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अहिंसा एक महान शक्ति है – आचार्य महाप्रज्ञ

जो व्यक्ति अहिंसा का साक्षात्कार कर लेता है, उसमें असीम शक्ति जाग जाती है, मरने की शक्ति जाग जाती है। मरने की शक्ति दुनियां में सबसे बड़ी शक्ति होती है। इससे बड़ी कोई शक्ति नहीं और जिस व्यक्ति में मरने की शक्ति आ गई वह सारी भौतिक शक्तियों से अपराजेय बन गया।

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चेतना का रूपांतरण – आचार्य महाप्रज्ञ

जब चेतना बदलती है तो हृदय बदल जाता है। चेतना नहीं बदलती है तो कुछ भी नहीं बदलता। युक्ति को जाने बिना चेतना का रूपांतरण नहीं हो सकता। अचेतन में छलांग नहीं होती, चेतन में छलांग होती है।

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