Overview:अभिनेत्री ने शेयर किए अपने अनुभव
सामंथा रुथ प्रभु ने अपने अनुभवों से साबित किया है कि उम्र सिर्फ़ एक संख्या है, लेकिन तीस की उम्र इंसान को गहराई से जीना सिखाती है। उन्होंने जो बातें साझा कीं, वे हर उस इंसान के लिए प्रेरणा हैं जो समाज के दबाव में खुद को भूल जाता है।
Samantha on Love: साउथ इंडस्ट्री की सुपरस्टार सामंथा रुथ प्रभु अपने काम के साथ-साथ अपनी बेबाक सोच के लिए भी जानी जाती हैं। हाल ही में उन्होंने तीस की उम्र में प्यार, रिश्तों और ज़िंदगी को लेकर अपने अनुभव साझा किए। सामंथा ने साफ कहा कि इस उम्र तक पहुंचते-पहुंचते इंसान बहुत कुछ देख चुका होता है और दुनिया के बनाए मानकों से ज़्यादा ज़रूरी खुद को समझना और अपनाना है।
तीस की उम्र और नए नज़रिए
सामंथा ने बताया कि जैसे-जैसे इंसान तीस की उम्र में प्रवेश करता है, उसके सोचने और जीने का नज़रिया पूरी तरह बदल जाता है। अब ज़िंदगी सिर्फ़ दूसरों को खुश करने या दुनिया की उम्मीदों को पूरा करने तक सीमित नहीं रहती, बल्कि खुद को प्राथमिकता देने की समझ विकसित होती है।
प्यार की असली परिभाषा
उनका कहना है कि तीस की उम्र में प्यार को लेकर इंसान परिपक्व हो जाता है। अब रिश्तों में सतही चीज़ें मायने नहीं रखतीं, बल्कि भरोसा, इज़्ज़त और समझ सबसे अहम हो जाती है। सामंथा के मुताबिक, सच्चा प्यार वही है जो आपको गिरने से पहले संभाल ले और कठिन वक्त में ताकत बने।
दुनिया की बातें और असली सुकून
सामंथा ने कहा कि समाज हमेशा आपको बताएगा कि आपको कैसा होना चाहिए, कैसे दिखना चाहिए या कैसी ज़िंदगी जीनी चाहिए। लेकिन असली खुशी तभी मिलती है जब इंसान इन आवाज़ों से ऊपर उठकर अपने दिल की सुनता है। उनके मुताबिक, यही आत्मविश्वास सबसे बड़ी ताकत है।
करियर और खुद की पहचान
फिल्म इंडस्ट्री में अपनी मजबूत पहचान बना चुकी सामंथा मानती हैं कि करियर की दौड़ में अक्सर लोग खुद को भूल जाते हैं। लेकिन इस उम्र में उन्होंने सीखा है कि काम ज़रूरी है, मगर उससे भी ज़्यादा ज़रूरी है खुद से जुड़ाव बनाए रखना और जीवन का संतुलन समझना।
मुश्किलें और आत्मबल
सामंथा ने अपने निजी जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उन्होंने हर बार साबित किया कि आत्मबल से बड़ी कोई ताकत नहीं होती। उनका कहना है कि मुश्किलें इंसान को तोड़ने के लिए नहीं बल्कि उसे और मज़बूत बनाने के लिए आती हैं।
आने वाला सफर और उम्मीदें
अभिनेत्री का मानना है कि तीस की उम्र के बाद ज़िंदगी असल मायनों में शुरू होती है। अब वह सिर्फ़ करियर ही नहीं बल्कि अपने निजी सफर को भी खुलकर जीना चाहती हैं। सामंथा ने साफ कहा कि उनका आने वाला सफर खुद को और गहराई से समझने और दुनिया को नए नज़रिए से देखने का होगा।
