होते हैं हमारे कई चेहरेकुछ खुद के लिए,कुछ दूसरों के लिएकुछ मुस्कान सहितकुछ मुस्कान रहितहर परिस्थिति के अनुसार चेहरेसमय के साथ बदलते चेहरे कहीं डरे सहमे से चेहरेकहीं रौद्र रूप लिएकहीं रक्तरंजित, कहीं सुशोभितकहीं खिलखिलाते से चेहरेकहीं अपनी परेशानियों कोमुस्कान से छिपाते चेहरे यह भी पढ़ें | सब के अपने हिस्से हैं-गृहलक्ष्मी की कविता
