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टिक्कू का फैसला – 21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां उत्तर प्रदेश

“क्यूं छोकरे, काम चाहिए तुझे?” टिक्कू ने चौंककर पीछे देखा, गैंडे की तरह मोटा और खुरदुरा शरीर, तेजाब से जला हुआ एक आंख का चेहरा, उस दूसरी बची हुई आंख में भी फैले हुए लाल डोरे। एक बेहद बदशक्ल दिख रहा आदमी खड़ा था उसके सामने। “काम?” “हां काम और बदले में दाम भी।” इस […]

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