Sexually Transmitted Diseases: अगर यौन संबंध के दौरान या यौन संबंध बनाने से पहले कपल्स हाइजीन का ख्याल नहीं रखते हैं, तो उन्हें कई खतरनाक बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। आज हम इस लेख में जानेंगे असुरक्षित सेक्स से आपको कौन-कौन सी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। असुरक्षित यौन संबंध से होने वाले जिन पांच खतरनाक बीमारियों के बारे में बात करने जा रहे हैं, वह है- एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और सी, सिफलिस, गोनोरिया, एचपीवी।
एचआईवी
एचआईवी एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसका रोकथाम तो है, पर इलाज नहीं एचआईवी के संक्रमण को सुरक्षित यौन से रोका जा सकता है। एचआईवी, जिसका पूरा नाम है , ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस। असुरक्षित यौन संबंध एचआईवी फैलने के मुख्य कारणों में से एक है। संक्रमित व्यक्ति के साथ बिना किसी सुरक्षा के सेक्स करने से यह बीमारी हो सकती है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के रक्त संचार या तरल शरीर के द्रव्य से भी एचआईवी का संक्रमण फैलता है।
हेपेटाइटिस बी और सी

हेपेटाइटिस बी और सी वायरस जनित संक्रामक बीमारी है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का लीवर प्रभावित होता है। अगर पीड़ित व्यक्ति में संक्रमण की स्थिति गंभीर है तो इससे लीवर का कैंसर तथा मृत्यु तक की संभावना होती है। हेपेटाइटिस बी और सी के फैलने के कारण है संक्रमित व्यक्ति का रक्त, वीर्य यानी सीमन, योनि द्रव्य यानी वेजाइनल डिसचार्ज का असंक्रमित व्यक्ति में स्थानांतरण होना।
हेपेटाइटिस बी और सी के मुख्य कारणों में से एक है असुरक्षित यौन संबंध। यह बीमारी गर्भवती महिला से उसके गर्भ में पल रहे शिशु में भी फैलता है।
सिफलिस
सिफलिस एक एसटीडी रोग है। इसके होने का कारण ट्रोपोनेमा पेलिडम बैक्टीरिया है, जो शरीर में खुले घाव या झिल्ली युक्त अंग जैसे; जनन अंगों से संक्रमण फैलता है। आमतौर पर से सिफलिस कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन बार-बार होने की स्थिति में यह घातक होता है।
गोनोरिया
गोनोरिया यौन से होने वाली बीमारी है। यह बीमारी की नीसेरिया गोनोरिया बैक्टीरिया के कारण होता है। इस बीमारी से संक्रमित होने वाले अंग है; मूत्र मार्ग, गर्भाशय-ग्रीवा, मलाशय , गला तथा आंख अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। जैसे; महिला तथा पुरुष के निजी अंगों में मवाद जैसा स्राव आना, पेशाब करते समय जलन का होना।
एचपीवी
एचपीवी एक यौन संचारित बीमारी है। इसका पूरा नाम है, ह्यूमन पेपिलोमावायरस। यह एक वायरस संक्रमण है, जो संक्रमित व्यक्ति के त्वचा से त्वचा के संपर्क से होता है। एचपीवी के 200 से अधिक प्रकार के वायरस पाए जाते हैं, जिनमें से 40 प्रकार के वायरस यौन संचारित है। कुछ एचपीवी के प्रकार से गर्भाशय ग्रीवा, गुदा का कैंसर होने का खतरा बनता है।
यौन संचारित रोगों से बचाव
असुरक्षित यौन से बचें।
एक से अधिक पार्टनर्स के साथ यौन संबंध ना बनाएं।
यौन संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करें।
किसी प्रकार की संक्रमण की स्थिति में यौन संबंध बनाने से बचें और उसका इलाज करवाएं।
इलाज की समय सीमा पूरी करें और जब तक बीमारी या संक्रमण पूरी तरह ठीक ना हो उसका इलाज अच्छे से करवाएं।
