एक संगीत वादक शांति से अभ्यास करने के लिए हर रोज़ जंगल में जाकर मृदंग बजाया करता था। ठीक उसी वक्त कहीं से एक मेमना वहां आकर बैठ जाता था।

एक दिन संगीतकार ने उस मेमने से एक प्रश्न किया,मेरा राग अच्छा है या फिर मेरा गायन, जो तू रोज़ यहां आकर बैठ जाता है।

मेमने ने जवाब दिया,“मैं यह तो नहीं जानता कि आपकी लय-ताल क्या है। मैं तो बस इतना जानता हूं कि आपके मृदंग में जो चमड़ा मढ़ा हुआ है, वह मेरी मां के शरीर से उतारा गया है। जब भी इस पर आपकी थाप पड़ती है तो मुझे लगता है, मेरी मां मुझे पुकार रही है

संगीतकार का मौन जंगल के सन्नाटे में विलीन हो गया।

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