अगर आप यह सोचते हैं कि सिर्फ बैंकिंग के जरिए ही फ्रॉड होते हैं, तो आप गलत हैं। नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी भी धोखाधड़ी देने में आगे रहते हैं। फिर चाहे यह धोखा लोन देने के बहाने नकली विज्ञापनों के जरिए पैसे निकलवाने का हो या फिर एसएमएस, ईमेल, इन्स्टेन्ट मैसेजिंग या कॉल के जरिए। फिर लोगों से फॉर्म वगैरह भरने के लिए कहा जाता है और बहला- फुसला कर उन्हें पिन या ओटीपी शेयर करने के लिए तैयार कर लिया जाता है। बस फिर क्या, ओटीपी और पिन शेयर करते ही उनके अकाउंट से अच्छी- खासी धन राशि निकाल ली जाती है।
