इनके प्रयोग के संकेत अलग—अलग होते हैं और एक प्रशिक्षित कॉस्मेटिक सर्जन को ही इस बात की जानकारी होगी कि इनसे अधिकतम लाभ उठाने के लिए इनका उपयोग किया जाना चाहिए और इनका उपयोग करते हुए किन जटिलताओं का खयाल रखा जाना चाहिए।

बोटॉक्स (बोटूलिनम टॉक्सिन) एक न्यूरोटॉक्सिक प्रोटीन है और इसे बैक्टेरियम क्लॉस्ट्रिडियम बोटूलिनम और अन्य संबंधित प्रजातियों द्वारा उत्पन्न किया जाता है। एक न्यूरोटॉक्सिन के तौर पर इंजेक्ट किए जाने पर बोटॉक्स उस पूरे इलाके की मांसपेशियों को सुन्न कर देता है। भौंह, माथे और आंखों के आसपास मांसपेशियों के सिकुड़ने से चेहरे के हावभाव के साथ चेहरे पर मौजूद झुर्रियां और बारीक लाइनें स्पष्ट हो जाती हैं। जब ये मांसपेशियां बोटॉक्स इंजेक्शन की वजह से सुन्न हो जाती हैं तो वे आराम की स्थिति में आ जाती हैं और इस वजह से बारीक लाइनें और झुर्रियां खत्म हो जाती हैं और पूरे हिस्से को नरम और युवा बनाते हैं। इसका असर चार से छह महीनों तक बना रहता है और इसके परिणामों को बनाए रखने के लिए नियमित उपचारों की जरूरत पड़ सकती है। नियमित उपचारों के साथ मांसपेशियों को नई ऊर्जा मिलती रह सकती है और उपचारों के बीच अंतराल बढ़ जाता है। बोटॉक्स उपचार बाह्यरोगी रोगी में किया जा सकता है और आम तौर पर किसी भी प्रकार के सुधार के लिए समय की जरूरत नहीं होगी। आप उपचार के तत्काल बाद सामान्य गतिविधियां शुरू कर सकते हैं। बोटूलिनम टॉक्सिन कोई नया उत्पाद नहीं है और सेंट्रल नर्वस सिस्टम संबंधी गड़बड़ियों को ठीक करने के लिए इनका इस्तेमाल लंबे समय से किया जाता रहा है। इसलिए इनका इस्तेमाल करना सुरक्षित है और इससे लंबी अवधि में कोई नुकसान नहीं होता है। बोटॉक्स से उपचार किए जाने वाले हिस्सों में मुख्य रूप से माथा, भौहों के बीच की लाइन और क्रोज़ फीट हैं। इस उपचार से अन्य हिस्सों को भी बेहतर बनाया जा सकता है। भले ही करने में यह बहुत ही साधारण प्रक्रिया लगती हो लेकिन चेहरे की मांसपेशियों की चीरफाड़ इतनी जटिल है कि सिर्फ प्रशिक्षित और अनुभवी पेशेवर ही अच्छे परिणाम आ सकते हैं।

अगर आप खुद को तरोताजा एवं युवा दिखाने के लिए फिल्टर्स हासिल करने के बारे में सोच रहे हैं तो यह एक अच्छा विचार हो सकता है। लेकिन आपको उनके बारे में जानकारी हासिल करने में समय बिताना होगा और इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सर्वश्रेष्ठ जगह भी तलाशनी होगी। पूरे यूरोप में सिर्फ प्रशिक्षित डॉक्टर ही यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। डॉक्टर के अलावा किसी अन्य को दिखाने का जोखिम यह है कि उनके चेहरे या त्वचा की बनावट से अनजान होने की आशंका होती है। संभवत: उन्हें किसी भी प्रकार की जटिलता के बारे में पता नहीं होता है और ऐसी जटिलताओं से बचने के तरीके भी उन्हें पता नहीं होते हैं। चेहरे के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फिलर्स आम तौर पर हाइलूरॉनिक एसिड या कई बार कैल्शियम हाइड्रोक्साइपटाइट या कोलाजेन से बने होते हैं। वे इंजेक्टेट हिस्सों में वॉल्यूम बढ़ाकर त्वचा की सतहों और लाइनों को नरम बनाते हैं। इनका इस्तेमाल माथे, भौहों, आंखों और गर्दन के आसपास की झुर्रियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसके परिणाम छह महीने से लेकर दो वर्षों तक बने रहते हैं जो इस्तेमाल किए गए फिलर के प्रकार पर निर्भर करता है। फिलर्स अस्थाई या स्थाई दोनों प्रकार के हो सकते हैं, हालांकि इन दिनों अस्थाई प्रकार के फिलर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन दिनों फैट ट्रांसफर का इस्तेमाल एक अत्यंत प्रभावी फिलर के तौर पर किया जाता है। विभिन्न प्रकार के उत्पाद उपलब्ध हैं और आपके लिए उपयुक्त उत्पाद की सलाह आपका डॉक्टर ही दे सकेगा। अच्छी तरह इस्तेमाल किए जाने पर फिलर्स एक फेस लिफ्ट जैसे ही परिणाम दे सकते हैं इसलिए अन्य प्रकार की प्रक्रियाओं से बचना चाहिए।

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