इस देश का मन-मानस, प्रतिभा-पूरे अतीत के इतिहास में, विचार पर नहीं विश्वास पर आधारित रही है। और जो देश, जो मन, जो चेतना विश्वास पर आधारित होती है, वह अनिवार्यरूपेण अंधी हो जाती है, उसके पास सोच-विचार की क्षमता क्षीण हो जाती है।
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राजनेताओं को मूल्य देना बंद करो – ओशो
तुमने पूछा है राजनैतिक लुच्चे-लफंगों से देश का छुटकारा कब होगा?
