भारत आज अनेक मोर्चों पर संघर्ष करता दिखाई पड़ रहा है। समस्त प्रकार के संसाधनों और प्रतिभाओं के बावजूद यदि हम अपने सपनों के भारत का निर्माण नहीं कर पा रहे हैं, तो उसके लिए हमारी मानसिकता उत्तरदायी है। नि:संदेह अनेक सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध यह संघर्ष बहुत पुराना है। इसके लिए समग्र समाज की मानसिक क्रांति की आवश्यकता है।
