बदलती जीवनशैली, प्रदूषण और बदलते खानपान की वजह से ढ़लती उम्र के साथ त्वचा में होने वाले परिवर्तन अब कम उम्र में ही दिखने लगे हैं। खासतौर पर आंखों के आस-पास की त्वचा। इस जगह की त्वचा बाहरी परिस्थितियों से बहुत जल्दी प्रभावित होती है क्योंकि यह नाजुक होने के साथ-साथ संवेदनशील भी होती है। इस बारे में पारस हॉस्पिटल की डर्मेटोलॉजिस्ट एवं कॉस्मेटोलॉजिस्ट, डॉ. नंदिनी बरूआ कहती हैं कि लंबे समय तक धूप में रहने, नींद की कमी, धूम्रपान व अत्यधिक नमक के सेवन से आंखों के पास झुॄरयां पडऩे लगती हैं। कई लोगों की तो बार-बार आंख मलने की आदत होती है, जिस कारण आंखों आसपास की पतली कोशिकाएं (कैपिलरीज) क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। नतीजतन ऐसे लोगों की कैपिलरीज के रिसते रहने के कारण उनकी आंखों के आसपास काले घेरे बढऩे का खतरा ज्यादा रहता है। आंखों के घेरे पर सीधी धूप पडऩे के कारण भी त्वचा क्षतिग्रस्त होने या सनबर्न का खतरा बढ़ता है।

पाएं डॉर्क सर्कल्स व झुर्रियों से मुक्ति :- डॉक्टर नंदिनी कहती हैं कि आंखों के आसपास की त्वचा की नजाकत के मद्देनजर इस हिस्से का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है। इस हिस्से की हिफाजत के लिए आई क्रीम का इस्तेमाल करना आसान और अनिवार्य तरीका है। हालांकि अंडरआई क्रीम चुनते वक्त आपको कुछ मानकों का भी खास ख्याल रखने की जरूरत है। इस हिस्से की कई अलग-अलग समस्याएं होती हैं इसलिए आपको ऐसी आईक्रीम चुननी चाहिए, जो आपकी समस्याओं का निवारण कर सके और उस हिस्से को क्षतिग्रस्त होने से भी बचा सके। जैसे-

  •  चेहरे की त्वचा से ज्यादा आंखों के आसपास की त्वचा में नमी प्रदान करने वाली ऑयल ग्रंथि की कमी रहती है और इसकी नमी बनाए रखने के लिए बाहरी एजेंट की जरूरत पड़ती है। इसलिए ऐसी अंडरआई क्रीम का चुनाव करें, जो क्रीमी तथा स्मूथ हो ताकि आंखों के घेरे की पतली और नाजुक त्वचा को सही पोषण मिल सके।
  • आंखों के घेरे वाली क्रीम मुख्य रूप से रक्त संचार बढ़ाती है। वैसे किसी भी क्रीम में 100 प्रतिशत वांछित परिणाम देने की क्षमता नहीं होती। इसके अलावा अधिकतम परिणाम पाने के लिए इन क्रीमों का नियमित रूप से इस्तेमाल करना जरूरी होता है।
  •  हालांकि कुछ क्रीम आपकी त्वचा में खुजलाहट भी पैदा कर सकती है इसलिए क्रीम लगाने से पहले इसे किसी अन्य जगह पर लगा कर जांचने की सलाह दी जाती है।
  •  सूर्य की नुकसानदेह अल्ट्रावायलेट किरणों से बचने के लिए त्वचा पर पर्याप्त एसपीएफ वाली सनस्क्रीन क्रीम जरूर लगाएं।
  •  आंखों के नीचे मसाज हमेशा रिंग फिंगर से हल्के-हल्के चारों ओर करें क्योंकि इससे स्किन पर बहुत कम प्रैशर लगता है। 

अंडरआई क्रीम में कुछ तत्वों का होना जरूरी है :- डॉक्टर नंदिनी कहती हैं कि किसी भी आईक्रीम में अर्निका या विटामिन के, विटामिन सी, विटामिन ई, कोजिक एसिड या हल्दी के सत्व, हायल्युरोनिक एसिड, कम मात्रा में रेटिन ए तथा कोलाजन जैसे सभी तत्वों का होना जरूरी माना जाता है, जो आंखों के घेरे की सभी समस्याओं पर काबू पा सके। हालांकि हर समस्या का इलाज करने वाली क्रीम ढूंढना मुश्किल है इसलिए जिस क्रीम में जिस तत्व की कमी हो, उस तत्व वाली दूसरी क्रीम के मिश्रण से आप इसकी भरपाई कर सकती हैं। जैसे-

  • हायल्युरोनिक एसिड से परिपूर्ण और रेटिन ए की कम मात्रा वाली क्रीम उस हिस्से का कोलाजन बढ़ाने में कारगर मानी जाती है, जो क्षतिग्रस्त हुई है, जबकि विटामिन की मौजूदगी वाली क्रीम आपकी त्वचा को मुलायम और लचीला बनाए रखती है।
  • काले घेरे की समस्या का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली आईक्रीम में अर्निका या विटामिन के अनिवार्य रूप से होना चाहिए क्योंकि ये तत्व कैपिलरी की झुर्रियों तथा रिसाव से बचाने में मददगार होते हैं और कैपिलरी को संतुलित करते हुए काले घेरे बढ़ाने में योगदान करने वाले खून के तत्वों का सफाया करते हैं।
  • कोजिक एसिड या हल्दी के सत्व वाली क्रीम आंखों के काले घेरे पर काबू पाने में कारगर होती है। इसके अलावा हाइड्रेडिंग, नॉन-ग्रीजी ऑयल तथा सूजन में आराम पहुंचाने वाले तत्वों से बनी क्रीम भी आंखों की सूजन को ठीक करने में कारगर होती है।
  •  एक बात का ध्यान रखें कि अलग-अलग गुणों वाली अलग-अलग क्रीमों को आप दिन में एक साथ या बारी-बारी से इस्तेमाल कर सकती हैं, पर रेटिन ए के गुण वाली क्रीम का सिर्फ रात में ही इस्तेमाल करना चाहिए।

 घरेलू उपचार :-

  • रात को सोने से पहले बादाम तेल से आंखों के चारों ओर मालिश करें। इससे त्वचा में खिंचाव आएगा और झुर्रियां कम हो जाएगी।
  •  सुबह उठने के बाद मुंह में पानी भर कर ठंडे पानी से 20 या 30 बार आंखों पर छींटे मारे, इससे आंखों को ठंडक मिलेगी और आंखों की रोशनी भी बढ़ेगी।
  •  1 छोटा चम्मच शहद में 1/4 चम्मच खीरे का रस, 1/4 चम्मच आलू का रस और 2 बूंद बादाम के तेल की डालें। फिर इस पैक को आंखों के चारों तरफ 20 मिनट तक लगाएं। सूख जाने पर सादे पानी से धो लें।
  •  इस्तेमाल हो चुके टी बैग को ठंडा होने के लिए फ्रिज में रखें। जब ठंडा हो जाए तब इसको आंखों के नीचे रखें। इससे ढीली त्वचा टाइट हो जाएगी।
  • सोते समय हमेशा ऊंचे सिरहाने का चुनाव करें, क्योंकि इससे आंखों में आई सूजन दूर होगी और तकिए का रेशमीपन झुर्रियों तथा आंखों के नीचे की सिकुडऩ से बचाव करेगा। सोते समय कोशिश करें कि पीठ के बल सोएं। क्योंकि एक करवट लेकर सोने या पेट के बल लेटने से तरल आपकी आंखों के नीचे इकट्ठे हो जाते हैं।
  • अांखों को कभी रंगड़ें ना। अगर खुजली हो रही हो तो हलके हाथों से मसाज कर लें। क्योंकि इससे आंखों की सूजन बढ़ सकती है। जब भी धूप में बाहर निकलें तो अच्छी क्वालिटी का सनग्लास पहन कर निकलें ताकि गर्मी और सूर्य की किरणों के सीधे प्रभाव से बचा जा सके।
  • अपने खानपान में पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करें और सोने की आदतों में बदलाव लाएं।
  • नमक की संतुलित मात्रा वाला भोजन, 6-8 घंटे की गहरी नींद लेने, तनाव से बचने और पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करने से आंखों की सूजन का अंदर से इलाज होता है। और यह सूजन धीरे-धीरे कम हो जाती है।