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कीर्ति बड़ी हो गई – 21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां मेघालय

कीर्ति अब बड़ी हो गई है। वह खुद नहीं कह रही, सब कह रहे थे। वह तो तब छोटी थी, जब नर्सरी में पढ़ती थी। मम्मी की उंगली पकड़ने के लिए उसे हाथ यों लंबा करना पड़ता था। कीर्ति की मम्मी बड़ी अजीब है, जब बदमाशी करो तो नहीं डाँटती। घुटनों के बल बैठकर, कंधे […]

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