एक था चींटा। कालिख-सा रंग, बड़ी-बड़ी टाँगें। जवानी में ही वह बूढ़ा हो चला था। भूख और प्यास से उसका शरीर जर्जर हो गया था। इसका कारण यह था कि वह बिलकुल लापरवाह व आलसी था। पूरी रात तो वह सोता ही, दिन में भी खर्राटे लेता रहता। यह आदत बचपन से ही उसमें घर […]
