पितृ हमारे पूर्वज हैं जिन्हें हम देवता के समान पूजते हैं। पितृ हमारे बुजुर्गों के वे सूक्ष्म शरीर हैं जो मृत्यु पर्यंत पुनर्जन्म होने तक विभिन्न लोकों में वास करते हैं तथा अपनी वृत्ति अनुसार भोगों को याद करते हैं, जो उन्होंने इंद्रियों द्वारा इस धरती पर भोगे थे तथा स्थूल शरीर उपलब्ध न […]
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जानिए क्या है ‘श्राद्ध’ की महिमा और महत्त्व
शास्त्रों के मुताबिक, मनुष्य के लिए तीन ऋण बताये गए हैं पहला देव ऋण, दूसरा ऋषि व तीसरा पितृ ऋण। इनमें पितृ ऋण को श्राद्ध या पिंडदान करके उतारना आवश्यक है। क्योंकि जिन माता-पिता ने हमारी आयु,आरोग्यता तथा सुख-सौभाग्य की अभिवृद्धि के लिए अनेक प्रयास किए, उनके ऋण से मुक्त न होने पर हमारा […]
