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महिलाओं के प्रति सोच तो बदली लेकिन ताने नहीं, बताती हैं ये तस्वीरें

महिलाओं के प्रति समय के साथ-साथ समाज का भी नजरिया बदला लेकिन वो आदत नहीं बन पाया। उसे घर से बाहर जाने की छूट तो मिली लेकिन एक सवाल के साथ… “वहां क्या कर रही थी तुम ?” उसे सपनों को पूरा करने की हामी तो मिली लेकिन एक सीमा तय कर दी गई… “बिटिया पहले शादी कर लो बाद में पढ़ लेना”। वजह कुछ भी हो लेकिन महिलओं को हमेशा सवालों के घेरे में ही रहना पड़ता है। उसकी मानसिक पीड़ा को शायद उससे बेहतर कोई नहीं समझ पाता। हर वक्त हर घड़ी उसे समाज के इन तानों का सामना करना पड़ता है –

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टीवी हस्तियों की नज़र में जानिए क्या हैं नारी अस्तित्व के मायने

    प्रियाल गौर उर्फ इच्छाप्यारी नागिन की इच्छा      मैं वास्तव में सौभाग्यशाली महसूस करती हूं, क्योंकि मेरे माता-पिता ने मुझे एक स्वतंत्र लड़की बनाया है। मैं 15 वर्ष की उम्र से काम कर रही हूँ, जिसने मुझे काफी सहायता की है। माता-पिता अपनी लड़कियों को स्वतंत्र बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते […]

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