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विधवा – गृहलक्ष्मी कहानियां

कुछ लोग इंसानियत की बहुत सुंदर-सुंदर बातें करते हैं। कुछ लोग इंसान होते हैं। क्या फर्क है इन दोनों बातों में, इसी पर गहरी रोशनी डालती है वरिष्ठ साहित्यकार आबिद सुरती की ये कहानी-

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