भो, जा, जी उत्तराषाढ़ा‒3
जू, जे, जो, खा अभिजित-4
खा खी, खू, खे, खो श्रवण‒4
गा, गी धनिष्ठा‒2
ग्रह स्थिति
मासारम्भ में शनि मकर राशि का लग्न में, बृहस्पति मीन राशि का तृतीय भाव में, राहु मेष राशि का चतुर्थ भाव में, मंगल वृषभ राशि का पंचम भाव में, सूर्य+शुक्र सिंह राशि का अष्टम भाव में, बुध कन्या राशि का नवम भाव में, केतु+चंद्रमा तुला राशि का दशम भाव में स्थित है।
1 सितम्बर से 7 सितम्बर तक
1 सितम्बर को बनता-बनता काम रुक जाएगा। क्रोध व वाणी पर नियंत्रण रखें। मान-सम्मान, यश-कीर्ति व प्रतिष्ठा का ग्राफ निरंतर बढ़ेगा। 2 सितम्बर को राजकीय क्षेत्र में आपका वर्चस्व, दबदबा व रुतबा बढ़ेगा। 3 व 4 सितम्बर को नौकर-चाकर, वाहन व भौतिक ऐश्वर्य के साधनों में वृद्धि होगी। कहीं से कोई शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आप प्रतिद्वंद्वियों व प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ देंगे। 5 व 6 सितम्बर को हाथ में आता-आता रुपया रुक जाएगा। धनहानि के योग प्रबल हैं। घर के किसी बुजुर्ग का स्वास्थ्य गड़बड़ हो सकता है। 7 को शत्रु व विरोधी अस्त होंगे। आपसी मतभेद व गलत फहमियों का निराकरण होगा।
मकर राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
2022 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
जनवरी | 4, 5, 8, 9, 27, 28, 31 | 1, 2, 11, 12, 20, 21, 22, 29, 30 |
फरवरी | 1, 4, 5, 23, 24, 28 | 7, 8, 16, 17, 18, 26 |
मार्च | 3, 4, 5, 22, 23, 27, 28, 31 | 6, 7, 8, 16, 17, 25 |
अप्रैल | 1, 19, 20, 23, 24, 27, 28 | 3, 4, 12, 13, 14, 21, 22, 30 |
मई | 16, 17, 20, 21, 22, 24, 25, 26 | 1, 9, 10, 11, 18, 19, 27, 28, 29 |
जून | 12, 13, 17, 18, 21, 22 | 6, 7, 8, 15, 23, 24, 25 |
जुलाई | 10, 11, 14, 15, 18, 19, 20 | 3, 4, 5, 12, 13 20, 21, 22, 30, 31 |
अगस्त | 6, 7, 11, 12, 14, 15, 16 | 1, 9, 17, 18, 26, 27, 28 |
सितम्बर | 2, 3, 4, 7, 8, 11, 12, 30 | 5, 6, 13, 14, 15, 23, 24, 25 |
अक्टूबर | 1, 4, 5, 6, 8, 9, 27, 28 | 2, 3, 11, 12, 20, 21, 22, 30, 31 |
नवम्बर | 1, 2, 4, 5, 6, 23, 24, 28, 29 | 7, 8, 16, 17, 18, 26 |
दिसम्बर | 2, 3, 21, 22, 25, 26, 29, 30 | 4, 5, 6, 14, 15, 16, 23, 24 |
मकर राशि का वार्षिक भविष्यफल
इस वर्ष मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है। इस वर्ष 29 अप्रैल तक शनि आपकी राशि में गतिशील रहेंगे। शनि का यह परिभ्रमण स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव तो रखेगा, परंतु व्यापार व कामकाज में सफलता के संकेत इस दौरान मिल रहे हैं। इस वर्ष आपको मेहनत व परिश्रम पहले की अपेक्षा कुछ अधिक ही करना पड़ेगा। आप पूरी तरह से तल्लीन होकर काम में जुट जाएंगे। यह वर्ष आपके लिए काफी चुनौतियों से परिपूर्ण रहेगा। समस्याएं भी एक के बाद एक लगी रहेंगी। आप कठोर परिश्रम, बुद्धि, विवेक व होशियारी से हर समस्या, हर मुश्किल का हल खोज ही लेंगे। इस वर्ष व्यापार व कामकाज को पटरी पर लाने के लिए भरसक मेहनत, प्रयास व परिश्रम करना पड़ेगा। इन संघर्ष पूर्ण स्थितियों के बीच लाभ की भी बरसात होगी। परंतु आपको कई मामलों में बहुत सजग व होशियार रहना पड़ेगा। भागीदार पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करें व ग्राहकों के साथ सीधा संवाद में रहें। इस वर्ष धन प्राप्ति की संभावनाएं प्रबल हैं। एकादश स्थान में वर्षारंभ में मंगल+चंद्रमा की युति धनदायक रहेगी, लेकिन इस वर्ष खर्च की भी प्रबल संभावनाएं हैं। धन का प्रवाह बना रहेगा, पैसा पास में टिक नहीं पाएगा।
इस वर्ष शनि आपकी राशि में तथा दूसरे भाव (कुंभ राशि) में वर्षपर्यंत परिभ्रमण करेंगे। अतः व्यापार में विस्तार की जो योजना पिछले काफी समय से लम्बित चल रही थी, उस पर काम होगा। बुध वर्षारंभ में शनि के साथ है। अतः बुद्धिमत्ता व विवेक से आप हर मुश्किल समस्या का हल निकाल ही लेंगे। यह वर्ष आपके लिए उपलब्धियों से परिपूर्ण रहेगा। 4 जून से 23 अक्टूबर के मध्य शनि वक्रस्थिति में चलायमान रहेंगे। अतः इस दौरान कभी-कभार मन में निराशाजनक व नकारात्मक विचारों की स्थिति बन सकती है। व्यापार व कार्यक्षेत्र में कुछ महत्त्वपूर्ण सूचनाएं व व्यापारिक जानकारी लीक हो सकती है। भागीदार व कर्मचारी की हर गतिविधि पर पैनी निगाह आपको बड़े से बड़े खतरे से बचा सकती है। शत्रु व विरोधी हावी होंगे, सम्पत्ति के रख-रखाव पर खर्चा होगा। 4 जून से 23 अक्टूबर के मध्य शनि के वक्रत्व काल में स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव रहेंगे। पेट से सम्बंधित समस्या, जोड़ों का दर्द, दीर्घकालिक बीमारियां हार्ट डिजीज, ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं भी रहेंगी। व्यापार में नए अनुबंधन व करार इस वर्ष जून के पश्चात होंगे। आपको सलाह दूंगा कि आप किसी भी दस्तावेज पर बिना पढ़े हस्ताक्षर नहीं करें। नौकरी में जो समस्याएं चली आ रही थीं वह समाप्त हो जाएंगी। विभागीय जांच व अन्य नौकरी से सम्बंधित जांच का निर्णय आपके पक्ष में आएगा। नौकरी से सम्बंधित परीक्षा का परिणाम आपके पक्ष में आएगा। प्रतियोगी परीक्षा, इंटरव्यू, साक्षात्कार का परिणाम आपके पक्ष में आएगा। मित्रों से सहयोग मिलेगा। इस वर्ष आप जो काम करने की एक बार मन में ठान लेंगे, उसे पूरा करके ही दम लेंगे। इस वर्ष मनोनुकूल तबादला, पदोन्नति व वेतन वृद्धि के अवसर मिल सकते हैं। काम में लापरवाही नहीं करें। इस वर्ष व्यापार विस्तार को लेकर लोन ले सकते हैं। शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है। अतः वाहन सावधानी पूर्वक चलाएं। अजनबी व अपरिचित व्यक्तियों से व्यवहार में पूरी सावधानी रखें। अपने अध्ययन के प्रति समर्पित रहेंगे। आत्मविश्वास व मनोबल आप में गजब का रहेगा। जून से अक्टूबर के मध्य शनि के वक्रत्व काल में किसी रिश्तेदार से सम्बंधित कोई अशुभ या अप्रिय समाचार प्राप्त होंगे। वर्ष के अंत में घर में किसी शुभ या मांगलिक प्रसंग की रूपरेखा बन सकती है।
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मकर राशि की चारित्रिक विशेषताएं
मकर राशि का स्वामी शनि है। शनि प्रधान व्यक्ति मेहनत से नहीं घबराते हैं। मकर राशि के जातक व्यावहारिक (प्रैक्टिकल) तथा बलवान होते हैं, परंतु पैरों में कभी-कभार तकलीफ रहती है।
शनि पाप ग्रह है तथा उनका रंग काला है। इस राशि वाले व्यक्ति प्रायः काले, नाक चपटी, पैनी आंखें, शरीर से ये पतले, फुर्तीले तथा कुछ लम्बे कद के होते हैं। यह चर संज्ञक व पृथ्वी तत्त्व प्रधान राशि है। इसका प्राकृतिक भाव उच्च पदाभिलाषी प्रकृति की होती है। क्रोध इनको धीरे-धीरे आता है व शांत भी ये देरी से होते हैं। जहां ये अपना पक्ष कमजोर देखते हैं, वहां पर ये नम्र हो जाते हैं।
मकर राशि में उत्पन्न जातक शान्त तथा उदार प्रवृत्ति के होते हैं तथा अन्य जनों के प्रति उनके मन में प्रेम तथा सहानुभूति का भाव विद्यमान रहता है। इनके मुखमंडल पर विचारशीलता, शांति एवं गंभीरता सदैव बनी रहती है। ये अत्यंत ही कर्मशील एवं परिश्रमी होते हैं। फलतः सांसारिक महत्त्व के कार्यों को सम्पन्न करके उनमें सफलता अर्जित करते हैं। इनमें कार्य करने की क्षमता प्रबल होती है तथा यही इनकी सफलता का रहस्य होता है। समाज एवं देशसेवा के प्रति ये उद्यत रहते हैं। ये साहसी एवं संघर्षशील होते हैं तथापि मन में यदा-कदा उदासीनता के भाव उत्पन्न होते हैं, जिससे सुख-दुःख में समान भाव की अनुभूति करते हैं। परिश्रमी एवं अध्ययनशील होने के कारण ये अनुसंधान विज्ञान या शास्त्रीय विषयों का ज्ञान अर्जित करके एक विद्वान के रूप में सामाजिक पहचान प्राप्त करते हैं। आप स्वस्थ एवं बलशाली पुरुष होंगे। आप में आदर्शवादिता का भाव होगा तथा अपने आदर्शों पर चलने के लिए आप स्वतंत्र होंगे। देश-सेवा का भाव भी आप में विद्यमान रहेगा तथा शत्रु एवं प्रतिद्वन्द्वियों से भी उदारता का व्यवहार करेंगे। फलतः वे भी आपसे प्रभावित होंगे।
आप बुद्धिमत्तापूर्वक अपने कार्यकलापों को सम्पन्न करके धनैश्वर्य, वैभव एवं सुख अर्जित करेंगे। संगीत के प्रति आपकी विशेष रुचि रहेगी तथा इस क्षेत्र में परिश्रमपूर्वक कोई विशिष्ट उपलब्धि भी अर्जित कर सकते हैं। आप श्रेष्ठ कार्यों को करने में रुचि लेंगे तथा एक चतुर व्यक्ति के रूप में जाने जाएंगे। आपकी पुत्र संतति प्रसिद्ध रहेगी तथा उनसे आपको इच्छित सुख एवं सहयोग मिलता रहेगा।
पिता के प्रति आपके मन में पूर्ण सम्मान तथा आदर की भावना होगी तथा उनकी सेवा करने में हमेशा तत्पर रहेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी तथा प्रचुर मात्रा में धन एवं लाभ अर्जित करके एक धनवान के रूप में सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त करेंगे। आप युवावस्था में संघर्षशील रहेंगे और वृद्धावस्था में सुख एवं शांति प्राप्त करेंगे।
धर्म में आस्था होने के कारण समयानुसार धार्मिक कार्यकलापों को भी सम्पन्न करेंगे। इससे आपको मानसिक शांति प्राप्त होगी। मित्र एवं बंधु वर्ग के आप प्रिय होंगे तथा इनसे आपको पूर्ण लाभ एवं सहयोग प्राप्त होगा। आप किसी बात पर निर्णय सोच-विचार कर धीरे-धीरे लेंगे। आप ऊंची-ऊंची योजनाएं बनाने में सदा तत्पर रहते हैं। कमाते बहुत हैं पर धन पास में टिकता नहीं, हर समय द्रव्य का अभाव महसूस करते हैं। पत्नी व आपके विचारों में असमानताएं, आपके वैवाहिक सुख को कटुतर बनाने में सहायक हैं। आपकी राशि का चिह्न ‘मगरमच्छ’ है। ‘मगरमच्छ के आंसू’ वाली कहावत लोक-प्रसिद्ध है। ऐसे व्यक्ति दीन स्वरूप व दयनीय स्थिति का बोध कराते हैं, लेकिन कपटी होते हैं। ये बहुभोगी व विषयवासना में आसक्त रहने वाले व्यक्ति होते हैं। भोजन के बाद शीघ्र आराम करने की इच्छा रहती है। ये कहते कुछ हैं व करते कुछ हैं।
यदि आपका जन्म मकर राशि के ‘उत्तराषाढ़ा नक्षत्र’ के (भो, जा, जी) चरणों में हुआ है, तो आपका जन्म 6 वर्ष की सूर्य की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-नकुल, गण-मनुष्य, वर्ण-क्षत्रिय, हंसक-अग्नि, नाड़ी-अन्त्य, पाया-तांबा है। इस नक्षत्र का द्वितीय चरण का वर्ग-मूषक, अन्य दोनों चरणों का वर्ग-सिंह है। इस नक्षत्र में जन्मा जातक बहुत नम्र, बहुत मित्रों वाला, धार्मिक, कृतज्ञ, भाग्यशाली होता है। उत्तराषाढ़ा सूर्य का नक्षत्र है, जो कि चंद्रमा का मित्र है, इसलिए यह शुभ फल कहा जाता है।
यदि आपका जन्म मकर राशि के ‘श्रवण नक्षत्र’ (जू, जे, जो, खा) में हुआ है, तो आपका जन्म 10 वर्ष की चंद्रमा की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-कपि, गण-देव, वर्ण-वैश्य, हंसक-भूमि, नाड़ी-अन्त्य, पाया-तांबा तथा प्रथम तीन चरण का वर्ग-सिंह एवं अन्तिम चरण का वर्ग-बिलाव है। श्रवण नक्षत्र में जन्मे लोग अपने कार्यक्षेत्र में ऊंचा नाम कमाते हैं। परोपकार व धार्मिक कार्यों में धन, समय व श्रम का समुचित उपयोग करेंगे।
यदि आपका जन्म मकर राशि के ‘धनिष्ठा नक्षत्र’ के प्रथम व द्वितीय चरण (गा, गी) में हुआ है, तो आपका जन्म 7 वर्ष की मंगल की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-सिंह, गण-राक्षस, हंसक-भूमि, नाड़ी-मध्य, पाया-तांबा एवं वर्ग-बिलाव है। धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति निडर व निर्भीक होता है। ये संगीत प्रेमी होते हैं और समाज में इनकी प्रतिष्ठा होती है।
मकर राशि वाले व्यक्ति प्रायः एकांतप्रिय व भीड़-भाड़ से दूर रहना पसन्द करते हैं। इनमें स्वार्थ की प्रवृत्ति कुछ विशेष रहने के कारण इनको धार्मिक व राजनैतिक क्षेत्र में सफलताएं कम मिलती हैं। ये अत्यधिक गोरे होंगे या काले। इसी प्रकार या तो ये कट्टर आस्तिक होंगे या फिर एकदम नास्तिक। आपके अनुकूल फलदायक रत्न ‘नीलम’ है।
मकर राशि वालों के लिए उपाय
आपकी राशि का अधिपति शनि है। अतः 7 प्रकार के अनाज व दालों को मिलाकर पक्षियों को चुगाएं। काले कुत्ते को रोटी खिलाना भी आपके लिए लाभप्रद रहेगा। गहरे रंग के कपड़ों का प्रयोग करें। बैंगनी रंग व नीला रंग उपयुक्त रहता है। नीलम, नीली या शनि यंत्र धारण करें। शनिवार का व्रत करें।
मकर राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ मकर
- राशि चिह्न ‒ मगरमच्छ
- राशि स्वामी ‒ शनि
- राशि तत्त्व ‒ पृथ्वी तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ चर
- राशि दिशा ‒ दक्षिण
- राशि लिंग व गुण ‒ स्त्री, तमोगुणी
- राशि जाति ‒ वैश्य
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ सौम्य स्वभाव, वात प्रकृति
- राशि का अंग ‒ घुटना (टखने)
- अनुकूल रत्न ‒ नीलम
- अनुकूल उपरत्न ‒ कटेला
- अनुकूल धातु ‒ लोहा, त्रिलोह
- अनुकूल रंग ‒ नीला, आसमानी, काला
- शुभ दिवस ‒ शनिवार
- अनुकूल देवता ‒ शनिदेव
- व्रत, उपवास ‒ शनिवार
- अनुकूल अंक ‒ 8
- अनुकूल तारीख़ें ‒ 8/17/26
- मित्र राशियां ‒ कुंभ
- शत्रु राशियां ‒ सिंह
- व्यक्तित्व ‒ परोपकारी, दयालु, प्रशासक
- सकारात्मक तथ्य ‒ व्यावहारिक धरातल पर चलने वाला कठोर परिश्रमी, सही सलाह देने वाला
- नकारात्मक तथ्य ‒ सन्देहास्पद प्रवृत्ति, कठिनता से मानने वाला