Posted inहिंदी कहानियाँ

द्रौपदी रह चुकी हो

मुझे नाटकों में भाग लेने और लिखने का शौक बचपन से ही रहा है। इसलिए जब मेरी शादी की बात चली तो अपने होने वाले पति की लेखन क्षमता से प्रभावित होकर मैंने रिश्ते के लिए हां कर दी। शादी के कुछ साल बाद एक रोज हमारा किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ।

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