खाती हूं। साइना इस पर भी ध्यान रखती हैं कि जो भी खाएं उसमें सभी पौष्टिक तत्व हों क्योंकि उनके लिए यह गुणवत्ता और मात्रा के बीच की बात है।
पसंदीदा नाश्ता
साइना से उनके पसंदीदा नाश्ते के बारे में पूछने पर वो बहुत ही उत्साहित होकर बोली, मेरे लिए पौष्टिक नाश्ता करना उसी तरह से है, जिस तरह से खेल की सही शुरूआत करना। मुझे नाश्ते में दूध, सफेद अंडा और फल के साथ केलॉग खाना बहुत पसंद है। यह वास्तव में मेरी ऊर्जा के स्तर को शारीरिक और मानसिक रूप से बढ़ा देता है। इससे आप जीवन में कुछ भी हासिल कर सकते हैं। मैं चाहती हूं कि मेरी तरह आप भी यह कसम खा लें कि रोज स्वस्थ नाश्ता करेंगी।
चुनौतियों का सामना
साइना चुनौतियों से नहीं घबराती हैं, तभी तो वह कहती हैं कि चुनौतियों का सामना करना हमारे जीवन का हिस्सा है। इससे नहीं घबराना चाहिए। मैं कभी भी खाली पेट मैदान में नहीं उतरती। मैं अपना नाश्ता सही समय पर करती हूं, जिससे मुझे चुनौतियों का सामना करने की ताकत मिलती है।
विचार सही दिशा में हों
साइना देश की महिलाओं से कहती हैं कि महिलाएं अपनी रोजमर्रा जिंदगी की महत्वपूर्ण बातों को अक्सर नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन यह बातें आगे जिंदगी में बहुत काम आती हैं। अगर आप खुद को सही दिशा देंगी तो आप अपने सभी सपनों को पूरा कर पाएंगी। आपको खूद को यह समझना होगा कि आप क्या कर सकती हैं।घर का खाना खाती हैं
साइना की कोशिश होती है कि बाहर का खाना न खाएं और वे घर के खाने को ज्यादा अहमियत देती हैं। वो कहती हैं कि अगर किसी दिन उन्हें कम खेलना हो तो उस दिन वे राजमा, चावल व दही और पूरी, खीर, चावल या दाल खाना पसंद करती हैं।
संतुलन के लिए सजग
व्यक्तिगत और प्रोफेशनल जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए साइना काफी सजग हैं। वो कहती हैं कि जब वे मैदान में रहती हैं तो सारा ध्यान खेल में लगाती हैं। उस समय उनके लिए कुछ मायने नहीं रखता और जब घर होती हैं तो वही सब उनके लिए सब कुछ होता है।
फिटनेस ज्यादा नहीं करती
साइना की फिटनेस का राज कुछ खास नहीं है क्योंकि वो ज्यादा समय एक्सरसाइज में नहीं बिताती। उनका कहना है, मैं अपने को फिट रखने के लिए मैं ट्रेडमील, वेट, सीटअप आदि करती हूं और यह सब मैं प्रशिक्षण कार्यक्रम के लगभग 1 घंटा बाद करती हूं।
तैयारी आजकल?
डेनमार्क और फ्रांस टूर्नामेंट की।
पसंदीदा जगह?
सिंगापुर और कुआलालंपुर बहुत पसंद हैं।

पसंदीदा पार्टी ड्रेस?
जीन्स और स्कर्ट पहनना पसंद है।
खेल में कौन बेहतर स्त्री या पुरूष?
दोनों ही सामान रूप से अच्छे खिलाड़ी होते हैं।
मेकअप टिप?
बैडमिंटन कोर्ट में कभी भी मेकअप का इस्तेमाल नहीं करती पर कोर्ट के बाहर थोड़ा सा परफ्यूम और लिपस्टिक लगा लेती हैं।
यादगार यात्रा?
जकार्ता यादगार यात्रा है क्योंकि 2009 में सबसे पहला सुपर सीरीज का खिताब वहीं जीता था।
