मनुष्य कर्म करने का अधिकारी है और पुराने कर्म भोगने का भी क्योंकि मनुष्य कार्मिक भी है और भोगी भी। जीवन में सफलता और असफलता मनुष्य के हाथों में नहीं होती, उसको तो सिर्फ कर्म करना होता है। मानव
कितना भी प्रयत्न कर ले किन्तु यदि भाग्य में उसके वो वस्तु लिखी ही नहीं है तो मिलेगी कैसे! इसलिए कई बार कठिन मेहनत के बावजूद भी निराशा ही हाथ लगती है और कई बार देखने में आया है कि बिना मेहनत के भी कोई करोड़पति बन गया। ये सब कर्मों का फल है और कर्मों का संबंध ग्रहों से होता है, मनुष्यों पर वैसे तो हजारों, लाखों ग्रहों का प्रभाव पड़ता है किन्तु विशेष प्रभाव 9 ग्रहों का ही होता है। राहु और केतु छाया ग्रह है फिर भी ये अपना
प्रभाव पूर्ण रूप से दिखाते हैं। जब भी किसी के जीवन में कोई भी शुभ अथवा अशुभ कार्य होता है तो उसका पूर्ण श्रेय मनुष्य के कर्म और ग्रहों पर ही जाता है-
सूर्य
- आंखों में कमजोरी या आंखों में कोई विकार आ जाये तो सूर्य के अशुभ प्रभाव का संकेत है।
- सूर्य का संबंध हड्डी से है। यदि हड्डियों में दर्द रहने लगे तो सूर्य ग्रह का अशुभ प्रभाव है।
- अदालत में प्रतिकूल प्रभाव पडऩा।
- किसी सरकारी अधिकारी-कर्मचारी से लड़ाई-झगड़ा होना।
- सिर में दर्द रहना, त्वचा रोग होना,
- आंखों का संक्रमण होना।
- पिता से बार-बार लड़ाई-झगड़ा या विवाद होना।
चन्द्र
- पानी की टंकी से पानी लीक होना। नल का बार-बार टूटना।
- पानी का कोई भी उपकरण खराब होना।
- दूध का उबल कर गिरना।
- मोती नग का खो जाना।
मंगल
- भूमि के लिए लड़ाई-झगड़ा होना।
- किसी अस्त्र-शस्त्र से चोट लगना।
- किसी पुलिस कर्मचारी से विवाद होना।
- घर की ईंटों का टूटना।
- हवन की अग्नि का स्वयं ही अचानक बंद होना।
- घर में व्यर्थ ही अग्नि का लग जाना।
बुध
हरे रंग का कोई वस्त्र अचानक फट जाना।
पढ़ाई करने के बाद भी याद न रहना।
किसी बनिये अथवा दुकानदार से विवाद होना।
त्वचा के रोग होना।
गुरु
- गुरु, शिक्षक से विवाद होना।असत्य बोलना।किताबों का अचानक फट जाना।
- किसी भी प्रकार का कोई आभूषण खो जाना।
शुक्र
- सुन्दर स्त्रियों से विवाद होना।
- सेंट की शीशी का टूट कर गिर जाना।
- नूतन वस्त्रों का फट जाना अथवा फटा हुआ मिलना।
- कार का अचानक खराब हो जाना।
- अचानक दाद, खुजली का हो जाना।
शनि
- किसी विक्लांग व्यक्ति से विवाद होना।
- अत्यधिक नींद आना।
- किसी काले रंग के पशु की मृत्यु हो जाना।
- लोहे से चोट लगना।
राहु
- घर में मरी हुई छिपकली का मिलना।
- पालतू जानवर का खो जाना।
- नाखूनों का खराब होना।
केतु
- अचानक मुंह से गाली निकलना।
- अचानक शुभ अथवा अशुभ समाचार का मिलना।
- पालतू पक्षी की मृत्यु होना।
- पैरों के नाखूनों का खराब होना।
- मजाक करते करते विवाद हो जाना।
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