कहते हैं कि कल्पवास करने वाले को इच्छित फल प्राप्त होने के साथ जन्म जन्मांतर के बंधनों से मुक्ति भी मिलती है। ईश्वरीय भक्ति में लीन श्रद्धालु संगम की रेती पर करीब माह भर तक साधनारत होकर कल्पवास करते हैं। कल्पवासी घर.गृहस्थी का मोह छोड़कर संगम तट पर आते हैं।
