उर्वशी की शादी को तीन साल हुए हैं। उसका पति बैंक में ऑफिसर है तथा वह स्वयं एल.आई.सी. में नौकरी करती हैं। उनका विवाह परिवार द्वारा आयोजित था। शादी के बाद वह अपने पति के साथ बहुत खुश थी, क्योंकि वह उस पर अपनी जान छिड़कता था, लेकिन पिछले एक साल से उसके तेवर बदले हुए हैं। उर्वशी ने जब इस बदलाव की गहराई में जाने की कोशिश की तो पाया कि उसका पति अपने ही साथ काम करने वाली एक अविवाहित युवती को चाहने लगा है। जब उर्वशी ने इस संबंध में अपने पति से शिकायत की तो वह साफ पलट गया कि वैसा कुछ नहीं है, जैसा तुम सोच रही हो।
 
एक दिन तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। हुआ यह कि उस दिन उसके पति ने छुट्टी ले रखी थी और वह अपने ऑफिस गई हुई थी। ‘लंच’ के समय वह किसी जरूरी काम से अपने घर लौटी तो पति महाशय अपनी उस गर्लफ्रेंड के साथ रंगरलियां मनाते हुए रंगे हाथों पकड़े गए। पति और उस युवती ने लाख सफाई दी, पर जो कुछ उर्वशी ने अपनी आंखों से देखा, उसके आगे सारी सफाई झूठी थी। युवती के चले जाने के बाद पति ने अपनी पत्नी को मनाने की लाख कोशिश की, लेकिन उसकी बेवफाई से उसका दिल पूरी तरह टूट चुका था।
 
भटकाव नहीं मुश्किल
 
पुरुष तो स्वभाव से ही रसिक प्रवृति के होते हैं। जरा सी लिफ्ट मिलते ही वे उतावले हो जाते हैं। किसी ने सच ही कहा है कि पराई थाली में घी ज्यादा नजर आता है। यही बात शादीशुदा मर्द पर लागू होती है, जिसे अपनी पत्नी की बजाय किसी अन्य महिला में अधिक आकर्षण लगता है। यही कारण है कि वे दूसरी औरत के साथ संबंध बनाने की फिराक में रहते हैं। कोई औरत सब कुछ बर्दाश्त कर सकती है, पर अपनी सौत को नहीं। बहुत से पति न तो अपनी पत्नी को तलाक देते हैं और न दूसरी महिला से संबंध तोड़ते हैं।

 
रिश्ते होते हैं उपेक्षित
 
जब कोई पति अपनी पत्नी की बजाय किसी और को चाहने लगता है तो उसे अपनी पत्नी से कोई मतलब नहीं रहता। पति के विवाहेतर संबंधों को लेकर रोज-रोज लड़ाईझ गड़ा करने से भी कुछ नहीं होगा, क्योंकि इससे वे अपनी आदत से बाज नहीं आएंगे। बेहतर होगा कि आप उस लड़की या महिला से मिलें और उसे समझाएं। यदि वह समझने के लिए तैयार न हो तो उसके पिता या पति को इन संबंधों के बारे में बताएं। हो सकता है, बात बन जाए, क्योंकि कोई भी पिता यह नहीं चाहेगा कि उसकी कुंआरी लड़की का अफेयर किसी शादीशुदा आदमी के साथ हो। इसी प्रकार कोई पति यह नहीं चाहेगा कि उसकी पत्नी पराए मर्द के साथ अनैतिक संबंध रखे।
 

 

स्वयं को भी खंगालें
 
यूं ही कोई बेवफा नहीं होता। अपने अंतर्मन में झांककर देखें कि कहीं इसके लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आप स्वयं तो दोषी नहीं हैं। यदि आप लगातार अपने पति की उपेक्षा करती हैं, उसके स्वाभिमान को ठेस पहुंचाती हैं या लडऩे-झगडऩे का बहाना ढूंढ़ती हैं तथा बात का बतंगड़ बनाती हैं तो पति ऐसी पत्नी से तौबा कर लेते हैं। कुछ पत्नियों की आदत होती है कि उन्हें हर समय और हर बात पर पति को नीचा दिखाने में मजा आता है। प्राय: पति से अधिक कमाऊ या संपन्न मायके वाली लड़कियों में यह प्रवृत्ति अधिक पाई जाती है, जिसका परिणाम अच्छा नहीं होगा। हर पति घर में शांति चाहता है, लेकिन यदि पत्नी रोज-रोज कलह करती है तो वह ऐसी युवती या महिला का साथ खोजता है, जहां उसे शांति और सुकून मिल सके। धीरे-धीरे ये संबंध अफेयर में बदल जाते हैं।
 
लचीला व्यवहार ज़रूरी
 
ऐसी पत्नियां भी हैं, जो अपने हिसाब से पति को चलाना चाहती हैं, न कि पति के हिसाब से अपने-आपको ढालना। उन्हें वे सभी कार्य और आचरण करने में मजा आता है, जो उनके पति को पसंद नहीं हैं। ऐसा करके वे अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारती हैं। ऐसी पत्नियां भी हैं, जो पति को सेक्स सुख से वंचित रखती हैं। जब भी वह पहल करता है, उसे परे हटा देती हैं या कोई बहाना बनाकर उसे इससे वंचित रखती हैं। पुरुष के भी संयम की एक सीमा होती है। अपने पति की इस आवश्यकता की पूॢत न करके कुछ महिलाएं स्वयं उसे यह सुख अन्यत्र तलाशने हेतु मजबूर करती हैं। जिन पत्नियों के पास अपने पति की इच्छाओं और भावनाओं के लिए कोई जगह नहीं होती, वे ‘दूसरी औरत’ में ये खुशियां ढूंढ़ते हैं।
 
दांपत्य को मज़बूत बनाएं
 
दांपत्य की खुशियां परस्पर विश्वास और समर्पण पर निर्भर करती हैं। यदि आप अपने पति को भरपूर ह्रश्वयार दें और उसकी सेक्स संबंधी जरूरतों का ध्यान रखें तो उसे कहीं अलग मुंह मारने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। जो पति अपनी पत्नी से बेवफाई करते हैं, वे इस बात की परवाह नहीं करते कि क्या सही है और क्या गलत या लोग इस बारे में क्या सोचेंगे। उन्हें इन सब बातों से मतलब नहीं और न ही उन्हें इस पर शर्म आती है। कमजोर नींव पर स्थापित दांपत्य अधिक टिकाऊ नहीं होता है, इसलिए उसकी नींव को मजबूत बनाए रखने की पहल करनी चाहिए।
 
समझें पति का मन
 
अपने पति को जानने और समझने की कोशिश करें। उनके सुख-दुख में सहभागी बनें। अपने पति के विवाहेतर संबंधों का ढिंढोरा न पीटें और न ही उनके बारे में उल्टी-सीधी बातें फैलाएं। अपने पति की बेवफाई या अपने टूटे दिल का हाल लोगों को सुनाने से कुछ होने जाने वाला नहीं, अपितु आप स्वयं डिप्रेशन में आ जाएंगी। पति की बेरुखी की वजह से अपने रिश्ते को बेकार समझने की भूल न करें, बल्कि उसे समझदारी से सुलझाएं।