चू, चे, चो, ला अश्विनी-4
ली, लू, ले, ला भरणी-4
अ कृत्तिका-1
ग्रह स्थिति
मासारम्भ में राहु मेष राशि का लग्न में, मंगल वृषभ राशि का द्वितीय भाव में, बुध+सूर्य+शुक्र कन्या राशि का षष्ठम भाव में, केतु तुला राशि का सप्तम भाव में, चंद्रमा वृश्चिक राशि का अष्टम भाव में, शनि मकर राशि का दशम भाव में, बृहस्पति मीन राशि का बारहवें भाव में स्थित है।
8 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक
दिनांक 8 से 10 के मध्य का समय चिन्ताकारक रहेगा। दूसरों के झगड़ों में अपनी टांग न अड़ाएं। आप पर भारी पड़ सकता है। किसी विवाद में जबरन ही आपका नाम घसीट लिया जाएगा। अपमान सहन करना पड़ सकता है। 11, 12 को समय की शुरुआत शानदार रहेगी। युवाओं को कड़े परिश्रम के बाद सफलता मिलेगी। आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। किसी से अचानक हुई मुलाकात रिश्ते में बदल सकती है। समय अच्छा रहेगा। इसका आप पूरा-पूरा लाभ उठाएं। मौज-मस्ती का समय रहेगा। 13, 14, 15 को सामान्य फलसूचक समय रहेगा। कारोबारी मंदी दूर होगी और आप अच्छे लाभ के साथ प्रतिद्वन्द्वियों पर वर्चस्व बनाने में कामयाब होंगे। दान-पुण्य के अवसर प्राप्त होंगे।
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मेष राशि का वार्षिक भविष्यफल

यह वर्ष मेष राशि के जातकों के लिए उपलब्धियों से भरपूर रहेगा। निरंतर उन्नति के पायदानों को आप स्पर्श करेंगे। आपके राशि के अधिपति मंगल आठवें स्थान में स्वग्रही हैं, अतः इस वर्ष आप उपलब्धियां हासिल करेंगे। दशम स्थान में स्वग्रही शनि भी कार्य विस्तार की योजना को कार्यरूप में परिणित करेगा। पैसा इस वर्ष आएगा, परंतु व्यय की भी अधिकता बनी रहेगी। जितनी तीव्रता से पैसा आएगा, उतनी ही तेजी से व्यय भी होगा। स्वास्थ्य में हल्के-फुल्के उतार-चढ़ाव वर्ष पर्यंत रहेंगे, उससे कई बार काम पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा। पेट से संबंधित व्याधि, सर्दी, खांसी, जुकाम आदि रोगों से दिक्कत रह सकती है। घातक व गम्भीर बीमारी की आशंका व संभावना नहीं है। दीर्घकालिक बीमारियों जैसे हार्ट डिजीज, मधुमेह, ब्लडप्रेशर जैसी बीमारियों से
सावधान रहें। अपनी दिनचर्या व खान-पान को व्यवस्थित व नियमित रखें। आप मेष राशि के व्यक्ति हैं। ऐसे व्यक्ति व जातक घोर परिश्रमी व मेहनती होते हैं। अपनी मेहनत के बल पर आप जीवन में सभी कुछ पायेंगे। जिसकी आपने महत्त्वाकांक्षा की है। इस वर्ष आठवें स्थान में मंगल, चंद्र, केतु की युति आठवें स्थान में है। अतः शत्रुओं की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखें। ग्रह स्थितियां कुछ इस प्रकार बनी हुई हैं कि प्रत्येक काम में आपको सफलता शुरुआत में शायद ही मिल पाए, लेकिन धीरे-धीरे आप कार्यकुशलता व कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए हर स्थिति-परिस्थिति को अपने पक्ष में कर लेंगे। नौकरी में बॉस व वरिष्ठ अधिकारियों से सहकर्मियों व शत्रुओं के कारण कुछ गलत फहमियां उत्पन्न हो सकती हैं। विद्यार्थी अपने लक्ष्यों की तरफ ध्यान केन्द्रित करेंगे। आपको अपने व्यवहार, वाणी में थोड़ी सी उदारता व लचीलापन लाना पड़ेगा। पति-पत्नी में इस वर्ष आपसी तालमेल व सामंजस्य बहुत ही बढ़िया रहेगा। लॉटरी, जुआ, सट्टा, शेयर्स, एनसीडीएक्स में भूलकर भी पैसा नहीं लगाएं। भावुकता आपके लिए घातक रह सकती है। दशम स्थान में शनि के कारण व्यापार व कारोबार में आप कई नए-नए प्रयोग करेंगे। सरकारी मामलों में कोर्ट-कचहरी आदि में विजयश्री मिलेगी। इस वर्ष परिवार से आपको वांछित सहयोग मिलेगा। परिवार के सदस्य हर परिस्थिति में आपके साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे। नौकरी में भी अपने काम, अपनी जिम्मेदारी व कर्तव्य का निर्वहन बड़ी ही संजीदगी व गंभीरता से करें। आपके कार्यशैली व व्यवहार से नाखुश होकर लोग आपकी शिकायत कर सकते हैं। आप मेष राशि के जातक हैं तथा मेष राशि के जातक अति उत्साही व जल्दबाज होते हैं। जल्दबाजी व अति उत्साह में कोई गलत निर्णय नहीं लें। व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वी व प्रतिस्पर्धी आपके विरुद्ध कोई गुप्त योजना व षड्यंत्र रच सकते हैं। इस वर्ष धन भाव में राहु की स्थिति वर्षारंभ में है। अतः पैसा पास में टिक नहीं पायेगा। पैसा आने से पहले जाने का रास्ता तैयार रहेगा। इस वर्ष प्रेम-प्रसंगों व संबंधों से एक निश्चित दूरी बनाकर रखें, अन्यथा आपके अध्ययन व करियर पर इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
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मेष राशि की चारित्रिक विशेषताएं
मेष राशि का स्वामी मंगल है, जो अग्नि तत्त्व प्रधान होता है। यह पुरुष सूचक राशि है। मेष राशि का राशि चिन्ह ‘मेढ़ा’ है। इसका प्राकृतिक स्वभाव साहसी, अभिमानी व पौरुषशाली है। कोई जरा-सी विपरीत बात कह दे, तो इनको सहन नहीं होता। ऐसे जातक को क्रोध शीघ्र आता है, परंतु इनका क्रोध क्षणिक होता है।
मेष राशि के व्यक्ति प्रायः मध्यम कद के होते हैं। अति उत्साही होने के कारण कई बार जल्दबाजी में काम को गड़बड़ भी कर देते हैं। मेष राशि वाले व्यक्ति स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं। दूसरों की हुकूमत को ये लोग बिलकुल भी पसन्द नहीं करते तथा एक खास बात और कि ये लोग दूसरों के आधिपत्य या हुकूमत में रहकर विकास नहीं कर सकते, जब ये लोग स्वतंत्र कार्य करेंगे तभी इनका विकास संभव होगा। इनको अपने मनोभावों पर नियन्त्रण रखना चाहिए, परंतु क्रोधावस्था के कारण ये अपना आत्मनियंत्रण खो बैठते हैं।
सामान्यतया मेष लग्न में उत्पन्न जातक साहसी, पराक्रमी, तेजस्वी तथा परिश्रमी होते हैं तथा अपने इन्हीं गुणों से वे जीवन में वांछित मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा अर्जित करने में समर्थ रहते हैं। ये अत्यधिक सक्रिय एवं क्रियाशील होते हैं तथा अपने इन्हीं गुणों से जीवन में इच्छित उन्नति प्राप्त करते हैं।
मेष लग्न के प्रभाव से जातक अपने शुभ एवं महत्त्वपूर्ण कार्यों को परिश्रम एवं निर्भयता से सम्पन्न करेंगे। इनमें स्वाभिमान का भाव भी विद्यमान रहेगा तथा स्वपरिश्रम व योग्यता से जीवन में मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा अर्जित करने में समर्थ होंगे।
इनके स्वभाव में प्रारम्भ में तेजस्विता का भाव विद्यमान रहेगा। फलतः यदा-कदा आप अनावश्यक क्रोध एवं चंचलता का प्रदर्शन करेंगे। जीवन में आपको जन्मभूमि के अतिरिक्त अन्य स्थान में सफलता प्राप्त नहीं होगी तथा वहीं आपका जीवन सुखपूर्वक व्यतीत होगा। साथ ही सांसारिक सुखोपभोग के साधनों को भी आप परिश्रमपूर्वक अर्जित करके सुखपूर्वक इनका उपभोग करने में समर्थ होंगे।
इस लग्न में जन्मे जातक को जीवन में काफी समस्याओं एवं परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, परन्तु अपने परिश्रम एवं दृढ़ संकल्प शक्ति के द्वारा आप इनका सामना तथा
समाधान करने में समर्थ होंगे। आपकी प्रवृत्ति में उदारता तथा सहिष्णुता का भाव भी विद्यमान रहेगा तथा अवसरानुकूल अन्य जनों को आप अपना सहयोग प्रदान करेंगे, जिससे आपके प्रति लोगों के मन में आदर का भाव उत्पन्न होगा।
आपके सांसारिक कार्य यद्यपि विलम्ब से सिद्ध होंगे, परन्तु गौरव एवं सम्मान का भाव बना रहेगा। कार्यक्षेत्र में आपको परिश्रम से उन्नति प्राप्त होगी तथा सामाजिक जनों के मध्य भी समय पर मान-सम्मान मिलता रहेगा। आपको अपनी प्रवृत्ति का अन्य जनों के समक्ष सादगीपूर्ण प्रदर्शन करना चाहिए तथा इसमें अनावश्यक दिखावे का समावेश नहीं करना चाहिए। जीवन में आपको इच्छित सुख-ऐश्वर्य एवं वैभव की प्राप्ति होगी। आप एक परिश्रमी, तेजस्वी, कार्य निकालने में चतुर, परन्तु मन्द गति से कार्य करने वाले होंगे तथा जीवन में आवश्यक सुखों का उपभोग करने में समर्थ होंगे।
आप बहुत ही परिश्रमी व साहसिक कार्यों में रुचि लेने वाले व्यक्ति हैं। ऐसे व्यक्ति प्रायः खेल-कूद, शिकार, सैनिक व पुलिस विभाग, मशीन, भट्टी व ज्वलनशील पदार्थों तथा
धातु इत्यादि वस्तुओं में रुचि लेते देखे गए हैं।
धार्मिक विचारों में आपका दृष्टिकोण अन्य लोगों से भिन्न है। आप शक्ति के उपासक हैं। ऐसे व्यक्ति अपनी बात के धनी होते हैं तथा आपकी राशि अग्नि तत्त्व प्रधान होते हुए भी आप शर्त के पक्के होते हैं। आप झगड़ा करना पसन्द नहीं करते, परन्तु जब कोई सीमा का उल्लंघन करने की चेष्टा करता है, तो उसे जबरदस्त सबक सिखाए बिना नहीं रहते। युद्धकला में प्रायः ऐसे व्यक्ति निपुण होते हैं। भूमि व कोर्ट-कचहरी संबंधी कार्यों में ये प्रायः विजय प्राप्त करते हैं।
आपका भाग्योदय 28 वर्ष के पश्चात् होने की संभावना बनती है। परंतु इसके लिए कुण्डली में भाग्येश का विचार करना भी आवश्यक है।
यदि आपका जन्म 21 मार्च व 20 अप्रैल के मध्य हुआ है, तो आपका भाग्योदय निश्चित रूप से 28 वर्ष के पश्चात संभव है। आप पूर्णतः सेल्फमेड व्यक्ति हैं। आप अपना भाग्य स्वयं निर्मित करते हैं। परन्तु याद रखें, बिना परिश्रम के आपको विशेष लाभ होने की संभावना नहीं है।
यदि आपका जन्म ‘भरणी’ नक्षत्र में है तथा आपका नाम ‘ल’ से आंरभ होता है, तो आप कुछ लम्बे कद वाले व्यक्तियों की गिनती में हैं। आपके अनेक मित्र हैं तथा मित्रजनों पर आपकी पूर्ण कृपा है। आपको छिछले एवं चुगलखोर मित्र कतई पसन्द नहीं। आप दूरदर्शी होने के साथ-साथ मितव्ययी भी हैं। फिजूल के खर्च व व्यर्थ के दिखावे में आपकी रुचि नहीं है। भ्रमण व घूमने-फिरने के शौक के साथ-साथ आपको उत्तेजनापूर्ण चटपटे भोजन में भी बहुत रुचि होती है।
लाल रंग व ज्वलनशील पदार्थ आपके अनुकूल कहे जा सकते हैं। मंगल एक शौर्यवान व तेजोमय ग्रह होने से, जहां शांति व प्रसन्नता असफल हो जाती है, वहां पर आप झगड़े व डांट-डपट से अपना कार्य आसानी से सिद्ध कर सकते हैं।
आपके लिए मंगलवार सर्वश्रेष्ठ शुभकारी रहेगा तथा इष्टदेव के रूप में हनुमानजी आपके मनोरथ को पूर्ण करेंगे। आपका अनुकूल रत्न ‘मूंगा’ है।
मेष राशि वालों के लिए उपाय
- मेष राशि वालों को बजरंगबली की उपासना, सुन्दरकाण्ड, हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। कर्ज से निवृत्ति के लिए ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
- आजीविका (काम-काज, कार्यक्षेत्र) में यदि समस्या आ रही हो तो ‘मूंगा’ अथवा ‘तामड़ा’ युक्त ‘मंगल यंत्र’ गले में भी धारण करें।
- मंगलवार का व्रत करें। मसूर की दाल व गुड़ गाय को खिलाएं।
- तांबा और सोना के मिश्रण से सवा 5 से 9 रत्ती तक की अंगूठी बनाकर धारण करें। लाभ होगा।
- मूंगा या तामड़ा रत्न धारण करें। इनके अभाव में ताम्र का सिक्का भी धारण किया जा सकता है।
मेष राशि की प्रमुख विशेषताएं
1. राशि ‒ मेष
2. राशि चिह्न ‒ मेढ़ा
3. राशि स्वामी ‒ मंगल
4. राशि तत्त्व ‒ अग्नि तत्त्व
5. राशि स्वरूप ‒ चर
6. राशि दिशा ‒ पूर्व
7. राशि लिंग व गुण ‒ पुरुष
8. राशि जाति ‒ क्षत्रिय
9. राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ क्रूर स्वभाव, पित्त प्रकृति
10. राशि का अंग ‒ सिर
11. अनुकूल रत्न ‒ मूंगा
12. अनुकूल उपरत्न ‒ तामड़ा
13. अनुकूल रंग ‒ लाल
14. शुभ दिवस ‒ मंगलवार, रविवार
15. अनुकूल देवता ‒ शिवजी, भैरव, हनुमान
16. व्रत, उपवास ‒ मंगलवार
17. अनुकूल अंक ‒ 9
18. अनुकूल तारीख़ें ‒ 9/18/27
19. मित्र राशियां ‒ सिंह, तुला व धनु
20. शत्रु राशियां ‒ मिथुन व कन्या
21. व्यक्तित्व ‒ दबंग, क्रोध युक्त व साहसी
22. सकारात्मक तथ्य ‒ कुटुम्ब को पालने वाला, चुनौती को स्वीकार करने वाला, सदैव क्रियाशील
23. नकारात्मक तथ्य ‒ दम्भी, अधैर्यशाली

