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यह जगह ख्वातीन के लिए नहीं-21 श्रेष्ठ नारीमन की कहानियां

तीन घंटे, पिछले तीन घंटे अपने पति कंवल और दो बच्चों के साथ फ्रेंकफर्ड हवाई अड्डे पर अपनी सहेली सुक्खी की प्रतीक्षा करते हुए निकल गए, उक्ता गयी मैं, यहाँ आने की जितनी उत्सुकता थी, धीरे-धीरे ठंडी पड़ने लगी। कमाल कर दिया इस सुक्खी ने भी! क्या उसे उनका आना भूल गया? भूल कैसे सकती […]

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