लगभग 2500 वर्ष पूर्व भारत वर्ष की धरती पर एक ऐसे महापुरुष ने जन्म लिया था जिसके उपदेश ज्ञान की अलौकिक ज्योति के रूप में, संपूर्ण विश्व में मान्यता के लिए प्रकाश स्तंभ साबित हुए। कपिलवस्तु के ‘राजा शुद्धोधन’ के पुत्र सिद्धार्थ का ‘सिद्धार्थ’ से ‘शाक्य मुनि’ और ‘शाक्य मुनि’ से ‘बुद्ध’ बनने तक की यात्रा एक वैभवशाली राजकुमार के ज्ञानपुंज दिशा-निर्देशक बनने तक की यात्रा है।
