Posted inहिंदी कहानियाँ

गृहलक्ष्मी की कहानियां : एक चालाकी ऐसी भी

पापा के दोस्त पाण्डेय जी के दो बेटे और एक बेटी हैं। पांडेय अंकल सरकारी नौकरी में थे। अपनी जिंदगी में उन्होंने अपने तीनों बच्चों को पढ़ाया लिखाया, पहले बेटी की शादी की और फिर बड़े बेटे की। बड़ा बेटा उसी शहर में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था।

Gift this article