आप, मैं हम सब कहीं ना कहीं मां से ज्यादा जुड़े हुए होते हैं। मां की परेशानियों को समझना, उनके लिए अपने दिल में एक सॉफ्ट कॉर्नर रखना, काम में हाथ बटाना और उनका हमदर्द बनना हम सभी को करना पसंद होता है। मां भावनाओं का सैलाब होती है जिसका एक आंसू भी हमें खल जाता है।
