रा, री चित्रा‒2
रु, रे, रो, ता स्वाति‒3
ती, तू, ते विशाखा‒3
ग्रह स्थिति
मासारम्भ में केतु तुला राशि का लग्न में, शनि कुंभ राशि का पंचम भाव में, गुरु मीन राशि का षष्ठम भाव में, राहु+मंगल मेष राशि का सप्तम भाव में, शुक्र+बुध वृषभ राशि का अष्टम भाव में, सूर्य मिथुन राशि का नवम भाव में, चंद्रमा कर्क राशि का दशमस्थ है।
24 जुलाई से 31 जुलाई तक
दिनांक 24, 25 को आधा दिन ठीक नहीं है। जीवन में अवरोध की स्थिति रहेगी। आप बहुत ज्यादा मानसिक तनाव में आ जाएंगे। आप इस समय गलतफहमियों से घिरे रहेंगे। 25 की दोपहर से 27 तक समय अनुकूल हो जाएगा। इस समय किसी जरूरतमंद की जरूरतें पूरी करेंगे। आप श्रेष्ठ संवाद करेंगे जो कि आपको आगे बढ़ने के लिए मददगार होगा। बच्चों व जीवनसाथी के साथ अच्छा तालमेल रहेगा। 28, 29, 30 को समय सम्मान प्राप्ति का रहेगा। यह समय नई सम्भावनाएं, रोमांच और उम्मीदों भरा होगा। आप सामाजिक गतिविधियों तथा समारोहों में भाग लेंगे। 31 को समय सर्वलाभकारी है। व्यापार व नौकरी में लाभ होगा।
तुला राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
2021 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
जनवरी | 1, 2, 20, 21, 25, 26, 29, 30 | 4, 5, 13, 14, 15, 23, 31 |
फरवरी | 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25, 26 | 1, 9, 10, 11, 19, 20, 28 |
मार्च | 16, 17, 21, 22, 24, 25 | 8, 9, 10, 18, 19, 27, 28 |
अप्रैल | 12, 13, 17, 18, 21, 22 | 5, 6, 7, 15, 23, 24 |
मई | 9, 10, 11, 14, 15, 18, 19 | 2, 3, 4, 12, 13, 20, 21, 22, 29, 30, 31 |
जून | 6, 7, 11, 12, 14, 15 | 9, 17, 18, 25, 26, 27 |
जुलाई | 3, 4, 8, 9, 12, 13, 30, 31 | 6, 7, 14, 15, 23, 24, 25 |
अगस्त | 1, 4, 5, 6, 8, 9, 26, 27, 28 | 2, 3, 11, 12, 19, 20, 21, 29, 30 |
सितम्बर | 1, 2, 5, 6, 23, 24, 28, 29 | 7, 8, 15, 16, 17, 26 |
अक्टूबर | 2, 3, 20, 21, 25, 26, 29, 30, 31 | 4, 5, 6, 13, 14, 15, 23, 24 |
नवम्बर | 16, 17, 18, 22, 23, 25, 26 | 1, 2, 9, 10, 11, 19, 20, 28, 29 |
दिसम्बर | 14, 15, 19, 20, 23, 24 | 6, 7, 8, 17, 18, 25, 26 |
तुला राशि का वार्षिक भविष्यफल
तुला राशि के लिए यह साल 2022 कुछ चुनौतियों से परिपूर्ण रहेगा। अल्पकाल के लिए शनि की ढैय्या का प्रभाव आपकी राशि पर रहेगा। स्वास्थ्य में अप्रैल तक काफी उतार-चढ़ाव रहेंगे। अकस्मात स्वास्थ्य में कुछ समस्याएं आएंगी जो पूर्ण रूप से बीमारी जांच के बाद भी पकड़ में नहीं आएंगी। मौसमी बीमारियों का प्रकोप रहेगा। गंभीर व घातक बीमारी की संभावना व आशंका कम ही है। अप्रैल के पश्चात् स्वास्थ्य में कुछ बेहतरी बनेगी। यदि किसी शल्य चिकित्सा (सर्जरी) का प्लान है तो अप्रैल के उपरांत करवाना ठीक रहेगा। यदि सर्जरी की तत्काल आवश्यकता हो और टाली न जा सके तो अप्रैल से पूर्व भी आपातकाल में करवा सकते हैं। व्यापार व कारोबार में मेहनत व परिश्रम अधिक रहेगा। ऑर्डर प्राप्ति के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगाना पड़ेगा, साथ ही सम्पर्कों व सम्बंधों को भी टटोलना पड़ेगा। हालांकि पैसा आपको प्राप्त हो जाएगा, परंतु रुक-रुक कर आएगा। खर्चा भी कुछ अधिक ही होगा। अवांछनीय खर्चों की स्थिति रहेगी। अप्रैल के उपरांत एक ओर जहां शनि का परिवर्तन है, वहीं दूसरी ओर राहु का परिवर्तन भी अच्छे दिनों का संकेत कर रहा है। विद्यार्थियों के इस वर्ष परिणाम आशा के अनुरूप आएंगे। इस वर्ष आप किसी नवीन वस्तु की खरीददारी कर सकते हैं।
यह साल आपके लिए भौतिक उपलब्धियों को देने वाला है। हालांकि नौकरी में परेशानियां जरूर लगी रहेंगी। सहकर्मी, बॉस को लेकर कुछ तनाव रह सकता है। अपना काम पूरी ईमानदारी, संजीदगी व निष्ठा से करें। किसी भी प्रकार की लापरवाही के परिणाम घातक हो सकते हैं। कुल मिलाकर यह साल चुनौतियों के उपरांत सफलता का है। परिवार में वातावरण ठीक-ठाक ही रहेगा। पति-पत्नी में या पिता-पुत्र में छोटी-छोटी बातों को लेकर मतभेद रह सकते हैं। हालांकि बड़े-बुजुर्गों व परिवार के वरिष्ठ सदस्यों का आशीर्वाद आपको प्राप्त होगा। भूमि, भवन, वाहन आदि की खरीद से पूर्व कागजात की अच्छी तरह से जांच व परीक्षण कर लें। जून से अक्टूबर के मध्य शनि के वक्रत्व काल में वाहन द्वारा क्षति हो सकती है। वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं। वर्षारंभ में धन भाव में महालक्ष्मी योग बना हुआ है। चंद्रमा+मंगल का योग इस वर्ष धन की वर्षा करवाएगा। भाइयों से सम्पत्ति सम्बंधी विवाद किसी प्रभावशाली व्यक्ति की मध्यस्थता से सुलझ जाएगा। शनि अप्रैल के पश्चात् पंचम भाव में रहेंगे, अतः राजकीय परेशानी उत्पन्न हो सकती है। अतः उस दृष्टिकोण से जरूर सावधान रहें। आयकर, जीएसटी, सेल्सटैक्स, निगम, पुलिस या अन्य सरकारी विभाग से उलझन के संकेत हैं। संतान को लेकर भी कुछ चिंता की स्थिति बनेगी। विद्यार्थियों का मन पढ़ाई में नहीं लगेगा। फेसबुक, व्हाट्सएप्प, यूट्यूब आदि सोशल नेटव`िर्ंकग साईट्स से दूरी बनाकर रखें। रुपयों-पैसों के मामले में किसी पर भी भरोसा नहीं करें। व्यापार में भी जहां तक हो सके उधार देने से बचें। मित्रों का दायरा व सम्पर्क जरूर बढ़ेंगे।
तुला राशि–कैसी रहेगी 2022 में आपकी सेहत?
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तुला राशि की चारित्रिक विशेषताएं
तुला राशि का स्वामी शुक्र है। शुक्र तड़क-भड़क व सौंदर्य का कारक ग्रह है। तुला राशि के व्यक्ति नकारात्मकता व सकारात्मकता में संतुलन करते हैं।
इस राशि का राशि चिन्ह ‘तुला’ (तराजू) है। तराजू दो वस्तुओं के संतुलन का परीक्षण करते हुए हल्की व भारी वस्तु का बोध कराती है। अतः इस राशि वाले व्यक्ति की संतुलन शक्ति बड़ी गजब की होती है। अपनी फुर्तीली निर्णयात्मक शक्ति के कारण तुला राशि के लोग शीघ्र ही लोगों पर छा जाते हैं। ‘तराजू’ व्यापार का परिचायक है, इस राशि के लोग बड़े कुशल व्यापारी होते हैं तथा लोक व्यवहार में चतुर होने के कारण इनको व्यापारिक सफलता शीघ्र मिल जाती है।
तुला राशि, पुरुष जाति सूचक व क्रूर स्वभाव राशि मानी जाती है। सच्चा व खरा परीक्षण करने की क्षमता आप रखते हैं और सहज ही किसी व्यक्ति के छलावे में नहीं आते। आप राजनीति के क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। जन्म कुंडली में यदि शुक्र की स्थिति अच्छी है, तो आप कुशल अभिनेता भी बन सकते हैं।
सामान्यतया तुला राशि में उत्पन्न जातक सुन्दर, स्वस्थ एवं सुदर्शन व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं। उनकी प्रवृत्ति हास्य प्रिय होती है तथा बच्चों के प्रति इनके मन में प्रबल स्नेह का भाव विद्यमान रहता है। सुन्दर दृश्यों एवं वस्तुओं के प्रति भी इनमें आकर्षण रहता है। स्वाभाविक रूप से ये अन्य जनों को किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं देते हैं तथा सबके साथ समानता का व्यवहार करते हैं, जिससे समाज में ये सम्मानित, प्रतिष्ठित तथा प्रसिद्ध होते हैं। कला के प्रति इनका भावनात्मक लगाव रहता है तथा अच्छे कार्यों से ये अपनी आजीविका अर्जित करते हैं। नीति ज्ञान में ये चतुर होते हैं। अतः राजनीति के क्षेत्र में इनको नेतृत्व प्राप्त हो जाता है, परन्तु इनका कोई निश्चित सिद्धांत नहीं होता है।
तुला के प्रभाव से आपका व्यक्तित्व आकर्षक होगा, जो लोगों को प्रभावित करने में समर्थ होगा। आपकी प्रवृत्ति हास्यप्रिय होगी। बच्चों के प्रति आपके मन में स्नेह का भाव रहेगा तथा प्राकृतिक दृश्यों के प्रति आपके मन में आकर्षण रहेगा। साथ ही कला से आपका भावनात्मक संबंध रहेगा।
आप सभी लोगों से समानता का व्यवहार करेंगे तथा आपके मन में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं रहेगा। अपने कार्यक्षेत्र में आपका प्रभाव रहेगा तथा आपके अधिकारी एवं सहयोगी आपसे प्रसन्न तथा संतुष्ट रहेंगे। आप किसी नवीन सिद्धांत या ग्रंथ की भी रचना कर सकते हैं, जिससे आपको यश की प्राप्ति होगी।
आप अत्यंत बुद्धिमान होंगे तथा अपनी बुद्धिमत्ता से अपने सांसारिक कार्यों को सम्पन्न करेंगे। इनमें आपको इच्छित सफलताएं भी मिलती रहेंगी। आपकी प्रवृत्ति विलासी होगी तथा भौतिकता के प्रति अत्यधिक आकर्षण रहेगा। भ्रमणप्रिय होने के कारण समय-समय पर यात्रा भी करते रहेंगे। कला एवं संगीत में आप निपुण होंगे तथा कार्य करने में अत्यंत ही दक्ष होंगे।
शुक्र ऐश्वर्यशाली व विलासपूर्ण ग्रह है। गौर वर्ण, मध्यम कद तथा सुन्दर आकर्षक चेहरा इस राशि वाले जातक के प्रारम्भिक लक्षण हैं। यह राशि चर संज्ञक, वायु तत्व प्रधान व पश्चिम दिशा की स्वामिनी है। प्राकृतिक स्वभाव वृषभ तुल्य होते हुए भी इस राशि वाले विचारशील, ज्ञान प्रिय, कुशल कार्य, सम्पादक व राजनीतिज्ञ होते हैं।
आपमें सहनशीलता का भाव विद्यमान होगा और धैर्यपूर्वक कार्यों को सम्पन्न करके उनमें सफलता की प्रतीक्षा करने में समर्थ होंगे। साथ ही सरकार या उच्चाधिकारी वर्ग से आपको समय-समय पर धनार्जन होता रहेगा। आपमें शारीरिक बल की भी प्रचुरता रहेगी। फलतः परिश्रम एवं पराक्रम का प्रदर्शन करके आप जीवन में मनोवांछित सफलताओं को अर्जित करेंगे। जिससे समाज में आपका प्रभाव रहेगा तथा सभी लोग आपका आदर करेंगे। साथ ही यश भी दूर-दूर तक व्याप्त रहेगा। धर्म के प्रति आपके मन में पूर्ण श्रद्धा रहेगी तथा अवसरानुकूल आप धार्मिक कृत्यों को नियमपूर्वक सम्पन्न करेंगे, जिससे आपको वांछित लाभ एवं सहयोग मिलता रहेगा। विवाहोपरांत इनके जीवन में कुछ महत्त्वपूर्ण परिवर्तन देखे जा सकते हैं। समुद्री-यात्रा आपके लिए कोई विशेष लाभप्रद नहीं है।
यदि आपका जन्म तुला राशि में ‘चित्रा नक्षत्र’ 3 व 4 चरण (रा, री) में है, तो आपका जन्म 7 वर्ष की मंगल की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-व्याघ्र, गण-राक्षस, वर्ण-शूद्र, हंसक-वायु, नाड़ी-अन्त्य, पाया-चांदी, प्रथम तीन चरण का वर्ग-हिरण तथा अंतिम चरण का वर्ग-सर्प है। स्वाति नक्षत्र में जन्मे लोग अति उत्साही, बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं।
यदि आपका जन्म तुला राशि में ‘विशाखा नक्षत्र’ के तीन चरणों (ती, तू, ते) में हैं, तो आपका जन्म 16 वर्ष की बृहस्पति की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-व्याघ्र, गण-राक्षस, वर्ण-शूद्र, हंसक-वायु, नाड़ी-अन्त्य, पाया-तांबा एवं वर्ग-सर्प है। विशाखा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति विरोधियों का सफाया बहुत चतुराई से करते हैं।
शुक्र एक विलासी, शीतल व सौम्य ग्रह है। यह रात्रि को हल्की श्वेत झलकदार किरणें बिखेरता है। अतः श्वेत रंग व साफ-सुथरी, ऐश्वर्य प्रधान वस्तुओं का व्यापार आपके अनुकूल कहा जा सकता है। आपके लिए अनुकूल रत्न ‘हीरा’ है।
तुला राशि वालों के लिए उपाय
4 1/4 रत्ती का ओपेल रत्न ‘शुक्र यंत्र’ में जड़वाकर धारण करें। सुगंधित द्रव्यों का प्रयोग करें। घर की महिलाओं, यथा-पत्नी, बहन, बच्ची व माता का सम्मान करें। रविवार व मंगलवार के अलावा पीपल को सींचे। गाय की सेवा करें। सुगन्धित रुमाल पास में रखें।
तुला राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ तुला
- राशि चिह्न ‒ तराजू
- राशि स्वामी ‒ शुक्र
- राशि तत्त्व ‒ वायु तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ चर
- राशि दिशा ‒ पश्चिम
- राशि लिंग व गुण ‒ पुरुष, रजोगुणी
- राशि जाति ‒ शुक्र
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ क्रूर स्वभाव, त्रिधातु प्रकृति
- राशि का अंग ‒ गुप्तांग
- अनुकूल रत्न ‒ हीरा
- अनुकूल उपरत्न ‒ अमेरिकन डायमंड, ओपल
- अनुकूल धातु ‒ प्लेटिनम, चांदी
- अनुकूल रंग ‒ सफेद
- शुभ दिवस ‒ शुक्रवार
- अनुकूल देवता ‒ मां लक्ष्मी/संतोषी माता
- व्रत, उपवास ‒ शुक्रवार
- अनुकूल अंक ‒ 6
- अनुकूल तारीखें ‒ 6/15/24
- मित्र राशियां ‒ मिथुन, मकर, कुंभ, धनु, कर्क
- शत्रु राशियां ‒ सिंह
- व्यक्तित्व ‒ अन्वेषक, खोजी, मास्टर माइंड
- सकारात्मक तथ्य ‒ आत्मविश्वासी, आकर्षक वाणी
- नकारात्मक तथ्य ‒ ईर्ष्या, घमंड, अति धूर्तता